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विमर्श

महान भारतीय संस्कृति में क्या स्त्रियों की पूजा इसी तरह की जाती है जैसे मणिपुर में कुकी आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर किया गया

Janjwar Desk
21 July 2023 11:11 AM IST
महान भारतीय संस्कृति में क्या स्त्रियों की पूजा इसी तरह की जाती है जैसे मणिपुर में कुकी आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर किया गया
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नरेंद्र मोदी जिस इंडिया के प्रधानमंत्री हैं क्या उसमें मणिपुर शामिल नहीं है, इसे दूसरा कश्मीर बनने से रोकना होगा

Manipur Violence : विरोधी लोगों की महिलाओं पर बलात्कार करना शायद इस संस्कृति के अनुसार वीरतापूर्ण और धार्मिक पवित्र कार्य माना जाता है, ऐसा आजकल प्रतीत हो रहा है। शायद इसी कारण इन बलात्कार, अत्याचार करने वाले लोगों का हौसला और बढ़ गया है और स्त्रियों पर अत्याचार भी बढ़ रहे हैं....

उत्तम जोगदंड की टिप्पणी

Manipur Brutality : कहते हैं, हमारी संस्कृति के अनुसार जहाँ स्त्रियों की पूजा होती है वहाँ देवता निवास करते हैं। लेकिन हमारी महान संस्कृति के कथित रक्षक स्त्रियों की पूजा किस तरीक़े से करते हैं? वह सोशल मीडिया पर वायरल हुए मणिपुर की वीडियो से सामने आ गया है। मणिपुर में दो कुकी आदिवासी संप्रदाय की महिलाओं की न सिर्फ नग्न परेड करायी गयी, बल्कि वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे उनकी योनि और स्तनों को बुरी तरह नोचकर उनके साथ आरोपी सरेआम वह कर रहे हैं, जिसे देखकर आत्मा कांप जाती है। इस घटना के बाद महिलाओं के साथ बलात्कार किये जाने की खबरें भी हैं।

मणिपुर में जो भी हुआ वह इंसानियत को शर्मसार करने वाला है। मैं इस घटना की कठोर निंदा करता हूँ और मांग करता हूँ की की वीडियो क्लिप में दिखाई देने वाले हर शख्स पर अपराध दर्ज किया जाए और फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कर के यथाशीघ्र अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। यह घटना कोई एकाध गिनीचुनी घटना नहीं है। महिलाओं पर अत्याचारों की शृंखला यहाँ चल रही है, बस गूगल सर्च कीजिये, पता चल जाएगा।

आज-कल तो जब से इस देश में वर्ष 2014 में कथित 'रामराज्य' आया है तब से तो महिलाओं पर अत्याचार करने वालों का सम्मान किया जाता है, उनकी सजा भी कुछ हद तक माफ़ होती है। मूलतः वे इस प्रकरण में फंस न जाए इसलिए काम किया जाता है। यह इसलिए किया जाता है की उ के द्वारा अपने 'विरोधी' जाति-धर्म की महिलाओं पर बलात्कार, अत्याचार किया गया!

विरोधी लोगों की महिलाओं पर बलात्कार करना शायद इस संस्कृति के अनुसार वीरतापूर्ण और धार्मिक पवित्र कार्य माना जाता है, ऐसा आजकल प्रतीत हो रहा है। शायद इसी कारण इन बलात्कार, अत्याचार करने वाले लोगों का हौसला और बढ़ गया है और स्त्रियों पर अत्याचार भी बढ़ रहे हैं। महिला कुश्ती खिलाड़ियों के यौन शोषण का प्रकरण भी देखिये। ये बहुत कुछ कह जाता है। यह पुरुषों की स्त्रियों के प्रति जो पारंपरिक घटिया मानसिकता है वह दर्शाता है और उस मानसिकता का जतन, वर्धन किस तरह किया जा रहा है यह भी दर्शाता है। हमारा यह नज़रिया बदलना बहुत जरूरी है।

क्या यही हमारी संस्कृति का महिलाओं की पूजा करने का तरीका है जो मणिपुर और अन्य प्रकरणों में अपनाया गया? क्या ऐसी पूजा के कारण ही यहाँ देवता निवास करते हैं? अगर ये तरीका नहीं है, तो ऐसी घटनाओं की कठोर निंदा कीजिये।

अगर आप इस पर इसलिए चुप हैं की पीड़ित महिला तो मेरे जाति की, धर्म की, प्रदेश की, वंश की नहीं, तो आगे होनेवाली ऐसी हर घटना के लिए आप भी जिम्मेदार होंगे। आप की चुप्पी ऐसी घटनाओं का छुपा समर्थन ही है। महिला किसी भी जाति, धर्म, प्रदेश, वंश की हो, उस का सम्मान किया जाना चाहिए। उन पर हुए या होनेवाले अत्याचार पर हमारी प्रतिक्रिया जाति, धर्म, प्रदेश, वंश के आधार पर नहीं बल्कि वह एक स्त्री है, हमारी माँ, बहन है इस आधार पर व्यक्त की जानी चाहिए। हमारे देश की हर जाति, धर्म, प्रदेश, वंश की स्त्री जब सदैव सुरक्षित रहेंगी, सुखी होगी, वह ही स्त्री की पूजा होगी। उस का सम्मान होगा। अगर भारतीय संस्कृति के अनुसार स्त्री पूजा का अर्थ यही है तो....

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