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पापुआ न्यू गिनी ने भारत से आने वाली उड़ानों पर क्यों लगाई पाबंदी ?

Janjwar Desk
31 Aug 2021 1:46 PM IST
पापुआ न्यू गिनी ने भारत से आने वाली उड़ानों पर क्यों लगाई पाबंदी ?
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(पापुआ न्यू गिनी प्रशांत महासागर का देश के जिसका क्षत्रफल बहुत अधिक, 462840 वर्ग किलोमीटर है पर आबादी लगभग 80 लाख ही है)

पुलिस कमिश्नर डेविड मैनिंग ने कहा है कि विमान यात्रा के द्विपक्षीय समझौते के तहत केवल 42 यात्रियों को अनुमति दी गयी थी, पर नई दिल्ली से जो विमान आया उसमें लगभग दुगुने यानि 81 यात्री पहुंचे...

वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र पाण्डेय का विश्लेषण

जनज्वार। पापुआ न्यू गिनी ने भारत से आने वाली सभी उड़ानों पर अनिश्चितकालीन रोक लगा दी है। हमारे देश के अधिकतर लोगों को इस देश का नाम भी मालूम नहीं होगा, पर प्रशांत महासागर में इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच बसे इस द्वीपीय देश ने भारत के कोविड 19 टेस्ट पर सवाल खड़ा करते हुए यह प्रतिबन्ध लगाया है। दरअसल पूरी दुनिया ही समय-समय पर हमारे देश के कोविड 19 के आंकड़ों पर सवाल उठाती रही है, और यह संदेह सही भी था। कोविड 19 के दूसरे दौर में सरकारी आंकड़ों की धज्जियां उड़ गईं। इंडोनेशिया के गरुड़ एयरवेज का एक विमान हाल में ही नई दिल्ली से पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी पहुंचा था, जिसमें सवार 4 भारतीय कोविड 19 पॉजिटिव पाए गए थे।

इसके कुछ दिनों बाद पापुआ न्यू गिनी के पुलिस कमिश्नर और कोविड 19 नेशनल पैन्ड़ेमिक रेस्पोंस कंट्रोलर ने भारत सरकार और वहां भारत के राजदूत पर तीखे आरोप लगाते हुए भारत से आने वाली सभी उड़ानों पर 24 अगस्त 2021 से अनिश्चितकालीन रोक लगा दी। पापुआ न्यू गिनी के पुलिस कमिश्नर डेविड मैनिंग ने आरोप लगाया है कि उनका देश भारत को मित्र देश मानता है, पर भारत उनके देश की संप्रभुता और जन-स्वास्थ्य से सीधा खिलवाड़ कर रहा है और विमान यात्रा के लिए किये गए द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन कर रहा है।

पुलिस कमिश्नर डेविड मैनिंग ने कहा है कि विमान यात्रा के द्विपक्षीय समझौते के तहत केवल 42 यात्रियों को अनुमति दी गयी थी, पर नई दिल्ली से जो विमान आया उसमें लगभग दुगुने यानि 81 यात्री पहुंचे। उन्होंने याद दिलाया कि इसी मुद्दे पर पिछले 4 बार से विमान यात्रा की इजाजत नहीं दी गयी थी। इस बार भी एक बार यह तय किया गया था कि विमान को उतरने नहीं दिया जाएगा, पर फिर यात्रियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इजाजत दी गयी।

पुलिस कमिश्नर डेविड मैनिंग की सबसे बड़ी शिकायत है, विमान यात्रा के द्विपक्षीय समझौते से सम्बंधित कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन। इसके तहत हरेक यात्री को विमान यात्रा के दो दिनों के अन्दर कोविड 19 का आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना था, पर कुछ यात्री ऐसे भी थे जिन्हें बिना टेस्ट रिपोर्ट के ही भारत सरकार ने यात्रा की इजाजत डी। कोविड 19 का टेस्ट जिन लोगों ने कराया भी और भारत सरकार ने जिन्हें निगेटिव रिपोर्ट थमाई, उसमें से 4 यात्री कोविड 19 पोसिटिव पाए गए। पुलिस कमिश्नर डेविड मैनिंग ने इसे देश की संप्रभुता का उल्लंघन, भारत सरकार की लापरवाही और जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ बताया है और इसके बाद इंडोनेशिया के गरुड़ एयरलाइन और कापाजेट एयरवेज पर प्रतिबन्ध लगा दिया, साथ ही भारत से वहां पहुँचाने वाली हरेक उड़ान को अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया।

पापुआ न्यू गिनी प्रशांत महासागर का देश के जिसका क्षत्रफल बहुत अधिक, 462840 वर्ग किलोमीटर है पर आबादी लगभग 80 लाख ही है। दुनिया के द्वीपीय देशों में क्षेत्रफल के सन्दर्भ में इसका स्थान तीसरा है। इसका लगभग 15 प्रतिशत हिस्सा ही शहरी है और मानव-विविधता के सन्दर्भ में यह अनोखा देश है। यहाँ कुल 851 भाषाएँ बोली जाती हैं, जाहिर है इतनी ही जनजातियाँ भी हैं। वर्ष 1975 तक यह ऑस्ट्रेलिया के अधीन था, पर इसके बाद आजाद होकर एक स्वतंत्र देश बन गया।

हमारे देश के कोविड 19 के आंकड़ों पर दुनियाभर में कहीं भी भरोसा नहीं किया जाता, और जिस तरह से मीडिया उसे प्रस्तुत करता है उसके बाद तो भरोसा और भी कठिन हो जाता है। इन दिनों ही केरल के मामलों की खूब चर्चा है, मीडिया भी इसे हैडलाइन के तौर पर प्रस्तुत कर रहा है, मानो पूरे देश में केवल केरल में ही कोविड 19 पनप रहा हो। ताड़ी देश में 50000 मामले आते हैं तो अकेले केरल से 35000 मामले सामने आते हैं।

दूसरी तरफ देश में यदि कोविड से 500 व्यक्तियों की मृत्यु होती है तो उसमें केरल का योगदान 100 से भी कम रहता है। यानि जहां 35000 मामले सामने आते हैं वहां 100 से कम मौतें हो रही हैं, जबकि पूरे देश में 15000 मामलों में 400 से अधिक मौतें हो रही हैं, पर मीडिया इन आंकड़ों पर खामोश रहता है।

दूसरी तरफ जहां चुनाव हूने वाले होते हैं, वहां चुनावों से कई महीने पहले से कोविड 19 के आंकड़े नगण्य होने लगते हैं, जैसा अभी उत्तर प्रदेश में दीख रहा है। दरअसल हमारी सरकार के लिए कोविड 19 एक महामारी नहीं है, बल्कि अपनी मनमानी चलाने का एक अवसर है। मीडिया इसी षड्यंत्र में शरीक है, फिर भले ही पापुआ न्यू गिनी जैसे छोटे देश ही ख्यों न सरकार को लताड़ रहे हों। वैसे, हमारे मीडिया ने तो इस खबर को भी ओझल कर दिया है।

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