मुसलमान जिस देश में रहते हैं उसका सम्मान करें और वफादार बने रहें : वर्ल्ड मुस्लिम काउंसिल में बोले मिस्र के मंत्री
मुसलमान जिस देश में रहते हैं उसका सम्मान करें और वफादार बने रहें : वर्ल्ड मुस्लिम काउंसिल में बोले मिस्र के मंत्री
Abu Dhabi News : संयुक्त अरब अमीरात में वर्ल्ड मुस्लिम कम्युनिटीज़ काउंसिल (TWMCC) के चौथे वार्षिक सम्मेलन में मिस्र के धार्मिक मामलों से जुड़े मंत्री डॉक्टर मोहम्मद मुख़्तार गोमा ( Mohammad Mukhtar Goma ) भारत सहित दुनियाभर में फैले मुसलमानों को बड़ा संदेश दिया है। उनके वक्त्वय से साफ है कि वो मुस्लिमों से कहना चाहते हैं कि वो सभी के साथ मिलकर सम्मान के साथ रहें। दूसरों को सम्मान दें और उनसे सम्मान हासिल करें। शांति और अहिंसामुक्त समाज में रहने का इससे बेहतर और विकल्प नहीं है।
डॉक्टर मोहम्मद मुख़्तार गोमा ( Mohammad Mukhtar Goma ) ने कहा कि दुनिया भर में मुस्लिम समाज के लोग दो श्रेणियों में बंटे हुए हैं। एक दुनिया तार्किक है जबकि दूसरी काल्पनिक जिसका दुरुपयोग चरमपंथियों और आतंकवादी कर रहे हैं। ऐसे मुस्लिमों का मकसद पूरी मुस्लिम दुनिया को एक झंडे और एक देश के अंदर लाना है।
TWMCC में उन्होंने ( Mohammad Mukhtar Goma ) कहा कि आज के समय में एक नवनिर्मित देश के अंदर असंभव एकता की कामना करने से ज़्यादा अपने राष्ट्र, उसकी धरती और झंडे के प्रति वफादार होना जरूरी है। ये कोशिश एक राष्ट्र और ग़ैर-मुसलमान समुदायों के बीच रह रहे मुस्लिम अल्पसंख्यकों को कमजोर करने के लिए की जा रही है। ऐसा नहीं होना चाहिए। ये भी जरूरी है कि क़ुरान की आयतों को उसके उसी संदर्भ में समझा जाए, जैसे उन्हें लिखा गया है न कि जिस तरह आतंकवादी समूह अपने हित साधने के लिए उसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
सभी मुसलमानों का एक ध्वज के नीचे रहना असंभव
मिस्र के धार्मिक मामलों से जुड़े मंत्री डॉक्टर मोहम्मद मुख़्तार गोमा ( Mohammad Mukhtar Goma ) ने TWMCC कहा कि एक मुसलमान को उस देश का सम्मान करना चाहिए, जहां वह रहता है। चाहे मुस्लिम बहुल देश हो या वहां मुसलमान अल्पसंख्यक हों। फतवा हालात, जगह और समय से बदलना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय फोरम पर हमें समन्वय के जरिए इस्लामिक एकता दिखानी चाहिए। जो भी क़ुरान जला रहे हैं उनका सामना हम मज़बूती से करेंगे। हमारे मजहब का लोग तब तक आदर नहीं करेंगे जब तक हम अपने जीवन में सफल नहीं होंगे। हमें उन चरमपंथियों से भी लड़ना होगा जो इस्लाम का गलत तरीके से अपने हित के लिए इस्तेमाल करते हैं। सभी देशों के मुसलमान एक ध्वज, एक देश और शासक के अधीन हों यह यह असंभव है।
विज्ञान और शोध मुस्लिम एकता की नींव बने
Abu Dhabi News : बता दें कि अबूधाबी में आयोजित वर्ल्ड मुस्लिम कम्युनिटीज काउंसिल (TWMCC) के चौथे वार्षिक सम्मेलन में इस्लामिक दुनिया की एकता को लेकर चर्चा हुई। सम्मेलन में मुस्लिम देशों के 500 से अधिक धार्मिक, राजनीतिक, विद्वानों और समाजिक नेताओं ने हिस्सा लिया। यूएई के सहिष्णुता और सह-अस्तित्व मंत्री शेख नाह्यान बिन मुबारक अल नाह्यान की अगुवाई में यह सम्मेलन संपन्न हुआ। यह TWMCC की चौथी वर्षगांठ थी। बैठक का आयोजन 8 और 9 मई को अबू धाबी राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र में हुआ। यूएई के सहिष्णुता मंत्री शेख नाह्यान बिन मुबारक ने कहा कि मुस्लिम दुनिया का आधार विज्ञान होना चाहिए। मैं विशेषज्ञ नहीं हूं लेकिन इस्लाम विज्ञान और ज्ञान का धर्म है। इसलिए ये ज़रूरी है कि विज्ञान और शोध मुस्लिम एकता की नींव बने।