'भारत को देखो, वहां हवा कितनी गंदी है', राष्ट्रपति चुनाव की आखिरी डिबेट में बोले डोनाल्ड ट्रंप
वॉशिंगटन। अपने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन के साथ दूसरी और अंतिम प्रेसीडेंशियल डिबेट के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जलवायु परिवर्तन पर भारत, चीन और रूस के साथ अमेरिका की तुलना की और कहा कि ये देश गंदे हैं और वे अपनी हवा की परवाह नहीं करते हैं लेकिन अमेरिका करता है।
ट्रंप ने कहा, 'चीन को देखो। कितना गंदा है.. रूस को देखो..भारत को देखो, यह गंदे है। हवा गंदी है। ट्रंप ने कहा कि 35 वर्षों में अमेरिका का सबसे अच्छा कार्बन उत्सर्जन है। हमारे पास सबसे स्वच्छ हवा, सबसे साफ पानी और सबसे अच्छा कार्बन उत्सर्जन है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि पेरिस समझौते से 'हमने खुद को निकाल लिया' क्योंकि यह "अनुचित" था। उन्होंने कहा, 'मैं पेरिस समझौते से बाहर चला गया क्योंकि हमें खरबों डॉलर निकालने थे और हमारे साथ बहुत गलत व्यवहार किया गया। मैं पैरिस समझौते की वजह से लाखों नौकरियों, कंपनियों का त्याग नहीं करूंगा ...। यह बहुत अनुचित है।'
नवंबर 2019 में अमेरिका ने औपचारिक रूप से साल 2005 में गठित किए गए पैरिस समझौते से खुद को बाहर करने की सूचना दी थी। यह ऐतिहासिक समझौता भारत समेत दुनिया के 188 देशों ने ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए किया था। पैरिस समझौता, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, 2015 में फ्रांस की राजधानी में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन अपनाया गया था।
हालाँकि ट्रम्प ने 1 जून, 2017 को ऐतिहासिक समझौते से हटने के अपने फैसले की घोषणा की, लेकिन यह प्रक्रिया औपचारिक अधिसूचना के साथ लगभग ढाई साल बाद 2019 में आई और अमेरिका 4 नवंबर, 2020 को समझौते से बाहर हो गया।
शुक्रवार को डिबेट में जलवायु परिवर्तन के अलावा ट्रंप और बाइडेन में कोविड-19 महामारी, अर्थव्यवस्था, नस्लभेद और पुलिस क्रूरता, विदेश नीति, स्वास्थ्य सेवा समेत कई मुद्दों पर बहस हुई है। यही डिबेट पिछली वाली डिबेट से ज्यादा अनुशासित और ठोस थी।
वैक्सीन के मोर्चे पर ट्रंप ने कहा कि 223,000 से अधिक अमेरिकियों की जान लेने वाली इस बीमारी के लिए एक कोविड 19 वैक्सीन तैयार है और "हफ्तों के भीतर" इसकी घोषणा की जा रही है।