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UP Election 2022: ढ़ाई हजार सपा नेताओं-कार्यकर्ताओं पर FIR के बाद पुलिस ने फिर दी ये चेतावनी
(ढ़ाई हजार मुकदमों के बाद सपा कार्यालय के बाहर फिर पहुँची पुलिस)
UP Election 2022: शुक्रवार 14 जनवरी की शाम समाजवादी पार्टी के बाहर पहुँची पुलिस ने 2500 समाजवादियों पर कोविड नियमों का उल्लंघन करने के मामले में एफआईआर दर्ज की थी। अभी-अभी सूचना आ रही है कि पुलिस फिर से सपा कार्यालय के बाहर पहुँच गई है। लाउडस्पीकर से सपा नेताओं को लगातार चेतावनी दी जा रही है।
भाजपा कार्यालय पर पुलिस कब पहुँचेगी?
— I.P. Singh (@IPSinghSp) January 15, 2022
कब हिदायत जारी करेगी आत्मनिर्भर पुलिस?
चुनाव आयोग सभी दलों पर बराबर की कार्यवाही करे न कि एक तरफा। https://t.co/NWxwFhWwWT
बता दें कि, कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच चुनाव आयोग द्वारा रैलियों पर रोक लगाई गई है। ये पाबंदी 15 जनवरी तक जारी रहने वाली है। शुक्रवार को सपा लखनऊ कार्यलय के बाहर लोगों का भारी हुजूम देखने को मिला। सपा ने इसे नाम जरूर वर्चुअल रैली का दिया लेकिन कहा जा रहा कि वहां सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गईं और किसी भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं हुआ। अब सपा के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। कुल 2500 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
जानकारी दी गई है कि CrPC की धारा 144 के तहत सपा के खिलाफ ये एक्शऩ लिया गया है। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा, ढाई हजार समाजवादी पार्टी के नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें 269 270 144 महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस के द्वारा पहले वीडियोग्राफी कराई गई, जिसके बाद उन को चिन्हित किया गया है और फिर मुकदमा दर्ज किया गया।
इस मामले को लेकर अभी तक समाजवादी पार्टी की तरफ से इस विवाद पर कोई सफाई पेश नहीं की गई है लेकिन बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है। बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने जोर देकर कहा है कि सपा ने कोरोना काल में चुनाव आयोग के नियमों का मखौल उड़ाया है, सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को तार-तार किया गया है।
लखनऊ के जिला अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने साफ किया है कि सपा द्वारा इस कार्यक्रम के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। जब इस कार्यक्रम की जानकारी मिली, तब पुलिस को सपा दफ्तर भेजा गया और अब आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के लिए बता दें कि कल सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर लखनऊ में बड़ा कार्यक्रम किया था। स्वामी ने बीजेपी का दामन छोड़ सपा की सदस्यता ली। ऐसे में बड़ा सियासी संदेश देने के लिए भारी भीड़ भी जुटाई गई और बीजेपी पर भी बड़ा हमला बोला गया था।