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अंधविश्वास

अंधविश्वास : घर से भागी बहू को वापस लाने महिला ने जीभ काट भगवान शिव को चढायी

Janjwar Desk
17 Aug 2020 8:02 AM IST
अंधविश्वास : घर से भागी बहू को वापस लाने महिला ने जीभ काट भगवान शिव को चढायी
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जीभ काट लेने के बाद भी महिला को यह अंधविश्वास था कि अब उनकी बहू वापस आ जाएगी और उसके आने के बाद वह ठीक हो जाएगी। महिला का इस समय अस्पताल में इलाज चल रहा है...

जनज्वार। झारखंड के जमशेदपुर में अंधविश्वास की एक हैरतअंगेज घटना घटी है। जमशेदपुर के आदित्यपुर इलाके की एक महिला ने घर से भागी बहू को वापस लाने के लिए अंधविश्वास में अपनी जीभ काट कर भगवान शिव को चढा दिया। गंभीर रूप से घायल महिला को जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। जीभ काटने वाली महिला का नाम लक्ष्मी निराला है। महिला का परिवार छत्तीसगढ के रायपुर का रहने वाला है और यहां मजदूरी करने कुछ साल पहले आया था।

आदित्यपुर के एनआइटी कैंपस में रहने वाली एक महिला की बहू दो दिन पहले घर छोड़ कर कहीं चली गई थी। महिला अपनी बहू को वापस घर लाने के लिए कुछ भी करने को तैयार थी। इसी के लिए उन्होंने भगवान शिव की तसवीर के सामने पूजा शुरू की और इसी दौरान उन्होंने अपनी जीभ काट कर चढा दी ताकि उनकी बहू वापस घर आ जाए। उसकी बहू ज्योति निराला 14 अगस्त की शाम से लापता है।


महिला के पति नरदू निराला ने इस संबंध में बताया कि उनकी बहू दो दिन पहले कहीं भाग गई है, ऐसे में उनकी बहू वापस आ जाए इसके लिए अंधविश्वास में उनकी पत्नी ने भगवान शिव के फोटो के सामने अपनी जीभ काटकर चढा दी। जीभ काट लेने के बाद भी महिला को यह विश्वास था कि जब उनकी बहू घर आ जाएगी तो वह ठीक हो जाएगी।

नरदू निराला ने कहा कि उनका बेटा लाॅकडाउन में छत्तीसगढ में फंसा हुआ है और उनकी पत्नी ने अंधविश्वास की वजह से ही जीभ काट ली और उन्हें यह विश्वास था कि बहू आने के बाद ठीक हो जाएगी।

घटना की सूचना पाकर आरआइटी थाने की पुलिस महिला के घर पहुंची और उन्हें एमजीएम अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया। यह घटना तीन दिन पहले की है, लेकिन इसका खुलासा रविवार को मीडिया के सामने हुआ। पुलिस ने कहा कि हम सूचना के बाद उनके घर पर पहुंचे और अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया। पुलिस ने कहा कि महिला को यह विश्वास था कि ऐसा करने से उनकी बहू वापस आ जाएगी। इस मामले में निजी मान्यता की बात कह कर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज नहीं की गई।

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