Corona Omicron: 'हर 6 महीने में दुनिया को बार-बार वैक्सीन नहीं लगा सकते' वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिक ने क्यों कही यह बात
वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिक ने दी अहम जानकारी
Corona Omicron: ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका कोविड -19 वैक्सीन (Oxford Astrazeneca Vaccine) बनाने वाली टीम के सदस्य प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड (Andrew Pollard) ने कहा है कि हम 6 महीने में पूरी दुनिया को बार-बार वैक्सीन नहीं लगा सकते हैं। द टेलीग्राफ को दिए इंटरव्यू के दौरान पोलार्ड ने कहा कि हर 6 महीने में पूरी दुनिया का टीकाकरण नहीं कर सकते क्योंकि यह उपाय टिकाऊ नहीं है। हमारा टारगेट 12 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन देने की जगह, लो इम्यूनिटी वालों को वैक्सीन देना होना चाहिए।
यूके के प्रमुख वैक्सीन वैज्ञानिकों में से एक और एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (Astrazeneca Vaccine) के पीछे प्रेरक शक्ति रहे पोलार्ड ने कहा कि 'महामारी (Pandemic) का सबसे बुरा दौरा हमसे ज्यादा दूर नहीं है। हमें सब सर्दियों का मौसम पार करना है।" प्रोफेसर पोलार्ड के अनुसार, जब ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का परीक्षण पहली बार अप्रैल 2020 में शुरू किया गया था, तब वैज्ञानिकों और जांचकर्ताओं को बताया गया था कि वैक्सीन को रोल आउट होने में दो साल लगेंगे।
सर्दियों के वक्त बढ़ता है इंफेक्शन- पोलार्ड
प्रो पोलार्ड ने द टेलीग्राफ (The Telegraph) को बताया कि, 'किसी एक समय के बाद समाज पर लगी पांबदियों को खोलना पड़ता है। जब हम सब कुछ पहले की तरह करते हैं, तो इसी के साथ इंफेक्शन भी बढ़ जाता है।' विश्व भर में कोरोना को लेकर लागू पांबदियां हटाने को लेकर वैज्ञानिक ने कहा कि, 'इसके लिए सर्दी शायद सबसे अच्छा समय नहीं है। लेकिन यह फैसला पॉलिसी मेकर्स का है, वैज्ञानिकों का नहीं।'
बिना वैक्सीन वाले लोग सबसे बड़ा खतरा
बूस्टर डोज को लेकर पोलार्ड (Professor Pollard) ने कहा कि, 'बूस्टर डोज (Covid Booster Dose) कब और किन लोगों को लगानी चाहिए, इसका पता लगाने के लिए और ज्यादा डेटा की जरूरत है।' प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्डने कहा कि वैक्सीन और बूस्टर डोज को लेकर हमें अपना नजरिया बदलना होगा। हमारे लिए सबसे बड़ा खतरा फिलहाल वो लोग है जिन्हें वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) की एक भी डोज नहीं मिल पाई है। पोलार्ड ने दुनिया भर में चलाए जा रहे बूस्टर डोज प्रोग्राम की सफलता पर शक जताया है।
प्रोफेसर पोलार्ड(Prof Pollard) ने बताया कि डायलिसिस के रोगी 82 वर्षीय ब्रायन पिंकर को एस्ट्राजेनेका का इंजेक्शन दिए जाने के बाद से इन 12 महीनों में दुनिया भर में एस्ट्राजेनेका सहित नौ अरब कोविड की खुराकें लोगों को दी जा चुकी हैं। अकेले ब्रिटेन में, 12 वर्ष से अधिक उम्र के 90 प्रतिशत लोगों को कोरोना का पहला टीका लग चुका है और 80 प्रतिशत से अधिक ने दोनों खुराकें ले ली हैं, जबकि 33 मिलियन बूस्टर डोज दिए गए हैं।