Rashtrapatni Controversy : राष्ट्रपति में 'पति' शब्द क्या अंग्रेजी के हसबैंड शब्द का समानार्थी है ?
'राष्ट्रपत्नी' विवाद पर कवि-आलोचक पंकज चतुर्वेदी की टिप्पणी
Rashtrapatni Controversy : 'राष्ट्रपति' में 'पति' शब्द बहुतों के लिए हमेशा कौतुक का कारण बना रहता है और तब तो ज़रा परिहास की वजह भी बन जाता है, जब कोई सम्माननीया स्त्री राष्ट्रपति बनती है। ऐसे लोग दाँतों तले उँगली दबा लेते और दबे-ढके सोचते रहते हैं, मगर इस पहेली को हल नहीं कर पाते कि कोई स्त्री पति कैसे हो सकती है?
संसद में ताज़ा छिड़े विवाद की बुनियाद में भी यही संभ्रम है। ग़लती से ही सही, एक सांसद ने पहले राष्ट्रपति कहा, फिर उनके मुँह से 'राष्ट्रपत्नी' शब्द निकल गया। पितृसत्ता इतनी ज़बरदस्त है कि आपके शायद न चाहते हुए भी वह अपनी अभिव्यक्ति आपसे करवा लेती है।
अंग्रेज़ी के व्यापक असर में लोग मानकर चलते हैं कि 'हज़बेंड' {husband} का हिन्दी प्रतिशब्द, अनुवाद या समानार्थी शब्द है पति, जबकि ऐसा हरगिज़ नहीं है।
नागरीप्रचारिणी सभा से प्रकाशित शब्दकोश 'संक्षिप्त हिंदी शब्दसागर' के मुताबिक़ 'किसी स्त्री के लिए वह पुरुष, जिससे उसका विवाह हुआ हो' 'पति' शब्द का केवल एक अर्थ है।
मूलतः 'पति' एक वैदिक शब्द है, जिसका अर्थ है : स्वामी, मालिक, अधिपति, शासक, यहाँ तक कि 'पाशुपत दर्शन' के अनुसार महेश्वर। इसीलिए आप देख सकते हैं कि इसके मिलन से हमारे दैनिक राष्ट्रीय जीवन में न जाने कितने शब्द बनते रहे हैं और बराबर प्रचलन में हैं, जैसे : राष्ट्रपति, गणपति, लक्ष्मीपति, सुरपति, प्रजापति, नृपति, भूपति, क्षत्रपति, सभापति, कुलपति, पशुपति, ग्रामपति, नगपति, लखपति, करोड़पति इत्यादि।
किसी स्त्री से विवाहित पुरुष उसके लिए बेशक पति होता है, मगर भारतीय परम्परा की दृष्टि अथवा अभिप्राय से वह जीवनसाथी से ज़्यादा उसका स्वामी ही है। भाषा में बद्धमूल इसी पुरुषसत्ता को लक्ष्य कर प्रसिद्ध आलोचक मैनेजर पाण्डेय ने 'अश्लीलता और स्त्री' शीर्षक निबन्ध में लिखा है : '....पति शब्द का अर्थ श्रेष्ठता का ही नहीं, सत्ता का भी सूचक है।....इस हिसाब से स्त्री भी पुरुष के लिए एक सम्पत्ति की तरह है, जिसका पति पतित होने पर भी पति (स्वामी) बना रहता है। यह सारी शब्दावली लोकमत का भी अभिन्न हिस्सा है।'
यहीं 'पत्नी' के आशय पर भी ग़ौर कर लेना ज़रूरी है। नागरीप्रचारिणी सभा के शब्दकोश में 'पत्नी' शब्द के चार अर्थ दिये हैं : 'शास्त्र की विधि से ब्याही स्त्री। भार्या। वधू। सहधर्मिणी।'
ज्ञानमंडल, वाराणसी के 'बृहत् हिन्दी कोश' में 'पत्नी' के तीन अर्थ दिये हैं : 'परिणीता स्त्री, भार्या, जोरू।'
ज़ाहिर है कि दोनों ही शब्दकोश 'पत्नी' का अर्थ स्वामिनी या मालकिन नहीं बता रहे हैं। दरअसल पति, पत्नी का स्वामी है और स्वामित्व दोतरफ़ा नहीं हो सकता। हाँ, दोस्ती और प्रेम पारस्परिक/ˈम्यूचुअल' हो सकते हैं, मगर मालिकाना नहीं।