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बंगाल के सिंगूर पहुंचे किसान नेता चढ़ूनी बोले, किसानों के संघर्ष के आगे टाटा को यहीं से जमीन छोड़ पड़ा था भागना
(यह पहला मौका है, जब इस तरह के विरोध प्रदर्शन में किसान दो गुट में बंट गए हैं।)
कोलकाता, जनज्वार। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के हरियाणा में प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने सिंगूर की धरती पर शहीद हुए किसानों को याद कर यहां रविवार को देश के किसानों से कॉरपोरेट के खिलाफ आवाज बुलंद करने की अपील की।
गुरनाम सिंह इस समय पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं और वहां भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चाबंदी में जुटे हैं। भाकियू नेता ने एक वीडियो संदेश में कहा, "आज हम सिंगूर की आंदोलनकारी धरती पर खड़े हैं जिस पर 2008 में टाटा के खिलाफ एक बहुत बड़ा आंदोलन खड़ा हुआ था। उस आंदोलन में कई किसानों ने अपनी शहादत दी थी।"
उन्होंने आगे कहा, "किसानों के संघर्ष के आगे टाटा को यह जमीन छोड़कर भागना पड़ा, पर दुर्भाग्य की बात आज 13 साल गुजर जाने के बाद भी यह जमीन अब तक किसानों को वापस नहीं मिली है।"
बता दें कि कोलकाता से करीब 45 किलोमीटर दूर हुगली जिला स्थित सिंगूर में टाटा की नैनो कार की फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन अधिग्रहण के विरोध में किसानों के आंदोलन की अगुवाई पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कर रही थीं।
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को पूंजीतियों के खिलाफ आंदोलन बताते हुए गुरनाम सिंह ने कहा, "टाटा द्वारा केस करके किसानों को परेशान किया जा रहा है। आज का जो हमारा आंदोलन है वह भी पूंजीपतियों की इन नीतियों के खिलाफ है।"
सिंगूर के आंदोलन से नसीहत लेने की अपील करते हुए उन्होंने कहा, "हम सबके लिए सिंगूर एक बहुत बड़ा उदाहरण है। आने वाले समय में ऐसी स्थिति इस देश के हर किसान के सामने खड़ी होने वाली है।"
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन की आंच पश्चिम बंगाल की सियासत तक पहुंच गई है। किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के कई नेता इस समय पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं और वे प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में लोगों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ वोट डालने की अपील कर रहे हैं।