हकीकत : वैक्सीनेशन के 20 महीने बाद भी सिर्फ 15 फीसदी आबादी को लग पायी हैं दोनों डोज
(केवल 20.9 करोड़ लोगों को ही लगीं वैक्सीन की दोनों)
Health News : देश में कोरोना (Covid 19) की दूसरी लहर का कहर धीरे धीरे कम हो रहा है। तीसरी लहर (Third Wave) की आशंका को लेकर तमाम तरह के एहतियात बरते जा रहे हैं। भारत में फिलहाल कोरोना रोधी तीन वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें कोवैक्सीन, कोविशिल्ड और रूस की स्पुतनिक V शामिल है। इन सबके बीच भारत ने कोविड-19 82.2 करोड़ टीकाकरण (Vaccination In India) के आंकड़े को छुआ है।
सरकार (Modi Govt) ने ऐलान किया है कि साल के अंत तक देश के सभी व्यस्को को कोरोना का टीका लगा दिया जाएगा सरकार यह दावा करती है कि कोरोना संक्रमण से निपटने मे वैक्सीनेशन के चलते बड़ी मदद मिल रही है।
82 करोड़ वैक्सीन की डोज़ दी गई
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry Of Health And Welfare) ने बताया, 22 सितंबर तक देशभर में 82.2 करोड़ कोरोना वैक्सीन के डोज़ दिए जा चुके हैं। बीते दिन 71.38 लाख टीके लगाए गए। वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, अबतक करीब 55.83 करोड़ कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया भारत में 82.2 करोड़ कोरोना वैक्सीन के डोज़ दिए जा चुके हैं। जिसमें 20.9 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज़ लग चुके है। बात करें भारत की कुल आबादी के बारे में तो पूरे भारत में 15.3% लोग कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ ले चुके हैं। कोरोना की दोनों डोज़ लेने के बाद ही लोग कोरोना वायरस से बच सकते हैं। कोरोना की दोनों डोज़ लेने के बाद ही वैक्सीन 95 फ़ीसदी तक असरदार है।
भारत सरकार (Govt Of India) आए दिन कोरोना वैक्सीन नेशन को लेकर अपनी सफलता के गुणगान करती रहती है। जिसमें कई तरह के वादे, दावे और आंकड़ों का बखान करती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 82.2 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट कहती है 82.2 करोड़ों लोगों में से केवल 20.9 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें कोरोना वैक्सीनेशन का दोनों डोज़ लग चुका है। अगर भारत की कुल आबादी का पूर्ण टीकाकरण का आंकड़ा देखें तो केवल 15% लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज़ लगे हैं। भारत सरकार लगातार कोरोना वैक्सीन एक्शन को लेकर बड़ा बयान देती है और बड़े-बड़े आंकड़े बताते हुए कहती है कि देश में कोरोना टीकाकरण का नया रिकॉर्ड बन रहा है। सरकार की ओर से रोजाना लाखों- करोड़ों लोगों को मुफ्त वैक्सीन मिल रही है। लेकिन ताजा आंकड़ों को देखें तो सरकार के यह दावे झूठे साबित होते नजर आ रहे हैं।
भारत में कोरोना वैक्सीन को केंद्र सरकार (Centre) की ओर से टीकाकरण महोत्सव के रूप में मनाने की बात कही गई और इसका शानदार आगाज किया गया। नेशनल मीडिया व सभी सोशल मीडिया साइट पर बढ़-चढ़कर प्रचार प्रसार किया गया व बधाईयों की बरसात की गई। टीकाकरण के शुरुआती दिनों में सरकार ने रोज लगे कुल वैक्सीनेशन के आंकड़ों को अपनी सरकार की सफलता और भारतवासियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए खूब तारीफे की और बटोरी भी, इसके साथ ही अलग-अलग नेताओं, मंत्रियों द्वारा टीकाकरण को बड़ी सफलता बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार को बधाई दी।
टीकाकरण के 9 महीने
टीकाकरण की शुरुआत 16 जनवरी 2021 में हुई टीकाकरण के सितंबर में 9 महीने पूरे हो चुके हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि इस दौरान कितने लोगों को कोरोना की वैक्सीन मिली और कितने लोग वैक्सीन के लिए शेष है।
