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सूर्यग्रहण के अंधविश्वास को दूर भगाने के लिए साइंस फॉर सोसायटी की पहलकदमी, कई जगह कार्यक्रम आयोजित
जनज्वार, रामनगर। आज 21 जून के वलायकार सूर्यग्रहण को लेकर जनता के बीच व्याप्त अंधविश्वास को दूर करने तथा इस खगोलीय घटना को देखने व समझने के लिए साइंस फॉर सोसायटी द्वारा उत्तराखंड के रामनगर, रामगढ़ व नुवार मंडी समेत तमाम स्थानों पर सूर्य ग्रहण देखने के कार्यक्रम आयोजित किये गये।
सूर्य ग्रहण को देखने के लिए साइंस फॉर सोसाइटी द्वारा वेल्डिंग मशीन में इस्तेमाल होने वाले शीशे तथा पिन होल तकनीक का इस्तेमाल किया गया, क्योंकि नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण देखने पर आँखों को नुकसान पहुंचने का खतरा होता है।
ग्रहण के दौरान घर में बंद रहने तथा खान-पान न करने आदि के अंधविश्वास को तोड़ने के लिए ग्रहण के दौरान चाय बनाने व सूक्ष्म जलपान का आयोजन भी किया गया।
सूर्य ग्रहण के बारे में जानकारी देते हुए साइंस फॉर सोसायटी के हेम आर्या ने बताया कि सूर्य ग्रहण इसलिए नहीं लगता है कि कोई राक्षस सूर्य को निगल लेता है, बल्कि जब पृथ्वी चंद्रमा व सूर्य जब एक सीध में आ जाते हैं और चंद्रमा की छाया सूर्य को ढक लेती है जिस कारण सूर्य ग्रहण दिखाई पड़ता है।
नुवार मंडी ऊधमसिंह नगर में ग्रामीणों के बीच कार्यक्रम आयोजित करते हुए वीर सिंह ने बताया कि पृथ्वी से सूर्य की दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है तथा सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने में लगभग आठ मिनट का समय लगता है। सूर्य का आयतन इतना बड़ा है कि सूर्य के अंदर तेरह लाख से भी अधिक पृथ्वी समा सकती हैं।
कार्यक्रम में किरन सागर ने कहा कि सूर्य ग्रहण को लेकर समाज में कई तरीके के अंधविश्वास, मौजूद हैं। आज इन अंधविश्वासों को तोड़ने की जरूरत है। सूर्य ग्रहण मात्र एक खगोलीय घटना है और उसको उसी रूप में देखा जाना चाहिए।
महिला एकता मंच की ललिता रावत ने साइंस फॉर सोसायटी का कार्यक्रम आयोजित के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय कहता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान खाना-पीना, आना-जाना व स्नान करने आदि में कोई दिक्कत नहीं है। वहीं दूसरी तरफ देश में ओझा-सोखा व ज्योतिषियों को ग्रहण को लेकर तमाम तरीके के, अंधविश्वास फैलाने की खुली छूट मिली हुई है।
रामगढ़ में साइंस फॉर सोसाइटी के कार्यक्रम समन्वयक गोपाल लोदियाल ने कहा कि देश को आज अंधविश्वास से बचाना एक चुनौती बन चुकी है, सरकार को सख्ती के साथ विभिन्न संचार माध्यमों के द्वारा ग्रहण को लेकर फैलाए जा रहे अंधविश्वासों पर रोक लगानी चाहिए तथा समाज में वैज्ञानिक व तार्किक चिंतन को ही बढ़ावा देना चाहिए।
अधिवक्ता मदन सिंह मेहता ने कहा कि आगामी पांच जुलाई को चंद्रग्रहण के दौरान भी इसी तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने की जरूरत है।
कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अमोल चौगले ने मुम्बई से वीडियो कॉल करके सूर्य ग्रहण को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।