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बिहार चुनाव 2020

बिहार चुनाव 2020 : क्या नीतीश पर भारी पड़ा मोदी का चेहरा, भाजपा की बढ़ी सीटें

Janjwar Desk
10 Nov 2020 1:39 PM GMT
बिहार चुनाव 2020 : क्या नीतीश पर भारी पड़ा मोदी का चेहरा, भाजपा की बढ़ी सीटें
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photo : social media

भाजपा ने इस चुनाव में भले ही मुख्यमंत्री के चेहरा को लेकर नीतीश कुमार के नाम की घोषणा कर दी थी, लेकिन भाजपा ने होर्डिग और पोस्टरों में केवल नरेंद्र मोदी की तस्वीर ही लगाई थी....

मनोज पाठक की रिपोर्ट

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में दोनों गठबंधनों में कांटे की टक्कर है। अब तक मिले रूझानों के बाद भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेतृत्व वाले महागठबंधन पर बढ़त बनाए हुए है।

राजग में शामिल जनता दल युनाइटेड इस चुनाव में एक बार फिर 'बड़े भाई' की भूमिका में थे और भाजपा से अधिक सीटों पर चुनाव भी लड़ रहे थे, लेकिन अभी तक रूझानों पर नजर डालें तो इस चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारी पड़े हैं।

मतगणना में अभी तक मिल रहे रूझानों पर गौर करें तो भाजपा जहां 5 सीटों पर चुनाव जीत चुकी है, जबकि 67 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। इधर, जदयू के दो प्रत्याशी चुनाव जीत चुके हैं तथा 41 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। ऐसे में यह तय है कि भाजपा इस बार जदयू से अधिक सीटें लाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां भी रैलियां की, वहां राजग को लाभ मिला है। प्रधानमंत्री ने बिहार चुनाव के दौरान चार दिनों में कुल 12 रैलियां की थीं, जिसमें राजग के प्रत्याशियों को काफी लाभ हुआ है।

प्रधानमंत्री की कुल 12 चुनावी सभाओं में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 6 जगह साथ रहे थे और राजग के लिए वोट मांगे थे। प्रधानमंत्री ने अपनी 12 चुनावी सभाओं में 110 विधानसभा क्षेत्रों के लोगों को संबोधित किया था और उन्होंने राजग के लिए वोट मांगे थे। मतगणना के रूझानों पर गौर करें तो इनमें से 55 से 60 सीटों पर राजग के प्रत्याशी या तो निर्णायक बढ़त बना चुके हैं या फिर आगे चल रहे हैं।

भाजपा ने इस चुनाव में भले ही मुख्यमंत्री के चेहरा को लेकर नीतीश कुमार के नाम की घोषणा कर दी थी, लेकिन भाजपा ने होर्डिग और पोस्टरों में केवल नरेंद्र मोदी की तस्वीर ही लगाई थी, जिसे लेकर विरोधी दलों के नेताओं ने सवाल भी उठाए थे।

इधर भाजपा के एक नेता ने नाम प्राकशित नहीं करने की शर्त पर कहते हैं, "मोदी की सभी रैलियों में आई भीड़ मत के रूप में परिवर्तित हुई, लेकिन नीतीश कुमार का एंटी इनकंबेंसी फैक्टर कई प्रत्याशियों के लिए परेशनी का कारण बना।"

उन्होंने लोजपा को भी एक कारण बताया। उन्होंने कहा कि लोजपा ने जदयू के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। उल्लेखनीय है कि लोजपा ने 'मोदी तुझसे बैर नहीं, नीतीश तेरी खैर नहीं' स्लोगन के साथ अकेले चुनाव मैदान में उतरी थी।

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