Chhawla Case: लव प्रपोजल ठुकराने पर हुआ था छावला कांड, आंखों में acid डालकर शरीर के हर अंग को दिया था दरिंदगी का निशान
Chhawla Case: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के छावला रेप केस के दोषियों को बरी कर दिया। फाइनली मामला खत्म होने में कुल 10 साल लगे। लेकिन, 10 साल बाद सवाल जस का तस है। अगर तीनों दोषी रिहा हो गये तो आखिर इतने जघन्य कांड को अंजाम किसने दिया। कहा जाता है कि छावला कांड दिल्ली के निर्भया केस के बाद ऐसा कांड था जिसने देश को हिलाकर रख दिया था।
निर्भया कांड के बाद देश में लड़की के साथ यह दूसरी घटना थी, जिसकी दरिंदगी को सुनकर हर किसी का कलेजा कांप गया था। युवती को हर वो दर्द दिया गया था जिसकी उसने शायद ही कभी कल्पना तक की हो....
2012 के उस दिन क्या हुआ था
इस खौफनाक वारदात ने सूबे को हिलाकर रख दिया था। रोज की तरह छावला (Chhawla) की रहने वाली 19 वर्षीय अमृता (बदला हुआ नाम) गुड़गांव की एक कंपनी से शिफ्ट खत्म कर बस से घर लौट रही थी। इस बात से अंजान की आगे एक अनचाही वारदात उसका इंतजार कर रही है। बस से उतरने के बाद वह घर की तरफ कुछ दूर चली ही थी कि तभी..। पीछे से आई एक लाल रंग की इंडिका कार ने उसका रास्ता रोक लिया। कार सवार तीन लड़कों ने अमृता को जबरन कार में खींच लिया और किडनैप कर ले गये।
तय वक्त के बाद परेशान हुए परिजन
ऑफिस जाते समय अमृता ठीक समय निकली थी। लेकिन वारदात के दिन जब वह देर रात तक घर नहीं लौटीतो परिजनों की उसकी चिंता हुई। उसकी तलाश में जुटे घरवालों ने अमृता को कई जगह तलाशा। उसकी कंपनी में भी फोन कर पता किया गया। काफी देर तक खोजबीन करने के बाद परिजनों को पता चला कि कुछ अज्ञात बदमाश एक लड़की को जबरन गाड़ी में डालकर ले गये थे। कार को दिल्ली की तरफ जाते हुए देखा गया था।
पुलिस ने कहा हमारे पास गाड़ी नहीं है
मामूली गार्ड की नौकरी करने वाले करने वाले अमृता के पिता को अनहोनी की आशंका सता रही थी। परिजनों ने दिल्ली पुलिस की मदद लेने का फैसला किया। अलबत्ता, पुलिस को फोन किया गया। फोन के तकरीबन एक सबा घंटे बाद पुलिसवाले मौके पर पहुँचे। परिवार ने पुलिस को पूरी घटना बताई। लेकिन पुलिस की एक मजबूरी ने परिजनों को तब हैरानी में डाल दिया, जब उन्हें पता लगा कि बदमाशों को खोजने के लिए उनके पास गाड़ी नहीं है। यह दिल्ली पुलिस के लोगों ने ही कहा था, जिसके चलते उनकी फजीहत हुई थी।
हरियाणा में किया बारी-बारी बलात्कार
दिल्ली से अमृता को अगवा करने के बाद बदमाश हरियाणा पहुँचे चुके थे। वक्त गुजरते अमृता के साथ ज्यादती तेज होती जा रही थी। तीनों आरोपी अंदरूनी रास्तों के जानकार थे, लोकल के रहने वाले थे। शराब की बोतल मंगवाई गई। हरियाणा में कार को किनारे लगाकर शराब पीते हुए अमृता से दरिंदगी की जाने लगी। उसके कपड़े फाड़ दिये गये। तीनों दरिंदों ने लड़की के जिस्म को नोंचने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। वो दरिंदों से रहम की भीख मांगती रही। लेकिन तीनों लड़के हैवान बन चुके थे।
घड़ा उठाकर सिर पर दे मारा
