Begin typing your search above and press return to search.
बिहार चुनाव 2020

निधन के पूर्व लिखी गईं रघुवंश प्रसाद सिंह की चिट्ठियों पर शुरू हो गई सियासत

Janjwar Desk
14 Sep 2020 5:26 PM GMT
निधन के पूर्व लिखी गईं रघुवंश प्रसाद सिंह की चिट्ठियों पर शुरू हो गई सियासत
x

रघुवंश प्रसाद सिंह  (File photo)

निधन से पूर्व उनके द्वारा लिखी गई चिट्ठियों को लेकर पक्ष-विपक्ष की सियासत होने लगी है, इन चिट्ठियों को लेकर सत्तापक्ष जहां राजद को घेरने की कोशिश कर रहा है, वहीं राजद के नेता इस पत्र की वास्तविकता पर सवाल उठा रहे हैं...

जनज्वार ब्यूरो, पटना। प्रखर समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन के बाद एक तरफ शोक की लहर है, तो दूसरी तरफ इसे लेकर बिहार में राजनीति भी शुरू हो गई है। आज रघुवंश बाबू को अंतिम विदाई भी दे दी गई है।

निधन से पूर्व उनके द्वारा लिखी गई चिट्ठियों को लेकर पक्ष-विपक्ष की सियासत होने लगी है। इन चिट्ठियों को लेकर सत्तापक्ष जहां राजद को घेरने की कोशिश कर रहा है, वहीं राजद के नेता इस पत्र की वास्तविकता पर सवाल उठा रहे हैं।

राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने उस पत्र पर ही सवाल उठा दिया है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति आईसीयू में अपना इलाज कराते हुए पत्र कैसे लिख सकता है। कांग्रेस सांसद और पार्टी के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी कह दिया है कि यह पत्र एक साजिश है।

उन्होंने कहा कि रघुवंश बाबू एक साधु संत आदमी थे। वे कुछ दिन पहले ही उनसे मिले थे तो उन्होंने मोदी सरकार और नीतीश सरकार की जमकर आलोचना की थी और संघर्ष करने की बात कही थी। उन्होंने लालू प्रसाद की तारीफ भी की थी। ऐसे में वे इस तरह का पत्र भला कैसे लिख सकते हैं।

उधर जदयू की ओर से सूचना जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार आगे आए। उन्होंने कहा कि रघुवंश बाबू के निधन के बाद अब राजद के लोग उनपर अमर्यादित टिप्पणी कर रहे हैं। जब वे जिंदा थे तो किसी राजद नेता ने सुधि नहीं ली थी।

वहीं बीजेपी के प्रवक्ता डॉ निखिल आनंद ने कहा कि तेजप्रताप यादव ने उनकी तुलना एक लोटा जल से की थी और अब राजद के लोग उनके बारे में बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं।

Next Story

विविध