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Exclusive : महागठबंधन में सीट शेयरिंग फाइनल, कांग्रेस को मिल सकतीं हैं 68 और वामदलों को 29 सीटें, जल्द हो सकती है आधिकारिक घोषणा
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार चुनावों को लेकर यह बड़ी खबर है। दो दिन पहले जिस भाकपा(माले) ने महागठबंधन से अलग होने की बात कहते हुए 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी, वह भाकपा माले मान गई है और महागठबंधन में सीटें फाइनल हो गईं हैं। वैसे इसकी आधिकारिक घोषणा तो अभी नहीं की गई है, पर महागठबंधन के हमारे सूत्रों ने यह जानकारी दी है और हम एक्सक्लुसिव इसे आप तक पहुंचा रहे हैं। अगर आखिरी समय में कुछ विशेष बदलाव नहीं हुआ, तो यही फाइनल सीटें हो सकती हैं।
महागठबंधन के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, महागठबंधन में सीटों पर सहमति बन गयी है। इसमें 68 सीटें कांग्रेस को दी जा रहीं हैं, जबकि 19 सीटें भाकपा माले को और 10 सीट सीपीआई-सीपीएम को दिए जा रहे हैं।
भाकपा माले को भोजपुर में आरा शहरी, तरारी और अगिआंव विधानसभा क्षेत्र मिलने वाले हैं, जबकि समस्तीपुर जिला में वारिसनगर और कल्याणपुर, जहानाबाद जिला में घोसी, पटना जिला में पालीगंज, फुलवारी शरीफ व दीघा तथा सिवान जिला में दरौली ,दरौंदा ,जीरादेई की सीटें मिल रहीं हैं। वहीं मुजफ्फरपुर जिला में औराई सीट मिलने वाली है।
महागठबंधन के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक घटक दलों के बीच सीटों का कल देर रात बंटवारा कर लिया गया है। बताया जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर हुई इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा और विकासशील इंसान पार्टी यानि वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश साहनी मौजूद थे।
इसी बैठक में सीटों का यह बंटवारा फाइनल कर दिया गया है। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा की जा सकती है।
वैसे आधिकारिक तौर पर अभी तक किसी भी घटक दल के नेता ने खुलकर तो कुछ नहीं कहा है, लेकिन कांग्रेस और राजद दोनों दलों के नेताओं के सुरों में आज नरमी जरूर दिख रही है और दोनों दलों द्वारा यह कहा जा रहा है कि सीटों का जल्द ही साझा तौर पर एलान कर दिया जाएगा। इन बातों से एक तरह से सूत्रों की बातों की पुष्टि हो जा रही है।
इससे पहले भाकपा माले ने 30 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया था और इसके साथ ही महागठबंधन में टूट की बातें होने लगीं थीं। उस वक्त पार्टी के राज्य सचिव कुणाल ने कहा था कि उनकी पार्टी द्वारा 30 सीटों की मांग की जा रही थी। ये वैसी सीटें थीं, जहां पार्टी का अपना कैडर और जनाधार है और पार्टी जहां जनसमस्या को लेकर संघर्ष करती रही है।
उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी की ओर से 10 सीटों को कम कर 20 सीटों पर सहमति बनाने की कोशिश भी की गई। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि अगर ग्रैंड एलायंस बना और उनके बेस इलाकों में सीटें दी गईं तो पार्टी महागठबंधन के साथ भी जा सकती है।