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Mukhtar Ansari को गैंगस्टर मामले में 11 साल बाद राहत, कोर्ट ने दिया रिहा करने का आदेश, क्या चुनाव के बीच हो पाएगी रिहाई?
मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी अब चुनावी मैदान में
Mukhtar Ansari : उत्तर प्रदेश के बाहुबलि विधायक के रूप में मशहूर मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर मामले (Gangester Case) में जमानत दे दी है। इसके साथ ही बांदा जेल के अधीक्षक को इस मामले में रिहा करने का आदेश भी दिया है। हालांकि मुख्तार अंसारी पर कई अन्य मामले भी पिछले दिनों दायर हुए हैं ऐसे में में कम से कम यूप चुनाव के दौरान वह जेल में ही रहेंगे।
मऊ पुलिस (Mau Police) ने अपने ट्वीट में साफ किया कि मुख्तार अंसारी जेल से रिहा नहीं हो रहे हैं। पुलिस की ओर से एक दूसरे ट्वीट में लिखा गया कि आईएस 91 के नाम से रजिस्टर गैंग का लीडर माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ वर्तमान में कुल 12 केस दर्ज हैं। इनमें गाजीपुर में 4, वाराणसी में एक, आजमगढ़ में एक, बाराबंकी में एक और मऊ में पांच केस दर्ज हैं।
मुख्तार अंसारी तीन दशक बाद पहली बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। उनकी जगह मऊ सदर सीट से उनके बेट अब्बास अंसारी चुनावी मैदान में हैं। अब्बास अंसारी ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दारोगा सिंह के मुताबिक मऊ के दक्षित टोला थाने में 2010 में गैंगस्टर का केस दर्ज हुआ था। गैंगस्टर का मुकदमा पुलिस ही दर्ज करती है। 2010 में मुकदमे के बाद 2011 में रिमांड बना था। तभी से मुख्तार जेल में हैं।
मुख्तार अंसारी की ओर से कोर्ट में दायर अर्जी में कहा गया था कि गैंगस्टर में दस साल से ज्यादा की सजा नहीं हो सकती जबकि मुख्तार उससे ज्यादा जेल में रह चुके हैं। ऐसे में उन्हें जमात दी जानी चाहिए।
अधिवक्ता दारोगा सिंह के मुताबिक कोर्ट ने मुख्तार की अर्जी और दावों को सही पाया। मुख्तार को एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। इसके साथ ही मुख्तार को इस मामले में छोड़ने का आदेश बांदा जेल अधीक्षक को दिया है।
मुख्तार को भले ही गैंगस्टर मामले में जमानत मिल गई है लेकिन उनकी जेल से रिहाई फिलहाल संभव नहीं दिख रही है। क्योंकि योगी सरकार में ही उनपर 12 मुकदमे दर्ज हुए हैं। उनके ऊपर कुल 15 मामले दर्ज हैं।