Begin typing your search above and press return to search.
कोविड -19

लॉकडाउन में काम बंद होने से नहीं चुका पाया टैक्सी की EMI तो गरीब ड्राइवर ने कर ली आत्महत्या

Janjwar Desk
24 Sep 2020 4:50 PM GMT
Jaipur Crime News : थाने में फंदे से लटका मिला युवक, नाबालिक से छेड़छाड़ के मामले में हुई थी गिरफ्तारी
x

थाने में फंदे से लटका मिला युवक (प्रतीकात्मक तस्वीर)

हिमाचल प्रदेश में पिछले 6 महीने में विशेष रूप से फरवरी से जुलाई के बीच प्रदेश में आत्महत्या के कारण 466 व्यक्तियों ने अपनी जान गंवाई है....

जनज्वार। हिमाचल प्रदेश में लॉकडाउन के बाद से ही आत्महत्या के मामले में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हाल की घटना चढ़ियार से है, जहां बैंक का लोन ना भर पाने के कारण एक युवक ने आत्महत्या कर ली।

जानकारी के मुताबिक उप मंडल जयसिंहपुर एवं पुलिस चौकी चढ़ियार के तहत ग्राम पंचायत मझेडा के गांव लुगट में 31 वर्षीय युवक ने 23 सितंबर को अपने घर के अंदर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलते ही पुलिस चौकी चढ़ियार और थाना बैजनाथ से पुलिस मौके पर पहुंच कार्रवाई शुरू की।

पुलिस को दिए अपने बयान में युवक की पत्नी ने बताया कि उसका पति रात को करीब 10 बजे घर पहुंचा था और कुछ परेशान लग रहा था। पत्नी का कहना है बिना कोई बात करे और खाना खाए ही वह सो गया था। आधी रात को युवक पता नहीं कब दूसरे कमरे में चला गया और पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस को महिला ने बताया कि वह जब सुबह करीब 6 बजे उठी और पानी भरने के लिए दूसरे कमरे से बर्तन लेने गई तो पति को पंखे के साथ लटके हुए देख घबरा गई और जोर से रोने लगी। रोने की आवाज सुनकर आस पड़ोस के लोग इकट्ठा हो गए। तुरंत पंचायत प्रधान एवं पुलिस थाना को सूचना दी गई। आत्महत्या करने वाला युवक पेशे से टैक्सी चालक था। उसकी शादी सन् 2011 में हुई थी। युवक के दो बच्चे भी थी। लॉकडाउन के दौरान युवक का काम धंधा बंद होने के कारण बैंक की ईएमआई ना भर पाने के कारण उसने आत्महत्या कर ली।

जनज्वार से बात करते हुए बैजनाथ पुलिस के थाना इंचार्ज ने कहा कि सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर तथ्य को जुटाया शुरू कर दिया था। शव को पोस्टमार्टम के लिए बैजनाथ अस्पताल में भेज दिया है। फिलहाल मामले को धारा 174 के तहत केस दर्ज कर मामले की कार्रवाई की जा रही है।

आत्महत्या करने वाले टैक्सी ड्राइवर युवक के रिश्तेदारों का कहना है कि टैक्सी ही उसका रोजी—रोटी का साधन था और जब काम धंधा बंद हो गया तो ईएमआई तो दूर घर खर्च चलाना तक मुश्किल हो रहा था। उसने बड़ी उम्मीदों के साथ ईएमआई पर टैक्सी ली थी। ऐसे में उसने मौत का रास्ता चुन लिया, ताकि उसे सारे कष्टों से निजात मिल जाये।

हिमाचल में लगातार बढ़ते आत्महत्या के मामले

हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से पता चलाता है कि पिछले छह महीने में विशेष रूप से फरवरी से जुलाई के बीच प्रदेश में आत्महत्या के कारण 466 व्यक्तियों ने अपनी जान गंवाई है। इनमें से अप्रैल, मई, जून और जुलाई में 349 लोगों ने आत्महत्या की है।

लॉकडाउन के बाद से ही राज्य में आत्महत्या के मामलों में काफी वृद्धि हो गई है। जनवरी में 40 मामले आत्महत्या के सामने आए थे, लेकिन जून के अंत तक ये संख्या बढ़कर 112 हो गई, जबकि जुलाई में 101 लोगों की मौत आत्महत्या की वजह से हुई। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस भयावह कदम को उठाने की संख्या लगभग 60:40 के अनुपात में है, जो परेशान करने वाली बात है।

इससे पहले आत्महत्याओं के मामलों पर उच्च न्यायालय द्वारा हिमाचल सरकार को फटकार लगाते हुए आत्महत्या को रोकने के लिए आत्महत्या विरोधी हेल्पलाइन नंबर जारी करने के लिए कहा है। इसके अलावा अंग्रेजी और हिंदी अखबारों में विज्ञापन और आधिकारिक संचार प्लेटफार्म के माध्यम से हेल्पलाइन नंबर जारी करने के आदेश दिए हैं।

जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने कोविड–19 में लगातार बढ़ रहे आत्महत्या के मामलों की संख्या को रोकोने के लिए आवश्यक और प्रभावी कदम उठाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किया था।

आत्महत्याओं के मामलों की बढ़ोतरी को लेकर हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू का कहना है कि इस पहाड़ी राज्य क्षेत्र जिसे अपनी शांति और मेहमाननवाजी के लिए जाना जाता है। इन दिनों आत्महत्याओं के बढ़ते केसों के लिए जाना जा रहा है। प्रदेश में हर दिन औसतन तीन लोग आत्महत्या कर रहे हैं।

कुंडू का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से इस मामले पर चर्चा की है। राज्य सरकार के विभिन्न एजेंसियों को इस मुद्दे पर पुलिस मामलों के आधार पर विश्लेषण करने और पुख्ता कारणों का पता लगाने के लिए कहा है।

Next Story

विविध