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साधारण डाक से कारतूस भेज डॉक्टर से 50 लाख रंगदारी मांगने वाले रीतलाल को तेजस्वी ने बनाया अपना उम्मीदवार
जमानत पर रिहा राजद एमएलसी हैं कई संगीन अपराधों में अपराधी, लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाने के लिए अब पुलिस ने दर्ज किया था मुकदमा
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर दांवपेंच शुरू हो चुके हैं। पक्ष-विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर हैं, तो दागी नेताओं को टिकट देने का सिलसिला भी जारी है। इसी कड़ी में कभी लालू यादव के खास सिपहसलारों में से एक रीतलाल यादव को तेजस्वी यादव ने टिकट दिया है।
रीतलाल को टिकट मिलने के बाद उनकी सीट एकदम से चर्चा में आ गई है। रीतलाल वही शख्स है जिसने डॉक्टर को साधारण डाक से जिंदा कारतूस भेजकर 50 लाख की रंगदारी मांगने पर खासे चर्चित हुए थे। रीतलाल पर 33 संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
लालू के करीबी रहे रीतलाल को उनके पुत्र तेजस्वी यादव ने दानापुर विधानसभा से पार्टी का टिकट दिया है। खास बात ये है कि रीतलाल को तेज प्रताप यादव की साली करिश्मा राय की जगह उम्मीदवार बनाया गय़ा है। रीतलाल यादव बिहार के कुख्यात बाहुबलियों में शुमार है। 90 के दशक में उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा और दशक भर के भीतर ही उसकी तूती बोलने लगी।
रीतलाल ने साल 2017 में एक डॉक्टर को रजिस्टर्ड डाक से जिंदा कारतूस भेज 50 लाख की रंगदारी मांगी थी। बताया जाता है कि इस कांड के बाद रीतलाल रातों रात सुर्खियों में आ गया था। इसके अलावा भी रीतलाल के कई ऐसे कारनामे हैं जो मशहूर हैं। दानापुर विधानसभा से पहले तेज प्रताप यादव की साली करिश्मा राय को टिकट मिलना तय माना जा रहा था। हालांकि अब रीत लाल पर पार्टी ने दांव खेला है।
साल 2003 में रीतलाल पर बीजेपी नेता सत्यदेव सिन्हा को गोलियों से भूनने का आरोप भी लगा। रीतलाल के बारे में माना जाता है कि वह जेल के अंदर से रंगदारी का बड़ा रैकेट चलाता है। रीतलाल ने अपराध की दुनिया में नाम बनाने के बाद राजनीति में भी कदम रखा और विधायक भी बना। उस पर लालू प्रसाद यादव की बड़ी मेहरबानी रही। उसी पुण्य का फल दानापुर से ये टिकट मिलनी भी बताई जा रही है।