पहले फेज में हेल्थ वर्कर्स (Health Workers) को वैक्सीन लगने शुरू हुए। 2 फरवरी को शुरू हुए दूसरे फेज में फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई। इसके बाद के फेज़ में 1 मार्च से 60 साल के ज्यादा उम्र वाले और 45 साल से ज्यादा उम्र वाले जिनको पहले से बीमारी थी, उनको व्यक्ति लगनी शुरू हुई। सरकार ने 1 अप्रैल को 45 साल के ज्यादा उम्र के सभी लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू किया। वहीं, सरकार ने 1 मई को 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को लिए वैक्सीन लगाने का फैसला किया।
टीकाकरण का महा रिकॉर्ड
भारत सरकार द्वारा टीकाकरण के आए दिन नए रिकॉर्ड बनाने को लेकर कई दावे सामने आते रहे हैं। जिसमें सबसे बड़ा दावा प्रधानमंत्री के जन्मदिवस 17 सितंबर पर बताया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के जन्मदिवस (Narendra Modis Birthday) पर केंद्र सरकार की ओर से सभी सोशल मीडिया साइट पर तारीफों के पुल बांधे गए और कोरोना वैक्सीनेशन को बड़ी सफलता बताते हुए नया रिकॉर्ड कायम करने का दावा कर दिया। बताया गया कि इस दिन पूरे देश में दो करोड़ से भी ज्यादा वैक्सीन लगाई गई। प्रधानमंत्री के जन्मदिवस के तोहफे के रुप इसका प्रचार प्रसार जोरों- शोरों से किया गया।
सरकार द्वारा बताए गए बीते दिनों के आंकड़ों को देखें तो सरकार का दावा है कि 20 दिन के अंदर ही 40 से 50 करोड़ टीकाकरण का आंकड़ा पूरा किया गया। आए दिन सरकार वैक्सीनेशन के बड़े-बड़े आंकड़ों को लेकर अपना प्रचार करती है ऐसे में ताजा रिपोर्ट को देखें तो देश में कुल 82.2 करोड़ लोगों को टीका लगा है जिसमें केवल 20.9 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्होंने दोनों डोज ली है। यानी कि शेष 61.3 करोड़ लोगो को वैक्सीन की सिर्फ पहली डोज लगी है। कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लेने के बाद ही वह 95 फ़ीसदी असरदार है। यदि कोई व्यक्ति सिर्फ पहली डोज़ लेता है, तो वह कारगर नहीं है। यानी कि उसे कोरोना संक्रमण से खतरा है।
ऐसे में केंद्र सरकार पूरे देश में टीकाकरण महोत्सव मनाते हुए या दावा करती है कि देश में ज्यादातर लोग वैक्सीनेटेड ( Vaccinated) हो चुके हैं जो कोरोना संक्रमण से सुरक्षित है। जबकि केवल 20.9 करोड़ों लोग ही ऐसे हैं जिन्हे कोरोना संक्रमण का खतरा कम है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि सरकार किस आधार पर रोज टीकाकरण के नए रिकॉर्ड बनाने के आंकड़ों का प्रचार प्रसार कर टीका महोत्सव मनाती है। जबकि केवल 15% लोग ही दोनों डोज़ ले चुके हैं।
भारत की तुलना में अन्य देशों में लोग ज्यादा वैक्सीनेटेड
भारत की तुलना में अन्य देशों में देखें तो भारत ऐसा देश है, जहां पर सबसे ज्यादा वैक्सीन की डोज़ दी गयी है। लेकिन दोनों डोज़ लगवाने वालो का आंकड़ा केवल 15% ही है। जबकि अमेरिका (US) में कुल 38.7 करोड़ वैक्सीन की खुराक बांटी गई। जिसमें दोनों डोज़ लेने वालों का आंकड़ा 55.6% है। यानी कि अमेरिका में 55.6% जनसंख्या कोरोनावायरस संक्रमण से सुरक्षित है।
वही बात करें ब्राजील (Brasil) की तो यहां कुल 22.5 करो वैक्सीन की डोज़ लगाई गई। जिसमें 39% लोग दोनों डोज़ से वैक्सीनेटेड हैं। जापान में भी 55.3% लोग दोनों डोज़ ले चुके हैं। कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी लगातार जारी है। ऐसे में भारत में अब तक केवल 15% लोग ही कोरोना संक्रमण से सुरक्षित है और दूसरी तरफ सरकार टीकाकरण के नए नए रिकॉर्ड बनाने का दिखावटी प्रचार प्रसार कर रही है।