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Tamkuhiraj News : मर चुके बच्चे को कंधे पर लादकर ले जाना पड़ा मां को, अस्पताल वालों ने परिजनों को भी आने की नहीं दी मोहलत

Janjwar Desk
2 Aug 2022 11:36 AM GMT
Tamkuhiraj News :  मर चुके बच्चे को कंधे पर लादकर ले जाना पड़ा मां को, अस्पताल वालों ने परिजनों को भी आने की नहीं दी मोहलत
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Tamkuhiraj News : मर चुके बच्चे को कंधे पर लादकर ले जाना पड़ा मां को, अस्पताल वालों ने परिजनों को भी आने की नहीं दी मोहलत

Tamkuhiraj News : अपने मासूम को खो चुकी दुखियारी मां को मानवता के नाते अस्पताल ने इतना भी मौका नहीं दिया गया कि वह अपने परिवार के पुरुषों को बुला सके, रोती-बिलखती मां अपने मृत पुत्र को कंधे पर लादकर अस्पताल से बाहर निकली...

Tamkuhiraj News : सोचिये उस महिला के बारे में जिसने अपनी 5 वर्षीय मासूम औलाद की लाश को कंधे पर ढोया हो। ये किसी फिल्म का सीन नहीं है, बल्कि योगीराज में कुशीनगर स्थित तमकुहीराज का सच है, जहां एक मां को अपने मरे हुए बच्चे की लाश ले जाने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों ने एक अदद एंबुलेंस दिलवाना तो दूर, मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करना पड़ेगा, इससे बचने के लिए अस्पताल से भगा दिया।

जी हां, यह मामला है कुशीनगर के तमकुही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का, यहां पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों की संवेदनहीनता इस कदर मर चुकी है कि उन्होंने महिला को अस्पताल से भगा दिया। इंसानियत के नाते पहले तो उन्हें एक बेबस मां को मासूम की लाश ले जाने के लिए एंबुलेंस मुहैया करवानी चाहिए थी, उल्टा अस्पताल में मरे अपने 5 साल के बच्चे की लाश मां को कंधे पर लादकर ले जानी पड़ी। मां जिस तरह मृत पुत्र को कंधे पर ले जा रही थी उसे देख लोगों का हृदय द्रवित हो रहा था।

असल में अस्पताल कर्मचारियों ने इसलिए मां को बच्चे की लाश के साथ खदेड़ दिया क्योंकि उन्हें मृत्य प्रमाण पत्र बनाकर देना पड़ता। सरकारी अस्पताल से मृत्य प्रमाणपत्र देने का का झंझट आमतौर पर कर्मचारी नहीं लेते हैं, खासकर तब जब मरीज गरीब और कमजोर पृष्ठभूमि का हो।

दुखियारी मां को मानवता के नाते इतना भी मौका नहीं दिया गया कि वह अपने परिवार के पुरुषों को बुला सके

जानकारी के मुताबिक बिहार के रहने वाले नगर पंचायत ओहाब अंसारी नगर पंचायत तमकुहीराज कस्बा में किराये का मकान लेकर रहते हैं और रोजी रोटी के लिए राज मिस्त्री का काम किया करते हैं। सोमवार 1 अगस्त को दोपहर में जब ओहाब अंसारी का 5 वर्षीय पुत्र नूर मोहम्मद जब खेल रहा था तो खेलते खेलते अचानक वह बिजली की चपेट में आ गया। विद्युत स्पर्शाघात के शिकार अपने बच्चे को लेकर आनन फानन में रोती-fcलखती मां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तमकुहीराज लेकर पहुँची, जहां चिकित्सक ने जांच करने के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया।

बच्चे की मौत हो जाने की जानकारी उसकी मां को देने के साथ ही स्वास्थ्यकर्मी उसे तत्काल अस्पताल से ले जाने का दबाव बनाने लगे। दबाव ही नहीं बना रहे थे, बल्कि लगभग भगा ही रहा थे। दुखियारी मां को मानवता के नाते इतना भी मौका नहीं दिया गया कि वह अपने परिवार के पुरुषों को बुला सके। रोती बिलखती मां अपने मृत पुत्र को कंधे पर लादकर अस्पताल से बाहर निकली।

स्वास्थ्यकर्मियों की संवेदनहीनता के कारण मृत बच्चे को कंधे पर लादकर ले जाते देख एक व्यक्ति ने अपने बाईक से उसे घर पहुंचाया। बेटे की लाश अस्पताल से कंधे पर लादकर निकलती मां को देखकर अनयास ही लोगों का हृदय द्रवित हो जा रहा था।

इस संबंध में जब सीएमओ व सीएचसी के अधीक्षक से बातचीत के लिए टेलीफोनिक संपर्क साधने का प्रयास किया गया तो सीएचसी अधीक्षक का मोबाईल बंद मिला, जबकि सीएमओ के मोबाईल पर बार बार घंटी जाने के बाद भी रिसीब नहीं किया गया।

अस्पताल कर्मचारियों से मिली जानकारी के अनुसार इस घटना के बाद सीएमओ आए और उन्होंने जांच कमेटी गठित कर एक टीम पीड़ित परिवार के पास भेजी है। हालांकि सीएमओ फोन नहीं उठा रहे हैंए जिसके कारण यह नहीं पता चल पा रहा है कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई की जा रही है। मगर असल सवाल यह है कि क्या इस घटना के लिए कोई दोषी भी है या मासूम की असमय मौत को भगवान की इच्छा मान लीपापोती कर दी जाएगी।

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