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अंधविश्वास और अज्ञानता के अंधेरे में धकेल रहे प्रदीप मिश्रा, बिना पढ़े पास कराने का दावा एकदम बकवास
अंधविश्वास और अज्ञानता के अंधेरे में धकेल रहे प्रदीप मिश्रा, बिना पढ़े पास कराने का दावा एकदम बकवास
कथावाचक प्रदीप मिश्रा के अंधविश्वास फैलाने वाले दावों की पोल खोल रहे हैं मनोवैज्ञानिक और एंटी सुपरस्टीशन ऑर्गेनाइजेशन (ASO) के अध्यक्ष टिकेश कुमार
Pandit Pradeep Mishra Exposed : मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के एक कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा अंधविश्वास और अज्ञानता फैलाकर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। प्रदीप मिश्रा बच्चों को बिना पढ़े पास कराने का दावा करते हैं, जो पूरी तरह से बकवास है।
पंडित प्रदीप मिश्रा औरतों और बच्चों को सीख दे रहे हैं कि बच्चों को पढ़ाई-लिखाई की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। सालभर मस्ती करो, मोबाइल में गेम खेलो और परीक्षा के दिन एक बेलपत्र पर शहद लपेटकर शिवलिंग पर चिपका दो। बस, इतना करने भर से ही भगवान शिव की कृपा से बच्चे बिना कुछ पढ़े-लिखे इम्तिहान में पास हो जाएंगे। प्रदीप मिश्रा दावा करते हैं कि 3 पत्ती वाले बेलपत्र के बीच वाली पत्ती में शहद लगा कर शिवलिंग पर चिपकाने से बिना मेहनत के भी इम्तिहान में कामयाबी मिल जाती है।
ये वही कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा हैं जो अपने भक्तों को कथा के दौरान तरह-तरह के टोटके करने को कहते हैं, लेकिन ये कोई टोटका खुद पर क्यों नहीं आजमा पाये, जिससे उनकी कार पलटी खाने से बच जाती। 15 अप्रैल 2022 की सुबह 8 बजे हरिद्वार में उनकी कार एक पहाड़ से टकरा कर पलट गई। पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ 4 कारों का काफिला था, मगर जिस कार में वे सवार थे, उसी ने 2 बार पलटी खायी। बच्चों को पास होने के लिए बजाय पढ़ाई के बेलपत्र के बीच वाली पत्ती में शहद लगाकर पास होने का टोटका देने वाले प्रदीप मिश्रा की कार जब दुर्घटनाग्रस्त हुई तो रास्ते में जा रहे लोग उनकी मदद के लिए आगे आए। सवाल है कि हर समस्या का हल बताने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा आखिरकार अपनी कार को पलटने से क्यों नहीं रोक पाए?
सच तो यह है कि बच्चे जब अपनी पढ़ाई में ध्यान देंगे और जमकर मेहनत करेंगे, तभी परीक्षा पास कर पाएंगे। बिना पढ़े कोई बच्चा परीक्षा में पास नहीं हो सकता, क्योंकि परीक्षा में पेपर खुद को लिखना रहता है। जब बेहतर ढंग से पढ़ाई करेंगे तो परिणाम बढ़िया आएगा। प्रदीप मिश्रा सभी प्रकार के गंभीर से गंभीर बीमारियों का भी ईलाज का उपाय बेल पत्र और एक लोटा जल से करने की विधि बताते हैं, उनके द्वारा बताई गई विधि अवैज्ञानिक और अनर्गल है। आखिर कथावाचक प्रदीप मिश्रा का 'हर समस्या का हल एक लोटा जल' कैसे कारगर हो सकता है।