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बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा राजनीति से अभी नहीं लेंगे सन्यास, महागठबंधन का करेंगे प्रचार, बेटे लव सिन्हा हैं बांकीपुर से उम्मीदवार
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बॉलीवुड में अपनी बेजोड़ अभिनय प्रतिभा और लोकप्रियता के कारण 'बिहारी बाबू' कहलाने वाले शत्रुघ्न सिन्हा युवाओं के राजनीति में आने से खुश हैं। युवा भले ही राजनीति में आ रहे हों, पर पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि वे अभी राजनीति से सन्यास नहीं लेने जा रहे।
शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र लव सिन्हा इस बार के विधानसभा चुनाव में पटना के बांकीपुर से कांग्रेस के टिकट पर महागठबंधन की ओर से चुनाव मैदान में हैं। अभिनय से राजनीति में आए और प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा के पिता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि यह उत्साहजनक है कि काफी युवा राजनीति के क्षेत्र में आ रहे हैं लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वह राजनीति को अलविदा नहीं कह रहे हैं।
इस दौरान उन्होंने अपने बेटे को बिहारी पुत्र बताया। वैसे बांकीपुर सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है, जहां से भाजपा ने तीन बार के विधायक नितिन नवीन को फिर से टिकट दिया है। पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बांकीपुर विधानसभा सीट आती है।
पटना साहिब संसदीय सीट से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद सांसद हैं। रविशंकर प्रसाद ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से शत्रुघ्न सिन्हा को ही पराजित किया था।
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि उनके पुत्र कांग्रेस की पसंद और युवाओं की मांग पर चुनाव में उतरे हैं, क्योंकि क्षेत्र के लोग नया चेहरा चाहते हैं जो इलाके में गंभीरता से विकास कार्य करे। उन्होंने कहा कि न तो मैं थका हूं, और न ही रिटायर हूं। मैं सक्रिय राजनीति में बना रहूंगा। सिन्हा बिहार चुनाव में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में शामिल हैं और इस सप्ताह अपने पुत्र के लिए प्रचार अभियान में शामिल होंगे।
शत्रुघ्न सिन्हा खुद भी पटना साहिब संसदीय क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं और केंद्र में कैबिनेट मंत्री भी बनाए गए थे। हालांकि उस वक्त वे बीजेपी की ओर थे। बाद के दिनों में वे बीजेपी से अलग हो गए थे और विगत 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था, जहां उन्हें रविशंकर प्रसाद से पराजित होना पड़ा था।