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Up Election 2022

UP चुनाव को लेकर हेट स्पीच मामले में नंबर वन हैं CM योगी, जानिए अब तक कहां-कहां और क्या बोली नफरत

Janjwar Desk
3 Feb 2022 5:40 PM IST
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योगी आदित्यनाथ के नफरती बोल (File Photo)

अगर एक हिन्दू का खून बहेगा तो हम प्रशासन के पास FIR नहीं दर्ज करवाएंगे। कम से कम 10 ऐसे लोगों की हत्या करवाएंगे, जो लोग किसी हिन्दू की हत्या में शामिल होंगे...

Yogi Adityanath News: 'अगर एक हिन्दू का खून बहेगा तो हम प्रशासन के पास FIR नहीं दर्ज करवाएंगे। कम से कम 10 ऐसे लोगों की हत्या करवाएंगे, जो लोग किसी हिन्दू की हत्या में शामिल होंगे। बर्दाश्त की सीमा समाप्त हो चुकी है।' ये शब्द 25 जनवरी 2014, गोरखपुर की एक आम सभा में गोरखपुर के सांसद और हिन्दू युवा वाहिनी के अध्यक्ष योगी आदित्यनाथ के थे।

तब उनके भाषणों में 'बाबर की औलाद, हिन्दू-मुस्लिम, श्रीराम, बजरंगबली और अब्बाजान' होते थे। फिर 19 मार्च 2017 को वह UP के CM बन गए। उनकी भाषा भी बदल गई थी। अब जनवरी 2022 से उनकी भाषा फिर से बदलाव आया है। अब वह पुन: गोरखपुर के सांसद और हिन्दू युवा वाहिनी के अध्यक्ष की तरह बात करने लगे हैं।

भाषा बदलने के बाद योगी ने कहां कब और क्या बोला?

जनवरी 4, कौशांबी: सीएम योगी ने कहा, 'PM मोदी के नेतृत्व में पूरे देश को फ्री वैक्सीन-सबको वैक्सीन दी जा रही है। अगर कांग्रेस, सपा-बसपा होती तो ये गरीबों का अन्न खा गए होते।'

जनवरी 8 को यूपी विधानसभा चुनाव की घोषणा हुई। दूरदर्शन के डीडी कॉन्क्लेव में योगी आदित्यनाथ इंटरव्यू देने बैठे। दो-चार बातें थर्ड वेव पर अपनी तैयारियों, वैक्सीनेशन, लॉकडाउन और गरीब-मजदूरों पर करते हैं। फिर अचानक कहते हैं, 'यह चुनाव 80 बनाम 20 का होगा।' विपक्षियों ने आरोप लगाए कि योगी ने ध्रुवीकरण शुरू कर दिया है। वह 80 प्रतिशत को हिन्दू और 20 प्रतिशत मुस्लिम वोटरों की बात कर रहे हैं।'

जनवरी 9 को योगी आदित्यनाथ एक राष्ट्रीय चैनल को इंटरव्यू देने पहुंचे। एंकर ने पूछा, 'अखिलेश यादव के सपने में श्रीकृष्ण आए थे। तब योगी ने जवाब देते हुए कहा, उनके सपने में श्रीकृष्ण अगर आए होंगे तो यही कहे होंगे कि तू गया काम से।'

जनवरी 15 को उन्होंने सपा पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए फेसबुक पर लिखा, 'भ्रष्टाचार जिनके 'जींस' का हिस्सा हो, वे सामाजिक न्याय की लड़ाई नहीं लड़ सकते।'

जनवरी 17 सपा की पहली सूची पर तंज कसते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'भाजपा ने सहारनपुर के दंगे, कैराना में पलायन के जिम्मेदार अपराधियों को प्रत्याशी बना दिया।'

जनवरी 17 को योगी ने अखिलेश यादव के शासनकाल को दंगा युक्त बताते हुए उन्हें 'जिन्ना प्रेमी' बता दिया।

जनवरी 19 को योगी ने न्यूज एजेंसी ANI को बाइट देते हुए कहा कि, 'सपा हो या कांग्रेस, ये दल आपराधिक मानसिकता, तमंचावादी मानसिकता और माफियावादी मानसिकता से उबर नहीं पाए हैं।'

जनवरी 23 को सीएम योगी ने गाजियाबाद में कहा, 'सपा की सरकार ने गाजियाबाद में हज हाउस बनाया था, हमारी सरकार ने कैलाश मानसरोवर का भवन बनाया।'

जनवरी 28 को सीएम योगी ने इशारों-इशारों में अखिलेश यादव को जिन्ना का उपासक बता दिया। चुनाव को हिन्दू-मुस्लिम मुद्दे पर ले जाने की कोशिश की गई। इसके पहले स्वयं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अखिलेश यादव को जिन्ना-प्रेमी बताया था।

फिर 'गर्मी' वाया बयान

जनवरी 29 की दोपहर, हापुड़ में CM की सभा थी। इस सभा में योगी आदित्यनाथ बोले, 'कैराना और मुजफ्फरनगर में अभी जो गर्मी दिख रही वह जल्द समाप्त हो जाएगी। मई-जून की गर्मी में भी शिमला जैसा ठंडा माहौल बना दिया जाएगा।'

शाम 6 बजकर 47 बजे CM योगी का ट्वीट आया, 'कैराना में तमंचावादी पार्टी का प्रत्याशी धमकी दे रहा है, यानी गर्मी शांत नहीं हुई है। 10 मार्च के बाद गर्मी शांत हो जाएगीं।'

चोला 'समाजवादी' + सोच 'दंगावादी' + सपने 'परिवारवादी' = 'तमंचावादी'

ये कोई रासायनिक फार्मूला नहीं है बल्कि योगी आदित्नाथ का नया मुहावरा था जो 29 जनवरी को ही ट्विटर पर आया। लोगों ने कमेंट करके कहा, 'बाबा गणित तो बड़ी लगाते हो। उस परिवार से नफरत है तो अपर्णा यादव को BJP में लाकर पीठ क्यों ठोंकते हो।'

इसके अलावा CM योगी ने जनवरी में जिन्नावादी, तमंचावादी, परिवारवादी शब्द का इस्तेमाल 20 बार से ज्यादा किया। रैलियों में बुलडोजर शब्द का प्रयोग 30 बार से अधिक किया गया। बुलडोजर यानी सख्ती वाला CM। भाजपा का यह प्रयोग सफल भी रहा और कार्यकर्ताओं की सोशल मीडिया पर 50 प्रतिशत पोस्ट इसी के इर्द-गिर्द घूम रही है। CM योगी लोगों के बीच मुद्दा स्थापित करने के लिए जाने जाते हैं। चुनावी रण में वह इसी की खोज कर रहे हैं।

योगी ने 2017 में भी यही किया था

यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी आदित्यनाथ ने पश्चिमी UP की रैलियों में मुजफ्फरनगर, कैराना और सहारनपुर के पलायन को राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया था। उन्होंने लोगों के भीतर ये डर बिठा दिया कि 'अगर भाजपा सत्ता में नहीं आई तो यहां की स्थिति 1990 के कश्मीर जैसी हो जाएगी, जहां सिर्फ हिंसा होगी और लोगों को खदेड़ा जाएगा।'

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