बंपर भर्ती: जनवरी में सरकार शंख बजवाकर बनाएगी रिकार्ड, आप भी बजा लेते हैं तो करें आवेदन, यह है अंतिम तारीख
(काशी में शंखवादकों के लिए वैकेंसी)
बंपर भर्ती: उत्तर प्रदेश में शंख बजाने वालों (Conch Blower) के लिए बंपर वैकेंसी निकाली गई है। लेकिन यह जानकारी नहीं है की वैकेंसी एक दिन के लिए है अथवा रोज बजाना बड़ेगा। यह भर्ती उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज की तरफ से निकाली गई है। इस निकली भर्ती के लिए 1001 शंख वादकों की जगह खाली है।
यूपी में शंख बजाने वालों के लिये वैकेंसी निकली है। इस परीक्षा में पेपर लीक होने का रिस्क मुझे नहीं दिखता है। शंख बजाने वाले ध्यान दें। pic.twitter.com/Nur2jbAUQy
— Vijay Shanker Singh IPS Rtd (@vssnathupur) December 23, 2021
पूर्व आईपीएस विजय शंकर सिंह (Ex IPS Vijay Shankar Singh) ने भर्ती का विज्ञापन शेयर करते हुए लिखा है कि, 'यूपी में शंख बजाने वालों के लिए वैकेंसी निकली है। इस परीक्षा में पेपर लीक होने का रिस्क मुझे नहीं दिखता है। शंख बजाने वाले ध्यान दें।'
भौकाल है ये तो
— प्रथमन्याय हिंदी साप्ताहिक MUMBAI (@PRATHAMNYAY81) December 24, 2021
दी गई सूचना में कहा गया है कि काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के उपलक्ष्य में जनवरी- 2022 महीने में रिकार्ड बनाने के लिए 1001 शंखवादकों की आवश्यकता है। हर एक शंखवादक को 1000/- रूपये मानदेय व प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। साथ ही स्थानीय वादक को वरीयता भी मिलेगी। इसके अलावा एक वेबसाइट दी गई है जिसमें जाकर आवेदन करना है।
😂😂😀😀😀😀 बाद में इसको रोजगार/नौकरी के आंकड़ों में जोड़ा जायेगा और पोस्टर छापे जायेंगे की 1001 को नौकरी दी....पोस्टर यूपी से बाहर हर राज्य में चमकेंगे
— Vikash Upreti (@HRVikash) December 23, 2021
पूर्व आईपीएस के इस ट्वीट पर विकास उप्रेती नामक यूजर ने ट्वीट कर जवाब दिया है कि, 'बाद में इसको रोजगार/नौकरी के आंकड़ों में जोड़ा जायेगा और पोस्टर छापे जायेंगे की 1001 को नौकरी दी....पोस्टर यूपी से बाहर हर राज्य में चमकेंगे।' बासुकी नाथ शुक्ला ने लिखा है कि, इसके बाद घंटा बजाने की भी भर्ती निकलेगी तब मैं भी अप्लाई करूंगा। क्योंकि जुमलेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मिस मैनेजमेंट ने मुझे घंटा बजाने की विश्वस्तरीय ट्रेनिंग दी है।
खंडवा तरूण मंडलोई ने कमेंट किया है कि, बस भक्तजन जब दस्त लगे हों तब परहेज कर लेना। रूद्र नाम के यूजर ने लिखा है कि, दुनिया हंसती जरूर होगी हमपर। पराग सिंह चाहर ने लिखा है कि, यही दिन देखने बाकी थे अब। जय प्रकाश सिंह लिखते हैं, सोंचता हूँ शंख बजाने की कोचिंग खोल दूं। अब तो ऐसी ही नौकरियां मिलेंगी। पढ़ाई लिखाई का वैसे ही कोई मतलब अब रह नहीं गया है।