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बिहार चुनाव 2020

नीतीश की वर्चुअल रैली से पहले तेजस्वी आक्रामक, बोले-वर्चुअल के बहाने ऐक्चुअल मुद्दों से भागने नहीं देंगे

Janjwar Desk
7 Sep 2020 4:02 AM GMT
नीतीश की वर्चुअल रैली से पहले तेजस्वी आक्रामक, बोले-वर्चुअल के बहाने ऐक्चुअल मुद्दों से भागने नहीं देंगे
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File photo

तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार में 15 वर्षों में बेरोजगारी, ग़रीबी, भुखमरी और पलायन काफी बढ़ गयी है, राज्य में बेरोज़गारी दर सर्वाधिक है, जो 46.6% है......

जनज्वार ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज वर्चुअल रैली को संबोधित करने वाले हैं। सत्ता पक्ष जहां इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने की कोशिश में जुटा हुआ है, वहीं विपक्षी दल इसपर सवाल खड़े कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कोरोना लॉकडाउन से पहले बीते 1 मार्च को पटना में गांधी मैदान में हुई उनकी रैली की याद दिलाते हुए कहा है कि वर्चुअल में बहाने हम उन्हें एक्चुअल मुद्दों से भागने नहीं देंगे। उन्होंने कई सवाल उठाते हुए कहा है कि आशा है कि मुख्यमंत्री इन बातों का जबाब अपने संबोधन में देंगे।

उन्होंने कहा कि बिहार में 15 वर्षों में बेरोजगारी, ग़रीबी, भुखमरी और पलायन काफी बढ़ गयी है। राज्य में बेरोज़गारी दर सर्वाधिक है, जो 46.6% है। उन्होंने पूछा है कि राज्य में बेरोजगारी दर सर्वाधिक क्यों है और राज्य बेरोज़गारी का मुख्य केंद्र क्यों है।

तेजस्वी यादव ने नीति आयोग की रिपोर्टों और इसके सूचकांकों में बिहार के साल दर साल पिछड़ने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा है। उन्होंने पूछा है कि नीति आयोग के सारे सूचकांकों पर बिहार साल दर साल क्यों पिछड़ता चला गया। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सतत विकास सूचकांक में बिहार अंतिम पायदान पर कैसे पहुँचा और इसका दोषी कौन है।

उन्होंने दलितों के मुद्दे पर भी मुख्यमंत्री को घेरा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के 15 वर्षों के कार्यकाल में दलितों पर अत्याचार बढ़ गया है। NCRB के अनुसार देश भर में दलितों पर सबसे ज्यादा क्राइम बिहार में हुए जिसका दर 40.7% है जबकि राष्ट्रीय औसत 21.8 है। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि किसी दलित की अगर हत्या हो जाती है तो उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी, जिसे चुनाव पूर्व दलित वर्ग को लुभाने की कोशिश माना जा रहा है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार की सभी मानक संस्थाओं जैसे NCRB, नीति आयोग, NHM इत्यादि के अनुसार बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य और क़ानून व्यवस्था की स्थिति बदतर है, इसपर मुख्यमंत्री को जबाब देना चाहिए कि आखिर ऐसा क्यों है?

पीएम नरेंद्र मोदी के आर्थिक पैकेज की घोषणा की चर्चा करते हुए उन्होंने पूछा है कि प्रधानमंत्री जी द्वारा घोषित तथाकथित 1.65 लाख करोड़ के पैकेज का योजनावार और विभागवार ख़र्च कितना और कहाँ हुआ? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इसका ब्यौरा स्वयं सार्वजनिक करना चाहिए।

युवाओं की चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य सबसे अधिक युवा आबादी वाला प्रदेश है। बिहार के युवाओं को नीतीश कुमार की रूढ़िवादी, बासी, उबाऊ और 15 वर्षों की घिसी-पिटी नकारात्मक बातें नहीं चाहिए। बिहार के युवा इतिहास के बासी पन्ने नहीं, बल्कि सुनहरा वर्तमान और भविष्य चाहते हैं। लिहाजा मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि उन्होंने 15 वर्षों में इन्हें रोज़गार क्यों नहीं दिया, उद्योग-धंधे क्यों नहीं लगाए गए और बिहार में नियमित बहाली क्यों नहीं की गई।

उन्होंने कहा कि वर्चुअल रैली में मुख्यमंत्री को यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने 2013, 2017 में जनादेश का अपमान क्यों किया। इससे बिहार को क्या फ़ायदा हुआ, इसकी विस्तृत जानकारी देनीं चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्य के लोग जानना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीति, नियम, नियति, सिद्धांत और विचार क्या है। उल्लेखनीय है कि बिहार में शीघ्र ही विधानसभा चुनाव होनेवाले हैं और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव राज्य सरकार के कार्यकलापों को लेकर लगातार आक्रामक बयान देते हुए सत्तापक्ष पर निशाना साध रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने सीएम नीतीश कुमार की वर्चुअल रैली के ऐन पहले फिर निशाना साधा है।

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