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UP Election 2022: कैंट सीट से अपर्णा यादव को नहीं मिलेगा टिकट, BJP-MLA सुरेश तिवारी ने कर दिया ये बड़ा दावा
(कैंट से मौजूदा विधायक सुरेश चंद्र तिवारी ने अपर्णा को दी चुनौती)
UP Election 2022: समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाली अपर्णा यादव (Aparna Yadav) को भाजपा विधायक सुरेश चंद्र तिवारी ने जोर का झटका दिया है। बीजेपी विधाय़क (BJP-MLA) ने अपर्णा को चुनौती देते हुए कहा कि इस सीट से चुनाव तो वही लड़ेंगे। यह बयान अपर्णा यादव के लिए बहुत बड़ा झटका देने वाला बताया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेश चंद्र तिवारी (Suresh Chandra Tiwari) ने कहा कि इस क्षेत्र से वह चुनाव लड़ने जा रहे हैं। और उनको ही टिकट मिलेगा। बीजेपी विधायक के मुताबिक अपर्णा यादव यहां से चुनाव नहीं लड़ेंगी। हालांकि विधायक के इस बयान को लेकर अभी तक अपर्णा या पार्टी की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है।
गौरतलब है कि 2017 में इस विधानसभा क्षेत्र में प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थी। उन्होंने उस वक्त समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी रहीं अपर्णा यादव को हराकर कैंट सीट पर कब्जा किया था। इसके बाद में 2019 के लोकसभा चुनाव में रीता बहुगुणा जोशी को पार्टी ने प्रयागराज से टिकट दिया।
रीता ने प्रयागराज से जीत हासिल की और कैंट विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ। उस उपचुनाव में सुरेश तिवारी ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की थी। अब अपर्णा यादव के बीजेपी में शामिल होने के बाद यह तय माना जा रहा था कि वह इस सीट से चुनाव लड़ेंगी। अचानक यहां के बीजेपी विधायक की ओर से इस सीट से खुद के चुनाव लड़ने का बयान सामने आ गया।
वहीं दूसरी तरफ भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लखनऊ की कैंट विधानसभा से अपर्णा यादव को ही पार्टी टिकट देगी जो कि लगभग तय माना जा रहा है। इस फैसले की सुगबुगाहट से सुरेश तिवारी सकते में है और वे आखिरी दांव खेल रहे हैं।
कौन हैं सुरेश चंद्र तिवारी?
सुरेश चंद्र तिवारी कैंट विधानसभा सीट से चार बार के विधायक हैं। वह 1996 से 2007 तक लगातार विधायक थे। 2012 में वह रीता बहुगुणा जोशी से हार गए थे। रीता तब कांग्रेस में थीं। इसके बाद 2017 में रीता जब भाजपा में आईं तो उनको कैंट सीट से टिकट दिया गया। समाजवादी पार्टी की अपर्णा यादव रीता बहुगुणा जोशी से हार गईं। 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने रीता बहुगुणा जोशी को प्रयागराज से लड़ाया गया। वह प्रयागराज से जीत गईं. कैंट में उपचुनाव में फिर से सुरेश तिवारी को ही टिकट दिया गया।
सुरेश तिवारी ने एक बार फिर यहां जीत हासिल की। लेकिन एक बार फिर सुरेश तिवारी के साथ वही हुआ जो 2017 में उनके साथ हुआ था। दूसरे दल से आई रीता बहुगुणा जोशी की ही तरह सपा से आई अपर्णा यादव को टिकट देने की तैयारी हो रही है। इसे लेकर वह बिल्कुल तैयार नहीं हैं। वह हर हाल में चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने लखनऊ में टिकट घोषित होने के ठीक 1 दिन पहले मीडिया में यह बयान जारी कर दिया है कि वही कैंट विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे और उनका अनुमान है कि अपर्णा यादव चुनाव नहीं लड़ेंगीं।
नहीं आई प्रतिक्रिया
इस बारे में जब भारतीय जनता पार्टी में बात की गई तो कोई भी प्रवक्ता इस मुद्दे पर बयान देने के लिए तैयार नहीं था। सुरेश चंद तिवारी वरिष्ठ नेता है और उनके बयान के बाद इस मुद्दे पर कोई बोलने के लिए तैयार नहीं है। दूसरी और अपर्णा यादव ने भी पार्टी में आने के बाद अपने टिकट के मुद्दे पर कोई भी मीडिया बयान जारी करने से इंकार कर दिया है। ऐसे में इंतजार कल तक का है जब कैंट सीट से प्रत्याशी की घोषणा की जाएगी।
ब्राह्मण बाहुल्य है यह सीट
जानकारों के मुताबिक लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र ब्राह्मण बाहुल्य है इसके अलावा इस सीट पर पंजाबी, खत्री, दलित और मुस्लिमों की संख्या है। उत्तराखंड के भी करीब 25000 वोटर इस सीट पर हैं। ऐसे में जातिगत समीकरणों के आधार पर सुरेश चंद तिवारी यहां चार बार विधायक बने।