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Dr SN Subba Rao Passed Away: गांधीवादी विचारक पद्मश्री डॉ एसएस राव का निधन, चंबल के 654 डकैताें का कराया था सामूहिक सरेंडर
नहीं रहे गांधीवादी विचारक और पद्मश्री से सम्मानित डॉ. एसएन सुब्बाराव
Dr SN Subba Rao Passes Away: प्रख्यात गांधीवादी विचारक और पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित डॉ. एसएन सुब्बाराव (Dr SN Subba Rao) का 93 साल की उम्र में निधन हो गया है। कई दिनों से वह बीमार थे और जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। श्री सुब्बाराव ने बुधवार काे तड़के 4 बजे जयपुर के अस्पताल में अंतिम सांस ली है। बताया जा रहा है कि देर रात उन्हें हार्ट अटैक आने के बाद तबीयत ज्यादा बिगड़ गई।
प्रख्यात गांधीवादी नेता ने चंबल की धरती को कुख्यात डकैतों से मुक्ति कराया था। डा एसएन सुब्बा राव अविवाहित थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन समाजसेवा में ही समर्पित कर दिया था। चंबल में डाकुओं का सामूहिक सरेंडर करवाने के बाद डॉ एसएस सुब्बाराव चर्चा में आए थे। डॉ सुब्बा राव ने 14 अप्रैल 1972 काे गांधी सेवा आश्रम जाैरा में 654 डकैताें का समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण के सामने सामूहिक आत्मसमर्पण कराया था। इनमें से 450 डकैताें ने जाैरा के आश्रम में, जबकि 100 डकैताें ने राजस्थान के धाैलपुर में गांधीजी की तस्वीर के सामने हथियार डालकर समर्पण किया था।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाल में डा सुब्बा राव 'भाईजी' के नाम से प्रसिद्ध थे। डा सुब्बा राव ने जाैरा में गांधी सेवा आश्रम की नींव रखी थी, जो अब श्योपुर तक गरीब और जरूरतमंदों से लेकर कुपोषित बच्चों के उत्थान के लिए काम कर रहा है। गांधी सेवा संघ की स्थापना कर उन्होंने हजारों लोगों को रोजगार दिया था। इसके अलावा वे आदिवासियाें काे मूल विकास की धारा में लाने के लिए भी निरंतर प्रयास करते रहे। सुब्बाराव राष्ट्रीय सेवा योजना संस्थापक सदस्य थे। उन्होंने नेशनल यूथ प्रोजेक्ट की स्थापना भी की थी।
सुब्बाराव को आदर्श मानते थे सीएम गहलोत
मंगलवार को ही राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने डॉ सुब्बाराव से जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में जाकर मुलाकात की थी। सीएम गहलोत चिकित्सकों से लगातार उनके स्वास्थ्य की जानकारी भी ले रहे थे। डॉ. सुब्बाराव को गहलोत अपना आदर्श मानते थे और लगातार उनसे मार्गदर्शन लेते थे।
बुधवार तड़के इनके निधन के बाद डॉ राव से जुड़े राष्ट्रीय युवा योजना के प्रदेश संयोजक धर्मवीर कटेवा ने बताया कि उनकी पार्थिव देह को राजस्थान विश्वविद्यालाय रोड स्थित बापूनगर के विनाबा भावे ज्ञान मंदिर में में अंतिन दर्शन के लिए रखा जायेगा। इसके बाद गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में स्थित जोरा आश्रम या फिर उनके जन्मस्थान बैंग्लुरु में किया जाएगा। बैंग्लुरु में सुब्बाराव के भाई रहते हैं।