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Up Election 2022

News 18 पर क्यों बोले जाट- हम तो जयंत की लाठियों और टिकैत के आंसुओं का बदला लेने को बैठ्ठे हैं!

Janjwar Desk
6 Feb 2022 2:42 PM IST
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(न्यूज 18 पर जाटों ने भाजपा को वोट न देने की खाई कसम)

UP Election 2022: रिपोर्टर के इस सवाल पर बुजुर्ग ने कहा कि हम तो जयंत चौधरी पर पड़ी लाठी और राकेश टिकैत के निकले आंसुओं का बदला लेने के लिए बैट्ठे हैं...

UP Election 2022: यूपी के शामली में चुनावी कवरेज करने के दौरान न्यूज 18 (News 18) चैनल की महिला एंकर को उस वक्त परेशानी का सामना करना पड़ा जब लाइव प्रसारण (Live Telecast) में जाटों ने बीजेपी को वोट ना देने की कसम तक खा डाली। बुजुर्ग व्यक्ति के इतना कहते ही हजूम में बैठे तमाम लोग एक सुर में भाजपा के खिलाफ हूटिंग करने लगे।

दरअसल न्यूज 18 शामली में चुनावी कवरेज कर रहा था। इस दौरान महिला रिपोर्टर ने एक बुजुर्ग से सवाल पूछा कि क्या वह लोग भाजपा को वोट करेंगे। बुजुर्ग ने जवाब दिया, नहीं। बुजुर्ग के नहीं वाले जवाब में महिला रिपोर्टर ने पलटकर पूछा क्यों नहीं देंगे भाजपा को वोट। रिपोर्टर के इस सवाल पर बुजुर्ग ने कहा कि हम तो जयंत पर पड़ी लाठी और टिकैत के निकले आंसुओं का बदला लेने के लिए बैट्ठे हैं।

बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा हममें से एक भी व्यक्ति भाजपा को वोट नहीं देगा। उसके इतना कहते ही लोगों ने हूटिंग करनी शुरू कर दी। बता दें कि हाथरस कांड के समय योगी आदित्यनाथ की पुलिस ने जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) पर उस समय लाठी चलाई थी जब छोटे चौधरी पीड़िता के परिवार से मिलने पहुँचे थे। पुलिस ने उनपर जमकर लाठियां भांजी थीं। किसी तरह समर्थकों ने जयंत को कवर कर बचाया था।

वहीं राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) किसान आंदोलन के समय तब रो पड़े थे जब उन्होने भाजपा के लोकल नेताओं पर किसान आंदोलन को बदनाम करने का आरोप लगाया था। उन्हें सूचना मिली थी कि कुछ बीजेपी समर्थक हमला करवा सकते हैं। टिकैत के रोते समय तमाम टीवी चैनल उनका लाइव टेलीकास्ट कर रहे थे। टिकैत के इन आंसुओं का असर ये रहा था कि दोनो भाई एक हो गये थे और भाजपा के तमाम लोग बैकफुट पर आना पड़ा था।

सोशल मीडिया पर विकास नाम के यूजर ने इस कवरेज का एक वीडियो शेयर कर लिखा है, 'जैसे लाला लाजपत राय जी पर पड़ी लाठियों का बदला शहीदे आजम भगत सिंह और उनकी टोली ने लिया था वैसे ही Jayant Singh पर पड़ी लाठियों और Rakesh Tikait के आंसुओं का बदला यूपी-पंजाब का किसान लेकर रहेगा। इंकलाब जिंदाबाद।'

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