Russia-Ukraine War Updates : जब भारत ने किया परमाणु परीक्षण, यूक्रेन ने नहीं दिया साथ, जानें रूस ने कब-कब पक्ष में किया Veto का इस्तेमाल?
1998 में भारतीय परमाणु परीक्षण का यूक्रेन ने विरोध किया था।
Russia-Ukraine War Updates : रूस और यूक्रेन के बीच पिछले तीन दिनों से जारी संघर्ष वैश्विक संकट गहराता जा रहा है। यही वजह है कि पूरी दुनिया की नजर रूस-यूक्रेन ( Russia-Ukraine war ) के बीच जारी युद्ध पर है। ताजा हालात में सबसे बड़ा सवाल भी यही है कि कौन-कौन से देश रूस के साथ या खिलाफ हैं।इस मुद्दे पर रूस के खिलाफ खुलकर सामने आ गया है। अमेरिका ( America ) इस स्टैंड से भारत ( India ) भी असमंजस की स्थित में है। ऐसा इसलिए कि भारत हमेशा से गुटनिरपेक्ष रहा है। फिर रूस ने हमेशा भारत का साथ दिया है। दूसरी तरफ सियासी नजरिए ये अमेरिका भी भारत के लिए काफी अहम देश है। इसलिए भारत किसी भी पाले में न जाकर तटस्थ नीति पर अमल कर रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि रूस ( Russia ) ने हर परिस्थिति में भारत का साथ दिया है।
रूस ने कब-कब दिया भारत का साथ
रूस ने भारत की मदद हर संकट के समय में की है। यहां तक कि रूस भारत के हित में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( UNSC ) में कई बार वीरो का इस्तेमाल किया है। इसलिए रूस की मदद करना भारत सरकार ( Indian Government ) की नैतिक जिम्मेदारी है।
1. 1957 में रूस ने भारत के पक्ष में कश्मीर पर वीटो पावर का इस्तेमाल किया।
2. 1961 गोवा की मुक्ति संग्राम।
3. 1962 चीन-भारत युद्ध में दिया था साथ।
4. 1971 भारत-पाक युद्ध।
5. 1998 में भारत के दूसरे परमाणु परीक्षण।
6. 2019 अनुच्छेद 370 और धारा 35ए हटाने के मुद्दे पर।
इसके अलावे भी आतंकवाद सहित अन्य मुद्दे पर रूस ने भारत का साथ दिया है। यही वजह है कि कल जब रूस के खिलाफ यूएनएससी में प्रस्ताव पारित किया तो भारत वोटिंग में शामिल नहीं हुआ। न ही यूक्रेन ( Ukraine ) का समर्थन किया। जबकि भारत, चीन, यूएई को छोड़कर अन्य राष्ट्रों ने यूक्रेन का साथ दिया।
यूक्रेन ने किया था परमाणु परीक्षण का विरोध
भारत ने जब 1998 में परमाणु परीक्षण किया तो उसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी थी। भारत के इस कदम को लेकर यूएन में भी लंबी चर्चा हुई। कई देशों ने भारत के कदम को गलत ठहराया था। ठीक इसके उलट रूस ( Russia ) ने यूएन सिक्युरिटी काउंसिल ( UNSC ) में भारत के पक्ष में वीटो ( Veto ) का उपयोग किया था। उस समय यूक्रेन ( Ukraine ) ने कहा था कि सोवियत यूनियन के दौरान जो परमाणु हथियार हमारे पास थे, वे रूस को मिल गए। रूस के दम पर ही अब भारत परमाणु परीक्षण कर रहा है, जिसे हम समर्थन नहीं दे सकते।
यूक्रेन 1991 में सोवियत संघ का विघटन होने पर स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरकर सामने आया।इस बीच 32 साल के लंबे अवधि के दौरान भी भारत के यूक्रेन ( India Ukraine relation ) से खास संबंध नहीं बन पाये। भारत का झुकाव हमेशा रूस ( India -Russia Relation ) की ओर ही रहा। भारत और यूक्रेन के बीच व्यापार की बात की जाए तो वह भी न के बराबर है।
8 साल पहले भारत ने क्रीमिया मुद्दे पर रूस का दिया था साथ
परमाणु परीक्षण ( Nucleat Tes) पर रूस ने भारत का साथ दिया तो इसके बदले में भारत ने भी क्रीमिया के मुद्दे पर रूस का साथ दिया था। यह बात फरवरी-मार्च 2014 की है जब रूस ने यूक्रेन के महत्वपूर्ण आईलैंड क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। यूक्रेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित कई देशों ने रूस के इस कदम की कठोर निंदा करते हुए रूस के खिलाफ कई आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। रूस को जी-8 ग्रुप से भी बाहर कर दिया गया था। भारत ने यह कहकर रूस का समर्थन किया कि वह रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का समर्थन नहीं करेगा।
रूस कश्मीर मुद्दे पर रहा भारत के साथ
भारत और रूस से संबंधों की और बात करें तो रूस ने कश्मीर मुद्दे पर भी भारत का हमेशा से खुलकर साथ दिया। कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के मामले में भी रूस ने भारत का समर्थन किया था। वहीं तुर्की समेत कई देशों ने भारत के इस कदम को भड़काऊ करार दिया था। भारत के लिए रूस की सबसे बड़ी अहमियत यह भी है कि भारत के 70 फीसदी हथियार रूस से ही इंपोर्ट होते हैं। कई मशीनरीज और कलपुर्जे के मामले में भी हम आज भी रूस पर ही निर्भर है। यानि रूस के खिलाफ जाना हमारे लिए महंगा सौदा होगा।
भारत के मना करने पर भी यूक्रेन ने पाक को बेचे हथियार
Russia-Ukraine War Updates : रूस लगभग 23 साल पहले यूक्रेन के पास पाकिस्तान की ओर से 320 टी-80 टैंक को खरीदने का प्रस्ताव रखा था। यह डील 650 मिलियन डॉलर की थी। उस वक्त भारत ने यूक्रेन से कहा था कि पाकिस्तान को ये टैंक न बेचे। पाकिस्तान आतंक को बढ़ावा देने वाला देश है। इन टैंक का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया जाएगा। पाकिस्तान भारत में आतंकियों को भेजता है। इसके बावजूद यूक्रेन ने 320 टैंक पाकिस्तान को बेचा। अब पाकिस्तान उसी 320 टैंक का इस्तेमाल भारत के खिलाफ करता है। पिछले साल ही यूक्रेन ने पाकिस्तान के साथ 85 मिलियन डॉलर की डील की है जिसके तहत इन टैंक को फिर से अपग्रेड किया जाएगा।