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दिनों को लेकर शुभ-अशुभ का अंधविश्वास फैलाकर तथाकथित ज्योतिष-तांत्रिक-धार्मिक गुरु भर रहे अपनी जेबें
Andhvishwas News : अंधविश्वास के चलते युवक ने गवाई अपनी जान, डॉक्टर्स की जगह झाड़ फूंक का सहारा लेते रहे परिजन
तर्कशास्त्री गनपत लाल की टिप्पणी
सामान्य लोगों में दिनों को लेकर कई प्रकार के भ्रम पल रहे हैं। अच्छे काम की शुरूआत करने से पहले दिन और समय देखने का अंधविश्वास समाज में व्याप्त है। व्यक्ति का जन्म और मृत्यु के लिए कोई मुहूर्त नहीं होता, लेकिन लोग जीवनभर शुभ-अशुभ के चक्कर में अपना समय और धन बर्बाद कर देते हैं। बच्चे का नामकरण, शादी, घर में प्रवेश, वाहन खरीदने, कपड़े खरीदने और सभी प्रकार की खरीदी के लिए लोग दिन और समय देखते हैं। कई लोग शनिवार को सबसे खतरनाक दिन मानते हैं तो कई व्यक्ति मंगलवार और गुरुवार को सबसे शुभ दिन मानते हैं। यह मानसिकता अज्ञानता और अंधविश्वास की उपज है।
समाज में तार्किक और वैज्ञानिक सोच के इंसानों की बहुत कमी
अंधविश्वास आजकल चरम सीमा पर है। भले ही डिग्रीधारी लोगों की संख्या बढ़ गई है, लेकिन तार्किक और वैज्ञानिक सोच के इंसानों की आबादी बहुत कम है। कई लोग नए कपड़े और आभूषण पहनने के खास दिन का इंतजार करते हैं। विवेकहीन व्यक्तियों का मानना है कि शुभ घड़ी में नए कपड़े-गहने पहनने से बिगड़े काम भी बन जाते हैं। सही मुहूर्त में इन्हें धारण कर काम करने से उस काम में सफलता मिलती है।
ज्योतिष शुभ-अशुभ के जाल में फंसाकर भर रहा है अपनी जेब
आजकल ज्योतिष मुफ्त में अपना पेट भर रहा है। ज्योतिष अज्ञानी लोगों को शुभ-अशुभ के जाल में फंसाकर अपनी जेब भर रहा है। ज्योतिष के अनुसार शॉपिंग के लिए शुक्रवार का दिन सबसे अच्छा है। इसका कहना है कि शुक्र को धन, ऐश्वर्य व सुख, वस्त्र का कारक ग्रह माना जाता है। शुक्रवार को नए कपड़े खरीदने पर शुक्र देव प्रसन्न होते हैं और उनकी विशेष कृपा होती है। अब काेई बताए क्या शुक्रवार, गुरुवार और मंगलवार (जिसे शुभ दिन माना जाता है) को कोई बुरे काम, चोरी, लूट-पाट, हत्या, बलात्कार या प्राकृतिक घटनाएं आगजनी, आंधी-तूफान, बिजली गिरना, बाढ़ आना, भूकंप, भारी बारिश से इमारत गिरना, चक्रवात और भी अन्य दुर्घटनाएं नहीं होती?
शनिवार को शिशु का जन्म होगा तो क्या कोई फेंक देगा?
वहीं कहा जाता है कि शनिवार और रविवार को नए कपड़े नहीं खरीदने चाहिए और अच्छे काम नहीं करना चाहिए। आप ही बताएं नए चीज खरीदने और अच्छे काम करने के लिए कोई भी समय खराब हो सकता है। आप खुद के लिए और दूसरों के लिए अच्छे करेंगे तो हमेशा आपका समय अच्छा चलेगा और जीवन खुशहाल रहेगा। क्या कोई शनिवार या रविवार को (जिस दिन को अशुभ माना जाता है) को किसी के यहां शिशु का जन्म हो जाता है तो उसे कोई फेंक देता है या जीवनभर उसका शोक मनाता है? क्या इस दिन किसी को सड़क पर नोटों की गड्डी मिल जाती है या कोई भी सामान मिल जाता है तो उसे फेंक देता है?
अपनी सुविधानुसार करें काम
अच्छे काम करने के लिए लोग मुहूर्त देखते हैं, लेकिन बुरे काम मौका पाते ही कर लेते हैं। समाज में लगातार अपराध बढ़ रहा है। कोई व्यक्ति किसी से लड़ाई करने, चोरी करने, बलात्कार करने और हत्या जैसे घोर जुर्म करने के लिए समय नहीं देखता। ज्योतिष, तांत्रिक, धार्मिक गुरु और अन्य मुफ्तखोर मासूम जनता को उसकी अज्ञानता का फायदा उठाकर शुभ-अशुभ, व्रत-उपवास, पूजा-पाठ, यज्ञ-दान व कई प्रकार के पाखंड के नाम पर लूट रहे हैं।
लोग अच्छे काम करने से पहले अपने मां-बाप और परिवार के बुजुर्ग को नहीं पूछ रहे हैं, लेकिन मुफ्त के खाने वालों के पैरों के सामने नतमस्तक होकर अपना भविष्य पूछने चला जाता है। यह कितना शर्मनाक है। लोगों को चाहिए कि कोई भी अच्छे काम करने के लिए दिन और समय के चक्कर में न पड़े और न ही पाखंडियों के पास लुटाने के लिए जाए। अपनी सुविधा अनुसार और घर के बड़े बुर्जुगों की सलाह मुताबिक काम करें तो परिवार में खुशहाली और शांति होगी।
(गनपत लाल एंटी सुपरस्टीशन ऑर्गेनाइजेशन (एएसओ) के सांगठनिक सलाहकार हैं।)