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Jharkhand Crime News : इलाज के नाम पर झाड़-फूंक, नाबालिग को बेरहमी से पीटा, अगरबत्ती से जलाया चेहरा
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Jharkhand Crime News : झारखंड (Jharkhand) के चतरा जिले के गांव से अंधविश्वास (Blind Faith) में दिल झकझोर देने वाला मामला सामने आए है। यहां एक मौलाना ने इलाज और भूत भगाने के नाम पर दरिंदगी की सारी हदें पर कर दी। भूत उतारने के नाम पर मौलाना द्वारा लड़की के साथ मारपीट की गई और अगरबत्ती से चेहरे, होठ और हाथ जला दिया। नाबालिग इस पीड़ा को सहन नहीं कर सकी, जिससे नाबालिग बच्ची का मानसिक संतुलन बिगड़ गया। बता दें कि आरोपी मौलाना पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह है पूरा मामला
आधुनिकता के युग में अंधविश्वास पर यकीन करने वाले लोगों की कमी नहीं हैं। कभी- कभी ये विश्वास लोगों की जान पर भी भारी पड़ जाता है। बात दें कि यह मामला झारखंड चतरा जिले के लावालौंग प्रखंड के कोलकोले पंचायत के संभे गांव का है। यहां होली खेलने के बाद एक लड़की की तबियत बिगड़ गई थी। मौलाना मोहम्मद वाहिद ने झाड़-फूंक के जरिए लड़की के इलाज का भरोसा दिया। परेशान परिजनों ने मौलाना साहब की बातों में आकर इस इलाज के लिया हां कर दी। जिसके बाद झाड़- फूंक के जरिए नाबालिग का इलाज शुरू किया गया।
इलाज के नाम पर दरिंदगी की हदें पार
बता दें कि परिजनों ने आरोप लगाया है कि मौलाना ने इलाज के नाम पर लड़की से जमकर मारपीट की। पीड़िता की हालत नहीं सुधरी तो आरोपी मौलाना ने झाड़- फूंक करते हुए अगरबत्ती से नाबालिग का चेहरा, होठ और दोनों हाथों पर कई जगह से दाग दिए। लड़की दर्द से करहाती रही लेकिन मौलाना को नाबालिग बच्ची पर दया नहीं आई। मौलाना ने अपनी बर्बरता जारी रखी।
चार दिनों तक नाबालिग के साथ बर्बरता
पीड़िता के पिता कहा कहना है कि मौलाना वाहिद ने उनकी बेटी को अपने घर चार दिनों तक रखा था। जहां वो इलाज के नाम पर नाबालिग के साथ हैवानियत भरा सलूक करता रहा। पीड़िता के पिता का आरोप है कि भूत उतारने के नाम पर मौलाना वाहिद लड़की के साथ बेरहमी से मारपीट करता रहा और उनकी बेटी को जलती हुई अगरबत्ती से जला दिया।
नाबालिग ने खोया मानसिक संतुलन
वहीं नाबालिग शारीरिक और मानसिक टॉर्चर सहन नहीं कर पाई और उसकी वजह से अपना मानसिक संतुलन खो बैठी है। मासूम किसी से भी बात नहीं कर रही है। डरी सहमी पीड़िता की हालत को देखते हुए कुछ लोग उसे इलाज के लिए चतरा के सदर अस्पताल लेकर गए। जहां डॉक्टर ने उसके प्राथमिक इलाज के बाद उसे रांची (Ranchi) रेफर कर दिया।
जागरूकता से ही दूर होगा अंधविश्वास
वहीं पीड़िता के परिजनों ने स्थानीय थाने में मौलाना के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। जिसके बाद इस मामले की जांच में पुलिस जुट गई हैं लेकिन बात इतने पर ही खत्म नहीं होनी चाहिए। जरुरत है समाज में अंधविश्वास के प्रति जागरूकता लाने की ताकि समाज में इसका खत्म हो सके।