दरिंदगी की कहानी यहीं समाप्त नहीं हुई। रेप से बदहवास हो चुकी अमृता पीने के लिए पानी मांग रही थी। तीनों में से एक आरोपी ने मार डालने का सुझाव दिया, लेकिन फिर एक आरोपी ने पानी लाकर लड़की कोे पिलाया। हैवानियत जागी तो फिर एक बार रेप किया गया। इसके बाद जिस घड़े से पानी पिलाया था वही घड़ा अमृता के सिर पर दे मारा। तीनों में से एक आरोपी गाड़ी से औजार निकाल लाया। इन औजारों से अमृता के सिर पर की वार किये गये। जिससे वह जमीन पर गिरकर छटपटाने लगी। इतना सब करने के बाद अभी दरिॆदों को जरा भी रहम नहीं आ रहा था।
बीयर की बोतल से काटा शरीर
अमृता दर्द और दरिंदगी को झेलते हुए बेहोश हो चुकी थी। दरिंदों ने उसकी पहचान छुपाने के लिए गाड़ी के गर्म साइलेंसर से उसे जगह-जगह से दागा था। उसके प्राइवेट पार्ट को भी जलाया। इसके बाद आरोपियों ने बीयर की बोतल का कांच फोड़ लड़की के जिस्म को तब तक काटते रहे जब तक वो मुर्दा ना हो गई। प्राइवेट पार्ट तक में टूटी बोतल घुसा दी गई थी। लड़की की आंखें फोड़कर कार की बैटरी का तेजाब भर दिया था। ये सभी बातें आरोपियों ने खुद पुलिस के सामने कबूल किये थे, इसके अलावा उन्होने बताया कि कई वार तो उनने अमृता पर मरने के बाद भी किये थे।
लाश मिलने के बाद इस तरह पकड़े गये आरोपी
पुलिस ने हरियाणा के रेवाड़ी से अमृता की लाश बरामद की थी। लड़की की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उसके साथ हुई दरिंदगी की कहानी बयान कर दी थी। पुलिस ने जब मामले की तफ्तीश शुरू की तो पता लगा कि तीनों वहशी हरियाणा के ही रहने वाले हैं। जिनकी पहचान राहुल, रवि और विनोद के रूप में हुई। तीनो ही पेशे से कार ड्राइवर थे। पुलिस ने इन तीनों को कार की पहचान और मोबाइल फोन के लोकेशन के आधार पर धर दबोचा।
केस के बाद अदालत में ये हुआ
उस वक्त की तहकीकात के बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस बताया था। दोषियों के खिलाफ IPC की धारा 376(2)/302/363 Qj 201 के तहत आरोप दर्ज किये गये थे। अमृता के मां-बाप ने तीनों दोषियों को फांसी की सजा दिये जाने की मांग की थी। वहीं बचाव पक्ष के वकीलों ने उम्र और सामाजिक हालत को देखते हुए उम्रकैद मांगी थी। दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने छावला से अगवा की गई अमृता नेगी के मामले में गंभीर रूख अपनाया। 13 फरवरी 2014 को तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए इनके द्वारा किये गये जघन्य कांड केमद्देनजर अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। यही सजा हाईकोर्ट से भी बरकरार रही।
आज सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया
आज सोमवार 7 नवंबर 2022 को मामले (Chhawla Rape & Murder Case) में देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले को पलट दिया। इस मामले में निचली अदालत के साथ ही हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा सुनाई थी। उत्तराखंड की मूल निवासी 19 साल की अमृता से गैंगरेप और जघन्य हत्याकांड के तीनों दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया। और अपने पीछे छोड़ गया एक सवाल। सवाल कि, अगर आरोपी बरी हो गये तो फिर आरोपी कौन है, जो सजा का हकदार हो?