कोरोना के कारण 600 से अधिक नर्सों की मौत, कुल स्वास्थ्यकर्मियों में से 7 फीसदी संक्रमित
जनज्वार। COVID-19 इक्कीसवीं सदी की पहली महामारी है जहां इतनी बड़ी संख्या में नर्सों की मौत हुई है। हालांकि भारत में मरने वाले नर्सिंग स्टाफ का कोई आंकड़ा अभी अलग से उपलब्ध नहीं हो सका है।
विश्व स्तर पर नर्सों की स्थितियों का अध्ययन करने वाली संस्था इंटनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स (ICN) ने कोरोना प्रभावित देशों से जुटाए आंकड़ों के आधार पर दावा किया है कि दुनियाभर में मई तक 600 से अधिक नर्सों की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है।
ICN ने सरकारों को नर्सों के संक्रमण और मौतों के बारे में सटीक आंकड़े एकत्र करने के लिए लगातार आग्रह करता रहा है। आईसीएन ने एक प्रेस विज्ञप्ती जारी कर कहा है कि हमारी संस्था लगातार सरकारों से कह रही है कि न सिर्फ नर्सिंग स्टाफ के मौतों का सटीक आंकड़ा दें, बल्कि उनके स्वास्थ्य मानकों के बेहतर उपाय करें क्योंकि इसे बिल्कुल टाला जा सकता।
आईसीएन का कहना है कि दुनिया भर में नर्सों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (एचसीडब्ल्यू) की संख्या का कोई व्यवस्थित और मानकीकृत रिकॉर्ड नहीं है। ICN ने अभी तक जानकारियां और आंकड़े 130 देशों में फैले नेशनल नर्सिंग एसोशिएशन से जुटाएं हैं। इसके मुताबिक 2 लाख 30 हजार नर्स कोरोना संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 6 सौ नर्सों की कोरोना से मौत हो चुकी है।
ICN के सीईओ हॉवर्ड काटन के मुताबिक, 'ये आंकड़े नेशनल नर्सिंग एसोशिएशन की मदद से जुटाए हैं, लेकिन अबतक कोई ऐसा एकीकृत केंद्रीय डाटाबेस नहीं बन पाया है जिस पर भरोसा किया जा सके। यही स्थिति नर्स स्टाफ के साथ होने वाले मानसिक, यौन और शारीरिक होने वाले उत्पीड़न और हमलों को लेकर भी है।
ICN ने जो डाटा एनालिसिस किया है उसमें सामने आया है कि दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों का 7 प्रतिशत नर्स और स्वास्थ्य सेवाओं में लगे स्टाफ का है। जाहिर तौर पर यह एक बड़ी संख्या है, जो उन्हें मरीजों के इलाज के दौरान मिलता है।