- Home
- /
- अंधविश्वास
- /
- Kerala News :...
Kerala News : अंधविश्वास और काला-जादू को खत्म करने के लिए बनाए जाएं सख्त कानून, केरल हाई कोर्ट में याचिका दायर
पर्सनल लॉ की आड़ में नाबालिग से संबंध बनाकर बच निकलना मुश्किल, ऐसा करना पॉक्सों के दायरे से बाहर नहीं : केरल हाईकोर्ट
Kerala News : देश के सबसे ज्यादा साक्षर राज्य केरल में दो महिलाओं की बलि के नाम पर निर्मम हत्या के बाद अंधविश्वास और काला जादू के खिलाफ कानून बनाने की मांग उठ रही है। इसी बीच केरल युवतिवादी संघम (Kerala Yukthivadi Sangham) ने केरल हाई कोर्ट में अमानवीय बुराई प्रथाओं, टोना - टोटका और काला जादू (Black Magic) के उन्मूलन के लिए केरल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
हाई कोर्ट से जल्द कानून बनाने की मांग
जानकारी के लिए आपको बता दें कि केरल हाई कोर्ट में अंधविश्वास और जादू टोने को खत्म करने के लिए और कानून बनाने के लिए दाखिल इस याचिका में हाईकोर्ट से केरल सरकार राज्य कानून सुधार आयोग की सिफारिश पर जल्द से जल्द निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की है।
केरल में मानव बलि के नाम पर दो महिलाओं की हत्याओं ने पकड़ा तूल
जानकारी के लिए बता दें कि केरल के पतनमतिट्टा जिले में दो महिलाएं काला - जादू का शिकार हो गई। डॉक्टर दंपति द्वारा दोनों महिलाओं का अपहरण कर उनके शवों के टुकड़े-टुकड़े कर गड्ढें में दफना दिया गया। पुलिस ने इस मामले की जांच में पाया कि इस पूरे हत्याकांड का मुख्य आरोपी आरोपी मोहम्मद शफी उर्फ रशीद है। बता दें कि अमीर बनने के लिए दंपति ने भगवान को खुश करने के लिए दो महिलाओं की मानव बलि के नाम पर बेरहमी से हत्या कर दी थी।
दोनों महिलाओं के दंपति ने किए थे 56 टुकड़े
बता दें कि आरोपी ने पहले भी ऐसी वारदात को अंजाम दिया है। दिल दहला देने वाले इस मामले में पुलिस ने बताया कि दोनों महिलाओं के 56 टुकड़े किए गए थे। पुलिस ने अपनी जांच के दौरान पाया कि आरोपी ने दोनों महिलाओं को वित्तीय मदद करने के बहाने से अपने पास बुलाया था। पैसे का लालच देकर महिलाओं का अपहरण किया फिर दोनों की बलि दे दी। शवों के टुकड़े किए और अपने ही घर के पीछे दबा दिया।
2019 में बिल बना लेकिन विधानसभा में नहीं हुआ पेश
बता दें कि काला जादू और मानव बलि रोकने को लेकर 2019 में एक बिल बनाया गया था लेकिन इस बिल को कभी भी विधानसभा में पेश नहीं किया गया। केरल कानून सुधार आयोग ने इस बिल का ड्राफ्ट तैयार कर सरकार को सौंपा था लेकिन सरकार इसे धार्मिक मामला समझते हुए इससे दुर रहने की कोशिश कर रही है।