MP News : शिवराज के राज में 3 पत्रकारों पर FIR, झूठी खबर चलाने का आरोप
MP News : मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh ) के भिंड जिले की पुलिस ने तीन पत्रकारों के खिलाफ फेक खबर ( Fake News ) चलाने के लिए एफआईआर ( FIR against three journalist ) दर्ज की है। स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी की शिकायत पर पुलिस ( Bhind Police ) ने आईपीसी की धारा 420, 505 और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत मामला दर्ज किया है। जिन पत्रकारों के खिलाफ पुलिस मामला दर्ज किया है उन्होंने ठेले पर मरीज को अस्पताल ले जाने की खबर चलाई थी।
इन पत्रकारों के खिलाफ FIR
भिंड जिला पुलिस ( Bhind Police ) ने स्थानीय पत्रकार कुंजबिहारी कौरव, अनिल शर्मा और एनके भटेले के खिलाफ मामला दर्ज किया है। भिंड के जिला कलेक्टर सतीश कुमार द्वारा गठित राजस्व और स्वास्थ्य विभागों की एक जांच टीम ने कहा कि परिवार ने एम्बुलेंस ( Ambulance ) के लिए कोई कॉल नहीं किया था। परिवार ने बुजुर्ग व्यक्ति ज्ञान प्रसाद विश्वकर्मा को पहले एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था न कि सरकारी अस्पताल में।
वीडियो में मरीज को ठेले पर जाते हुए दिखाया गया था
भिंड पुलिस ने तीनों पत्रकारों के खिलाफ मर्पुरा गांव के 40 वर्षीय ग्यास प्रसाद विश्वकर्मा की कहानी चलने के मामले मे ंदर्ज की है। ट्विटर पर डाले गए वीडियो में देखा जा सकता है कि ग्यास प्रसाद को उनके परिजन ठेले से अस्पताल ले जा रहे हैं। यही वीडियो इन तीनों पत्रकारों ने बनाया था और 16 अगस्त को शेयर किया था। पत्रकारांं ने कहानी में पीड़ित के परिजनों को दिखाया था और स्वास्थ्य व्यवस्था की खस्ता हालत पर टिपण्णी की थी। उन्होंने खबर में दावा किया था कि ग्यास प्रसाद के परिजन उन्हें ठेले पर ले जाने के लिए इसलिए मजबूर हुए क्योंकि 108 पर एम्बुलेंस ( Ambulance ) के लिए कई बार फोन करने के बाद भी कोई उत्तर नहीं मिला।
डीएम की जांच के बाद दावा - मरीज की ओर से किसी ने नहीं की एंबुलेंस के लिए कोई कॉल
इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद जिलाधिकारी ने इन्क्वायरी करवाई और उन्हें बताया गया कि ये खबर झूठी थी क्योंकि एम्बुलेंस के लिए कोई कॉल ही नहीं की गई थी। इसके बाद स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से यह एफआईआर दर्ज कराई है।
भिंड में एफआईआर के खिलाफ लामबंद हो रहे पत्रकार
MP News : दूसरी तरफ भिंड पुलिस की ओर से पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर ( FIR ) के विरोध में कई स्थानीय पत्रकार और मीडिया संस्थानों के लोगों ने इस मामले को वापस लेने के लिए धरना प्रदर्शन करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।