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अंधविश्वास

तांत्रिक ने इलाज के नाम पर ठगे 1.54 करोड़, कार्रवाई के नाम पर ASI ने हड़पे 12.70 लाख

Janjwar Desk
3 Sept 2021 2:14 PM IST
तांत्रिक ने इलाज के नाम पर ठगे 1.54 करोड़, कार्रवाई के नाम पर ASI ने हड़पे 12.70 लाख
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(पत्नी ने आरोप लगाया कि पति देवरानी के अस्थियों के सामने घी के दिए जलाता है)

राकेश ढुल ने बताया कि पीड़ित के सामने दिक्कत यह है कि अब वह समझ नहीं पा रहा है कि शिकायत कहां करें, शिकायत किसके खिलाफ करें, क्योंकि पहले तो उसे तांत्रिक ने ठग लिया अब पुलिस ने....

मनोज ठाकुर की रिपोर्ट

जनज्वार ब्यूरो/चंडीगढ़। अंधविश्वास और अज्ञानता की ऐसी घटना जिसमें एक ग्रामीण का सब कुछ चला गया है। इसी तरह की एक घटना कुरुक्षेत्र के गांव कुड़क निवासी सुदेश कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी अक्सर बीमार रहती थी। काफी डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन वह स्वस्थ नहीं हुई। इस पर उसे किसी ने बताया कि तरावड़ी निवासी तांत्रिक सतपाल सिंह असाध्य बीमारियों का इलाज कर देते हैं। इस पर वह उससे मिला और पत्नी के इलाज की गुजारिश की। तांत्रिक ने इलाज तो शुरू कर दिया। इसी बीच उसने मेरे से रुपए मांगने शुरू कर दिए।

कभी डरा कर तो कभी बहका कर उससे 1 करोड़ 54 लाख रुपए लिए ठग लिए। ठगी के इस काम में तांत्रिक की पत्नी सीमा देवी भी शामिल रही। काफी इलाज के बाद भी उसकी पत्नी ठीक नहीं हुई। इधर उसे भी अहसास होने लगा कि वह ठगी का शिकार हो गया है। तब उसने 29 नवंबर 2019 को तरावड़ी पुलिस स्टेशन में शिकायत दी। यहां एएसआई राजबीर सिंह ने मामला तो दर्ज नहीं किया, अलबत्ता आश्वासन दिया कि बिना मामला दर्ज किए ही रकम निकलवा देगा। इस तरह से राजबीर ने सुदेश से 12.70 लाख रुपए ऐंठ लिए।

अब पीड़ित अपनी रकम की वापसी के लिए दर दर की ठोकरे खा रहा है। अब जब कहीं भी उसकी सुनवाई नहीं हुई तो उसने हरियाणा गृह विभाग में एक शिकायत दी है।

सुदेश ने बताया कि उसका सब कुछ खत्म हो गया है। वह आढ़ती और बैंक के कर्ज में दब गय है। उसने बताया कि पहले तो तांत्रिक ने उसे अपनी बातों में फंसा कर उसके साथ धोखाधड़ी की। जब वह पुलिस के पास आया तो यहां भी ठगी हो गई।

तरावड़ी पुलिस स्टेशन में तैनात एएसआई राजबीर सिंह उस पर कभी दबाव बना कर तो कभी करा डरा कर पैसे ऐंठता रहा। उसे बताया जाता रहा कि वह उसकी रकम वापस करा देगा। कई बार कागजों पर हस्ताक्षर कराए। उसने बताया कि छह माह हो गए, वह तांत्रिक और एएसआई के खिलाफ शिकायत दे रहा है, लेकिन आज तक उसकी सुनवाई नहीं हुई।

शिकायतकर्ता ने बताया कि राजबीर सिंह ने 22 अक्टूबर 2019 को दो लाख रुपए, एक नंवबर को 6 लाख रुपए 27 नवंबर को दो लाख रुपए आढ़ती नाथीराम से चैक लेकर दिए। 29 नवंबर को फिर आढ़ती से दो लाख का चैक लेकर राजबीर को दिया। आढ़ती ने भी अपने बयान में यह राशि राजबीर को देने की पुष्टि की है।

पीड़ित ने बताया कि अब वह जब भी राजबीर के पास जाता है तो उसे धमका कर भगा दिया जाता है। पीड़ित ने बताया कि उसने हर जगह मदद की गुहार की है। अभी तक उसकी सुनवाई नहीं हो रही है।

यूथ फॉर चेंज के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि इस मामले में पुलिस अपने ही कर्मचारी को बचाने की कोशिश कर रही है। आरोपी एएसआई रिटायर हो चुका है। इसके बाद भी उसकी महकमे में अच्छी खासी जान पहचान है,इसलिए वह बार बार जांच बंद करा देता है।

राकेश ढुल ने बताया कि पीड़ित के सामने दिक्कत यह है कि अब वह समझ नहीं पा रहा है कि शिकायत कहां करें, शिकायत किसके खिलाफ करें, क्योंकि पहले तो उसे तांत्रिक ने ठग लिया अब पुलिस ने।

पूरे मामले में तांत्रिक अभी तक आराम से बैठा है। उस के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की है। क्योंकि अभी तो मामला एएसआई और पीड़ित के बीच ही उलझ कर रह गया है। इधर पीड़ित कर्ज के बोझ में दब गया है। राकेश ढुल ने रोष जताते हुए बताया कि भले ही हरियाणा क गृहमंत्री अनिल विज भ्रष्टाचार मुक्त पुलिस का ढोल पीट रहे हो, हकीकत तो यह है कि आज भी हरियाणा के कई पुलिस स्टेशन अवैध उगाही का केंद्र बने हुए हैं। जहां भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। सुदेश का मामला सबसे बड़ा उदाहरण है।

इधर प्रदेश में तांत्रिकों पर भी पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। तर्कशील सोसायटी करनाल के सदस्य रमेश कुमार ने बताया कि तांत्रिक का जाल हाइवे से लेकर ग्रामीण इलाकों यहां तक की शहरों तक में फैला हुआ है। अनपढ़ ही नहीं बल्कि पढ़े लिखे भी अक्सर इनके यहां देखे जा सकते हैं। जीटी रोड पर ऐसी मजार मौजूद है, जिन पर तांत्रिक बैठे हु हैं, यहां सप्ताह में एक बार पांच से लेकर दस हजार तक लोग आते हैं।

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि तांत्रिकों के जाल में समाज किस तरह से फंसता जा रहा है। उनकी कोशिश है कि लोगों को इस बारे में जागरूक किया जाए, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी लोग तांत्रिकों के चंगुल में फंस रहे हैं। सुदेश के साथ तो क्योंकि बड़ी ठगी हो गई,इसलिए मामला सामने आ गया, अन्यथा यहां तो हर रोज लोग अपनी मेहनत की कमाई को खराब कर रहे हैं।

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