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UP : श्‍मशान घाट के बाहर 'तस्‍वीरें लेना दंडनीय अपराध' लिखे पोस्टर पर उठा विवाद तो हटाने को मजबूर हुआ प्रशासन

Janjwar Desk
2 May 2021 8:04 AM GMT
UP : श्‍मशान घाट के बाहर तस्‍वीरें लेना दंडनीय अपराध लिखे पोस्टर पर उठा विवाद तो हटाने को मजबूर हुआ प्रशासन
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बैनरों पर लिखा था, शवदाह गृह पर पार्थिव शरीर का दाह संस्कार हिंदू रीति रिवाज के अनुसार किया जा रहा है। कृपया फोटोग्राफी/ वीडियोग्राफी न करें, ऐसा करना दंडनीय अपराध है...

जनज्वार। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित बाबा मुक्तेश्वर नाथ मुक्ति धाम अंत्येष्टि स्थल के बाहर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर रोक लगाने से संबंधित एक पोस्टर लगाया गया था, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर भारी हो-हल्ला मचा था। अब प्रशासन को उस पोस्टर को हटाने पर मजबूर होना पड़ा है।

नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने मीडिया को बयान दिया था, कई संवेदनहीन लोग अंत्येष्टि स्थल पर अंतिम संस्कार की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर रहे हैं। यह विधिक और धार्मिक रूप से भी सही नहीं है। ऐसे में अगर किसी भी व्यक्ति को अंत्येष्टि स्थल पर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करते हुआ पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नगर आयुक्त ने बुधवार 28 अप्रैल को अंत्येष्टि स्थल पर निगम द्वारा किए गए इंतजामों की जांच करते हुए लोगों से अपील की, कि ऐसा कोई काम न करें, जिससे अंत्येष्टि करने आए परिजनों की भावनाएं आहत हों।

नगर आयुक्त के बयान के बाद गोरखपुर के श्‍मशान घाटों के बाहर नगर निगम ने बड़े-बड़े बैनर टांग कर तस्‍वीरें लेने को दंडनीय अपराध बता दिया। बैनरों पर लिखा था कि 'यहां तस्‍वीरें लेना दंडनीय अपराध है।' जाहिर है कि इसे मौतों के आंकड़े छिपाने की प्रशासन की कोशिश के तौर पर देखा गया। सोशल मीडिया में नगर निगम के इस कदम की जमकर आलोचना शुरू हो गई तो इन बैनरों को हटा भी लिया गया।

संबंधित खबर : यूपी के इस जिले में श्मशान घाट की वीडियो-फोटोग्राफी पर लगी पाबंदी, ऐसा करने पर होगी कड़ी कार्रवाई

गौरतलब है कि कोरोना की बढ़ती मौतों के बाद से देशभर के श्‍मशान घाटों से अक्‍सर ऐसी तस्वीरें और वीडियो आते हैं, जो सच दिखाते हैं और इन तस्‍वीरों और वीडियो में बड़ी संख्या में चिताएं जलती दिखाई देती हैं। इसके बाद से लोग प्रशासन पर कोरोना को काबू करने में नाकाम रहने के आरोप लगा रहे हैं। उत्तर प्रदेश भी उन राज्यों में से एक है, जहां श्मशान घाटों पर चिताओं के लिये लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है।

कोरोना के इलाज के लिए अस्‍पताल, बेड, ऑक्‍सीजन, दवा हर चीज की किल्‍लत के बीच श्‍मशान घाटों के बाहर ऐसे बड़े-बड़े बैनर लगे तो लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन मौतें रोकने से ज्‍यादा उन्‍हें छिपाने पर ज्यादा ध्यान दे रहा है।

गोरखपुर में श्मशान घाटों के बाहर नगर निगम ने ऐसे कई बैनर लगाए थे। इन बैनरों पर लिखा था- 'शवदाह गृह पर पार्थिव शरीर का दाह संस्कार हिंदू रीति रिवाज के अनुसार किया जा रहा है। कृपया फोटोग्राफी/ वीडियोग्राफी न करें। ऐसा करना दंडनीय अपराध है।'

सोशल मीडिया पर लगातार लोग लिख रहे थे, गोरखपुर नगर निगम बैनर लगाकर यह जताने की कोशिश कर रहा है कि यदि आपने यहां पर तस्वीरें लीं तो पकड़े जाने पर आपके ऊपर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। सोशल मीडिया पर भारी आलोचनाओं से घिरने के बाद योगी सरकार और प्रशासन की चौतरफा आलोचना शुरू हुई तो इन बैनरों को हटा दिया गया।

यह उसी यूपी का गोरखपुर है, जहां इससे पहले लखनऊ के भैसा कुंड शान घाट पर भी ऐसी ही कोशिश की गयी थी। घाट पर अनवरत जलती लाशें जनता के बीच न पहुंचे, इसलिए नीली टीन से ढक दिया गया था। कोशिश की गयी थी कि बाहर से कोई श्मशान घाट की तस्वीरें ना ले सके।

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