Begin typing your search above and press return to search.
दुनिया

Russia Ukraine Crisis : UNSC में दूसरी बार की वोटिंग में भी 'तटस्थ' रहा भारत, बिलाबिला उठा अमेरिका, CAATSA के तहत लगाएगा प्रतिबंध?

Janjwar Desk
3 March 2022 9:40 AM GMT
Russia Ukraine Crisis : UNSC में दूसरी बार की वोटिंग में भी तटस्थ रहा भारत, बिलाबिला उठा अमेरिका, CAATSA के तहत लगाएगा प्रतिबंध?
x

UNSC में दूसरी बार की वोटिंग में भी 'तटस्थ' रहा भारत, बिलाबिला उठा अमेरिका

Russia Ukraine Crisis : अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लु ने कहा कि बाइडेन प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है लेकिन उसने अभी पाबंदियों को लेकर आखिरी फैसला नहीं किया है, उन्होंने कहा कि मैं बस यही कह सकता हूं कि भारत अब हमारा महत्वपूर्ण सुरक्षा साझेदार है....

Russia Ukraine Crisis : रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में प्रस्ताव पर दो बार वोटिंग हो चुकी है लेकिन भारत ने दोनों बार तटस्थ रहने का फैसला किया है। भारत की गुटनिरपेक्षता की अपनी परंपरागत नीति रही है लेकिन केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद से सरकार का झुकाव अमेरिका (USA) की तरफ बढ़ता रहा है। हालांकि अमेरिका को भारत की तटस्थता और निष्पक्षता रास नहीं आ रही है। वहां के बड़े-बड़े कूटनीतिज्ञ व थिंक टैंक्स के बीच यह माथापच्ची चल रही है कि भारत के साथ रिश्तों को कौन सी दिशा दी जानी चाहिए।

खबर है कि बाइडेन प्रशासन रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम (S-400) खरीदने के लिए भारत पर पाबंदियां लगा सकता है। एक अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू (Donald Lu) ने कहा कि अमेरिका पाबंदियों के जरिए मुकाबला करने के कानून CAATSA के तहत भारत के खिलाफ पाबंदियों पर विचार कर रहा है।

दरअसल रूस और यूक्रेन के बीच आठवें दिन भी युद्ध जारी है। रूस की ओर से किए गए हमले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव पर भारत की ओर से वोटिंग करने से दूरी बनाने से अमेरिका बिलबिला उठा है। अमेरिकी संसद में पक्ष-विपक्ष के सांसदों ने एक सुर में भारत के उन 35 देशों में शामिल होने पर आपत्ति जताई है जिन्होंने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।

डेमोक्रेट्स हों या रिपब्लिक, सभी भारत को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने अमेरिकी संसद की बहस में हिस्सा लेते हुए भारत-अमेरिका रक्षा सुरक्षा सहयोग का जिक्र बार-बार किया और यह भी पूछा कि क्या आक्रमणकारी रूस पर भारत का रुख जानने के बाद उस पर एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल डिफेंस सिस्टम रूस से खरीदने के लिए CAATSA के तहत पाबंदियां लगाई जाएंगी।

अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लु ने कहा कि बाइडेन प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है लेकिन उसने अभी पाबंदियों को लेकर आखिरी फैसला नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मैं बस यही कह सकता हूं कि भारत अब हमारा महत्वपूर्ण सुरक्षा साझेदार है और हम इस साझेदारी के साथ आगे बढ़ने को महत्व देते हैं।

बता दें कि अमेरिका और चीन के बीच भी पिछले सालों ट्रेड वार देखने को मिला था। दोनों देशों के शीर्ष नेता कई बार एक दूसरे के सामने आ चुके हैं। ऐसे में बाइडने प्रशासन के लिए चुनौती यह है कि चीन से संतुलन कैसे बनाया जाए। दक्षिण एशिया में भारत से बड़ा दूसरा क्षेत्रीय ताकत नहीं है। इस कारण वह CAATSA के तह प्रतिबंध लगाने का फैसला टाल सकता है।

Next Story

विविध