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मां-बेटी की कुएं में डूब कर हुई मौत तो ग्रामीणों ने लगाया डायन-बिसही का आरोप, थाने पहुंचे ग्रामीण
प्रतीकात्मक फोटो।
जनज्वार। झारखंड के गुमला जिले में एक बार फिर डायन प्रताड़ना का मामला सामने आया है। गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र के बंसरी गरियाटोली निवासी दसई उरांव ने थाने में शिकायत की है कि गांव के कुछ लोग उन्हें डायन कह कर प्रताड़ित कर रहे हैं। दरअसल, गांव के ही एक परिवार की मां-बेटी की कुआं में डूबने से मौत हो गई इसके बाद दसई पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने ही डायन-बिसाही कर मां-बेटी को मारा है।
दसई उरांव पुजारी का काम करते हैं। वहीं, ग्राम प्रधान बिरसा उरांव का कहना है कि दसई पूजा-पाठ, ओझा-गुणी आदि का काम करते हैं और वह ग्रामीणों पर झूठा आरोप लगा रहे हैं। बिरसा उरांव का कहना है कि वे हमेशा ओझा-गुणाी का काम करते रहते हैं इसलिए गांव के आठ-दस लोगों ने उन्हें बैठा कर समझाया था तो वह थाना पहुंच गए और हमलोगों के खिलाफ लिखित शिकायत कर दी।
बिरसा उरांव का यह भी कहना है कि पिछले साल दसई उरांव ने अपने पुत्र पर ही खुद को डायन कहने के खिलाफ प्राथमिकी पुलिस थाने में दर्ज करायी थी। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि दसई उरांव की गांव में किसी से हल्की-फुल्की कहानसुनी या नोंकझोंक होती है तो वह तुरंत थाना चले जाते हैं और वहां यह शिकायत कर देता है कि उन्हें डायन कह कर प्रताड़ित किया जा रहा है।
इस मामले में थानेदार सुधीर प्रसाद साहू ने मंगलवार (29 सितंबर) को थाना बुलाकर दोनों पक्ष की बातें सुनीं और उन्हें समझाया। थानेदार ने कहा है कि इस मामले की जांच की जा रही है और जो भी दोषी होगा उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
महत्वपूर्ण बात यह कि इस मामले में कोई एक पक्ष तो गलत बयान देने या आरोप लगाने का दोषी होगा ही, लेकिन दोनों पक्ष इसके लिए अंधविश्वास जैसी बुराई को ही अपनी शिकायत करने का आधार बना रहे हैं। दसई उरांव का कहना है कि उसे डायन कह कर प्रताड़ित किया जाता है, जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि वह ओझा-गुणी करता है, इसलिए लोगों ने उसे समझाया तो वह थाने में शिकायत करने पहुंच गया।
बहरहाल, अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और उसके बाद कार्रवाई होगी। गुमला जिले में पिछले एक महीने में डायन-बिसाही के कई मामले सामने आए और लोगों की इस आरोप में हत्या भी की गई।