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सिक्योरिटी

मुंबई को फिर से दहलाने की साजिश, ट्रैफिक पुलिस को पाकिस्तानी नंबर से दी गई चेतावनी

Janjwar Desk
20 Aug 2022 10:16 PM IST
मुंबई को फिर से दहलाने की साजिश, ट्रैफिक पुलिस को पाकिस्तानी नंबर से दी गई चेतावनी
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मुंबई को फिर से दहलाने की साजिश, ट्रैफिक पुलिस को पाकिस्तानी नंबर से दी गई चेतावनी

मुंबई को फिर से दहलाने की कोशिश की जा रही है। 26/11 जैसे हमले को पूरा देश चाह कर भी नहीं भुला सकता इस हमले में मुंबई को जान माल आदि का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था। मुंबई को फिर से इसी तरह की घटना की याद दिलाने की कोशिश की जा रही है...

मुंबई को फिर से दहलाने की कोशिश की जा रही है। 26/11 जैसे हमले को पूरा देश चाह कर भी नहीं भुला सकता इस हमले में मुंबई को जान माल आदि का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था। मुंबई को फिर से इसी तरह की घटना की याद दिलाने की कोशिश की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुंबई के ट्रैफिक पुलिस को एक व्हाट्सएप मैसेज मिला है जिसमें 26/11 जैसे हमले की धमकी दी गई है। जानकारी के मुताबिक यह मैसेज पाकिस्तानी नंबर से आया है। पुलिस इसकी जांच में जुट गई है इस संबंध में केंद्रीय जांच एजेंसियों को भी सूचित किया जा चुका है और जांच में एटीएस को भी शामिल किया गया है।

इस हमले में इंडियन मेरे साथ

ट्रैफिक पुलिस को पाकिस्तानी नंबर से जो मैसेज मिला है उसमें लिखा है, जी मुबारक हो मुंबई में हमला होने वाला है। 26/11 की ताजी याद दिलाएंगे। मुंबई को उड़ाने की तैयारी कर रहे हैं। यूपी एटीएस मुंबई को उड़वाना चाहती है। आपके कुछ इंडियन मेरे साथ हैं। जो मुंबई को उड़ाना चाहते हैं इस घटना को कुल 6 लोग अंजाम देंगे।

कन्हैयालाल मर्डर और सिद्धू मूसेवाला का भी जिक्र

मैसेज में आगे लिखा है कि मेरा एड्रेस तो यहां का शो करेगा, लेकिन धमाका मुंबई में होगा। हमारी लोकेशन आपको आउट ऑफ कंट्री दिखाएगी। हम लोगों का कोई ठिकाना नहीं है। इसमें अजमल कसाब के बारे में भी कुछ बातें लिखी हैं। साथ ही उदयपुर के कन्हैयालाल मर्डर का भी जिक्र हैं, जिसमें सर तन से जुदा वाली बात कही गई है। इसके अलावा सिद्धू मूसेवाला और अमेरिका में हुए हमले का भी जिक्र किया गया है

लश्कर-ए-तैयबा

बता दें 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी समुद्री मार्ग से मुंबई पहुंचे थे। उन्होंने कई स्थानों पर अंधाधुंध गोलीबारी भी की थी, जिसमें 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों की जान भी गई थी। अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था, जिसे 2012 में फांसी दे दी गई थी।

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