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कोविड -19

डेल्टा प्लस वैरिएंट के खतरनाक होने की आशंका के बीच बोले तेलगांना के सीएम, कोरोना पर डरा रही मीडिया

Janjwar Desk
23 Jun 2021 7:48 AM GMT
डेल्टा प्लस वैरिएंट के खतरनाक होने की आशंका के बीच बोले तेलगांना के सीएम, कोरोना पर डरा रही मीडिया
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(तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने देश की मीडिया पर आरोप लगाया है कि कोरोना वायरस को लेकर भ्रम फैला रही है, जिससे लोगों में डर बढ़ गया है।)

नये वैरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। भारत ही नहीं विश्व पटल पर इश नये वैरिएंट के खतरे को लेकर मंथन जारी है। इसे रोकने को लेकर शोध हो रहे हैं। इस उहापोह की स्थिति के बीच तेलगांना के मुख्यमंत्री ने कोरोना को लेकर मीडिया पर डराने के आरोप लगाये हैं.....

जनज्वार डेस्क। कोरोना की दूसरी लहर से देश उबर ही रहा है कि तीसरी लहर की आशंका से लोग डरे हुए हैं। इस बीच तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने कहा है कि मीडिया कोरोना महामारी को लेकर भ्रम फैला रही है। मैं तो पैरासिटामोल खाकर ही ठीक हो गया।

इस कोरोना महामारी ने जिंदगी पर एक ब्रेक लगा दिया है। देश में दूसरी लहर का असर कुछ कम हुआ है। लोग राहत की सांस ले रहे हैं। लेकिन तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच जहां लोग डरे हैं, वहीं सरकारी अपनी तैयारियों में जुटी है। अबतक के शोध से ये बातें साफ हो चुकी है कि कोरोना वायरस लगातार अपना स्वरुप बदलता है। इसका म्यूटेंट पहले वाले वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक होता है।

अब नये वैरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। भारत ही नहीं विश्व पटल पर इश नये वैरिएंट के खतरे को लेकर मंथन जारी है। इसे रोकने को लेकर शोध हो रहे हैं। इस उहापोह की स्थिति के बीच तेलगांना के मुख्यमंत्री ने कोरोना को लेकर मीडिया पर डराने के आरोप लगाये हैं।

मैं तो पैरासिटामॉल खाकर ठीक हो गया- राव

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने देश की मीडिया पर आरोप लगाया है कि कोरोना वायरस को लेकर भ्रम फैला रही है, जिससे लोगों में डर बढ़ गया है। उन्होंने ये भी दावा किया कि वो सिर्फ पैरासिटामॉल और एंटीबायोटिक दवाएं खाकर ही ठीक हो गए। बता दें कि सीएम केसीआर इसी साल अप्रैल में कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे।

उनके मुताबिक, सिर्फ दो दवाओं की बदौलत हफ्ते भर के अंदर ही वो कोरोना से उबर गये। वारंगल में एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान केसीआर ने कहा, "पता नहीं कौन ब्लैक फंगस, यलो फंगस के बारे में गलत जानकारी फैला रहा है। पता नहीं कोई टीवी चैनल है या पेपर। पता नहीं फंगस जिंदा है या अजीवित, लेकिन लोग तो ऐसी बातें सुनकर ही मर जा रहे हैं। ये टीवी के लोग, मैं आपको बता रहा हूं, इन्हें श्राप लगेगा।" सीएम राव ने राज्य में कोरोना की स्थिति और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर भी मीडिया को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि मीडिया असल में जमीनी हकीकत को गलत तरह से पेश कर रही है।

स्वास्थ्य मंत्रालय डेल्टा प्लस पर चिंतित

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका और इसमें नये वैरिएंट डेल्टा प्लस के खतरे के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में डेल्टा प्लस के 40 मामले सामने आये हैं। जिनमें से 16 केस महाराष्ट्र के रत्नागिरी औऱ जलगांव से मिले हैं। इसके साथ ही केरल और मध्य प्रदेश में भी इसके केस सामने आय़े हैं। केरल और मध्य प्रदेश में हैं।

केरल के पलक्कड़ और पथनमथिट्टा में जबकि एमपी के भोपाल और शिवपुरी जिलों में इससे संक्रमित मरीज मिले हैं। दरअसल, जिन इलाकों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मरीज मिले हैं वहां पॉजिटिविटी रेट काफी ज्यादा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने तीन राज्यों को चिट्ठी लिख एक एडवाइजरी जारी की है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

मीडिया पर भले ही कोरोना को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लग रहा हो, लेकिन हकीकत ये है कि भारत सरकार ने डेल्टा प्लस वैरिएंट को चिंता का सबब (Variant of Concern) मान लिया है। सरकार ने मंगलवार 22 जून को इस वैरिएंट को नजर रखने योग्य (Variant of Interest) की श्रेणी में डाला था, लेकिन कुछ घंटे बाद ही इसे ज्यादा गंभीर श्रेणी वैरिएंट ऑफ कन्सर्न में डालने की घोषणा करनी पड़ी। विश्व के 80 देशों में डेल्टा वैरिएंट पाया गया है। वहीं महज नौ देशों में डेल्टा प्लस के वैरिएंट मिले है, जिनमें भारत भी शामिल है।

कोरोना के इस वैरिएंट को लेकर मुंबई एसीएस हेल्थ के सीनियर फिजीशियन डॉ. आशीष तिवारी का कहना है कि डेल्टा प्लस वायरस डेल्टा वायरस (B.1.617.2) का ही एक म्यूटेंट रूप है, जिसे K417N नाम दिया गया है। इसे 'AY.1 Variant' भी कहते है । यह डेल्टा वायरस ही था जिसने कोविड की दूसरी वेव में कहर बरपाया था।

इस नये म्यूटेंट डेल्टा प्लस वायरस के बारे में कहा जा रहा है कि यह पहले के मुकाबले अधिक संक्रामक है। यह वायरस मानव के प्रतिरोधी तंत्र को आसानी से भेद देता है और तमाम अंगों में घुस जाता है। यह अपनी स्पाईक प्रोटीन की संरचना को भी बदल सकता है जिससे यह आसानी से मानव कोशिका में प्रवेश कर जाता है और अपनी संख्या में तेजी वृद्धि करने लगता है। इस कारण से यह अधिक नुकसान पहुंचाता है।

हालांकि इस वैरिएंट के लक्षण भी दूसरे वैरिएंट जैसे ही हैं। जिसमें बुखार, सर्दी, खाँसी, नाक का बहना, थकान, स्वाद का चला जाना, सूँघने की शक्ति का चला जाना जैसे लक्षण शामिल है और बचाव के भी वही तीन तरीके हैं मास्क का प्रयोग करना, हाथों की साफ-सफाई रखना, सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना, साथ ही वैक्सीनेशन।

वहीं होम्योपैथ की डॉ. श्रुति श्रीधर का कहना है कि डेल्टा प्लस वारिएंट संक्रामक है, और ये तेजी से फैलता है क्योंकि ये कोरोना का डबल म्यूटेंट वैरिएंट है, इसलिए ज्यादा संक्रामक है। लेकिन इससे भयभीत नहीं होने की बात करते हुए उन्होंने बताया कि कोरोना से रोकथाम के जरूरी उपाय को अपनाकर हम इससे बच सकते हैं।

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