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बिहार चुनाव 2020

सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मैंने नहीं उठाया कोई फायदा : पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडेय

Janjwar Desk
24 Sept 2020 10:24 AM IST
सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मैंने नहीं उठाया कोई फायदा : पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडेय
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गुप्तेश्वर पांडे ने कहा सुशांत मौत मामले में सीबीआई से सिफारिश मेरी तरफ से आखिरी प्रयास, मैंने ऐसा सिर्फ इसलिए किया, क्योंकि उनके बूढ़े और लाचार पिता पटना में रहते हैं और वह मुंबई पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं थे...

पटना, जनज्वार। बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का कहना है कि उनके द्वारा अभी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला करना बाकी है और उन्होंने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत का कोई फायदा नहीं उठाया है।

उन्होंने बुधवार 23 सिंतबर को कहा, "मैंने व्यक्तिगत क्षमता पर वीआरएस लिया है और मैं अपने गृह जिले बक्सर सहित राज्यभर से आने वाले लोगों से मिल रहा हूं। मैं सालों से कम्युनिटी पुलिसिंग के माध्यम से उनसे जुड़ा हूं। वे मुझसे चुनाव लड़ने के लिए कह रहे हैं, लेकिन मैंने चुनाव लड़ने या किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने का अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है।"

पांडेय ने फरवरी 2021 में समाप्त होने वाले उनके कार्यकाल से पांच महीने पहले मंगलवार को सरकारी सेवा से वीआरएस ले लिया था। तब से चर्चा है कि वह जेडीयू से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।

पांडेय ने कहा, "मैं चतरा जिले (अब झारखंड में) में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में अपनी पहली पोस्टिंग के बाद से कम्यूनिटी पुलिसिंग से जुड़ा हुआ हूं। मैं बिहार और झारखंड में 50 से अधिक मुठभेड़ों में शामिल था। उन मुठभेड़ों के बाद कम्यूनिटी पुलिसिंग का अनुसरण कर बेगुसराय में 1993 और 1994 में अपराध दर न्यूनतम स्तर पर था।"

शिवसेना के आरोपों पर उन्होंने कहा, "सुशांत की रहस्यमय मौत के मामले में पटना में एफआईआर दर्ज करना गैरकानूनी नहीं था। यह सुप्रीम कोर्ट (एससी) में सिद्ध हो चुका है। मैंने सुशांत मामले में सीबीआई से सिफारिश की है, जो मेरी तरफ से आखिरी प्रयास था। मैंने ऐसा सिर्फ इसलिए किया, क्योंकि उनके बूढ़े और लाचार पिता पटना में रहते हैं और वह मुंबई पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं थे।"

उन्होंने आगे कहा, "मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाने के बाद रिया चक्रवर्ती पर टिप्पणी की थी। मैंने ध्यान दिलाया कि वह सुशांत मामले में कथित आपराधिक आरोपों का सामना कर रही हैं। जो पहले से ही आपराधिक आरोपों का सामना कर रहा है, उसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को दोष नहीं देना चाहिए।"

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