Shehbaz Sharif: पाकिस्तान की खस्ता हालत पर छलका पीएम शहबाज़ शरीफ़ का दर्द, बोले- मित्र देश भी हमको भिखारी समझने लगे
Shehbaz Sharif: पाकिस्तान की खस्ता हालत पर छलका पीएम शहबाज़ शरीफ़ का दर्द, बोले- मित्र देश भी हमको भिखारी समझने लगे
Shehbaz Sharif News: बाढ़ प्रभावित पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने 14 सितंबर को वकीलों के सम्मेलन में बोलते हुए देश की विनाशकारी आर्थिक स्थिति पर रोशनी डाली और कहा कि 'मित्र देशों ने पाकिस्तान को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में देखना शुरू कर दिया है जो हमेशा पैसे मांगता है।'
"आज जब हम किसी मित्र देश में जाते हैं या फोन करते हैं तो वे सोचते हैं कि हम भीख मांगने आए हैं। 75 साल बाद आज पाकिस्तान कहां खड़ा है? यहां तक कि छोटी अर्थव्यवस्थाओं ने भी पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है और हम पिछले 75 सालों से भीख का कटोरा लेकर भटक रहे हैं।"
इसके बाद शरीफ ने आसमान छूती महंगाई के लिए पिछली इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि खान की सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ समझौते का उल्लंघन किया, जिससे मौजूदा सरकार को कठिन शर्तों पर सहमत होने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा, "आईएमएफ ने सहमति की शर्तों को पूरा नहीं करने पर अपने कार्यक्रम को वापस लेने की धमकी भी दी थी," उन्होंने कहा। "जब हमने अप्रैल में सत्ता संभाली थी तब पाकिस्तान आर्थिक चूक के कगार पर था। गठबंधन सरकार ने अपनी कड़ी मेहनत से देश को चूक से बचाया है और कुछ हद तक आर्थिक अस्थिरता को नियंत्रित किया है।" .
पाकिस्तान, जो वर्तमान में एक गंभीर आर्थिक संकट और बढ़ती मुद्रास्फीति का सामना कर रहा है, विनाशकारी बाढ़ से जूझ रहा है जिसने पूरे देश को एक ठहराव में ला दिया है। देश का एक तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ है और हर सात में से एक व्यक्ति बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पहले से ही अर्थव्यवस्था को लेकर चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रहा था और बीते दिनों आई बाढ़ ने इसे और मुश्किल बना दिया। शाहबाज शरीफ ने कहा कि 30 वर्षों में आई सबसे भीषण बाढ़ के कारण 3 महीने में 14 सौ से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और तीन करोड़ से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए हैं। देश को बारिश और बाढ़ की वजह से 40 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
दूसरी तरफ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि जब उनकी सरकार गिराई गई, उस वक्त अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक थी। खान ने दावा किया कि दुनियाभर में महंगाई समेत अभूतपूर्व चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने ईंधन की कीमतों और बिजली की दरों में कटौती की।
उन्होंने कहा कि उनके शासनकाल में निर्यात 24 अरब डॉलर से बढ़कर 32 अरब डॉलर पहुंच गया और प्रवासियों द्वारा भेजा जाने वाला धन भी 19 अरब डॉलर से बढ़कर 31 अरब डॉलर हो गया था, जिससे राजकोषीय घाटे को कम करने में मदद मिली। खान ने कहा कि उनकी सरकार 16 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार छोड़कर गई थी जो अब घटकर आठ अरब डॉलर रह गया है। खान ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी और कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है और उनके खिलाफ आतंकवाद के आरोप सहित अन्य झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
इमरान खान ने कहा है कि देश को अव्यवस्था से बचाने का एकमात्र रास्ता जल्द और पारदर्शी तरीके से चुनाव कराना है। खान ने आगाह किया कि देश की आर्थिक स्थिति तेजी से बिगड़ रही है और ऐसे स्तर तक पहुंच सकती है, जहां से लौटना मुमकिन नहीं होगा। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख ने एक वीडियो संबोधन में बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए दावा किया कि पिछले पांच महीने के दौरान उनका शासन निराश करने वाला रहा है।