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Lakhimpur Kheri Case : 'आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गई योगी सरकार', जयंत चौधरी ने बोला हमला

Janjwar Desk
22 Feb 2022 10:28 AM GMT
Lakhimpur Kheri Case : आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गई योगी सरकार, जयंत चौधरी ने बोला हमला
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Lakhimpur Kheri Case : आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गई योगी सरकार, जयंत चौधरी ने बोला हमला

Lakhimpur Kheri Case : जयंत चौधरी ने अपने ट्वीट में लिखा- योगी जी को बताना चाहिए वो आशीष मिश्रा टेनी को जमानत मिलने से इतने प्रसन्न क्यों हुए ?

Lakhimpur Kheri Case : लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Choudhary) ने एक बार फिर प्रदेश की योगी सरकार (UP Govt) को आड़े हाथों लिया। जयंत चौधरी ने कहा कि भाजपा किसान विरोधी सरकार है। उन्होंने यह भी सवाल किया है कि उत्तर प्रदेश सरकार केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे और लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra Teni) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad HC) की लखनऊ बेंच से मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) क्यों नहीं गई? चौधरी की यह टिप्पणी लखीमपुर हिंसा के पीड़िता के विधानसभा चुनाव के लिए मतदान एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के रुख के बाद आई है।

जयंत चौधरी ने अपने ट्वीट में लिखा- योगी जी को बताना चाहिए वो आशीष मिश्रा टेनी को जमानत मिलने से इतने प्रसन्न क्यों हुए ? उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका क्यों प्रस्तुत नहीं की? बात साफ है भाजपा सरकार किसान विरोधी है।

बता दें कि आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने पहले चरण के मतदान से पहले जमानत दे दी थी। बीते साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई घटना में चार किसान, एक ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी। इस मामले में एसआईटी का गठन किया गया जिसने आशीष मिश्रा समेत पंद्रह आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। काफी हंगामे के बाद आशीष मिश्रा ने 10 अक्टूबर को सरेंडर किया था और तभी से वो जेल में था।

इसके बाद उसने कई बार जिला जज की कोर्ट में जमानत मांगी लेकिन हर बार उसकी जमानत अर्जी खारिज होती गई। फिर उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का दरवाजा खटखटाया जहां से उसे 10 फरवरी को जमानत मिल गई।

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