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आईआईटी कानपुर ने बनाये उन्नत मास्क, शुरू हुई ऑनलाइन बिक्री

Janjwar Desk
20 July 2020 6:05 PM IST
आईआईटी कानपुर ने बनाये उन्नत मास्क, शुरू हुई ऑनलाइन बिक्री
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उन्नत भारत अभियान आईआईटी कानपुर और कानपुर परिवर्तन फोरम द्वारा मास्क बनाने का काम अप्रैल माह में शुरू किया गया था...

कानपुर। आईआईटी कानपुर ने एक सामाजिक पहल करते हुये, गाँव की महिलाओं से उन्नत गुणवत्ता वाले मास्क बनवाए और उन्हे सीधे ग्राहकों से जोड़ दिया। गाँव में बनकर हर रोज़ यह मास्क कैम्पस लाये जाते हैं जहां इन्हे सैनीटाइज़ और पैकेज किया जाता है। पिछले तीन माह में हजारों मास्क मार्केट में भेजे जा चुके हैं।

उन्नत भारत अभियान आईआईटी कानपुर और कानपुर परिवर्तन फोरम द्वारा मास्क बनाने का काम अप्रैल माह में शुरू किया गया था।

आईआईटी की समन्वयक रीता सिंह ने बताया 'उन्नति मास्क को आईआईटी कानपुर की देख-रेख में तैयार किया गया है। ग्राहकों ने इसको इसलिए पसंद किया है क्योंकि यह क्वालिटी मास्क है, और इस प्रोजेक्ट का सभी लाभ ग्रामीण महिलाओं के लिए ही जा रहा है।

यह मास्क बाज़ार में आए मास्क से भिन्न है। इसमे 4 लेयर हैं और अंदर स्टेटीक चार्ज वाली शील्ड है जो कि ESpin द्वारा सप्लाइ किया जाता है। मास्क की डिज़ाइनर दिल्ली की सुरभी सक्सेना है और स्टाइल ऐसा है कि नाक व मुंह अच्छे से ढकता है, साथ ही हवा किनारे से लीक नही होती है। इसका फायदा यह भी है कि चश्मा फॉग नहीं होता है। मास्क कई तरह के रंगो में उपलब्ध है।

उन्नत भारत अभियान के प्रो संदीप संगल ने कहा 'पिछले वर्ष हमारे विद्यार्थियों नें गाँव का विस्तृत सर्वे किया और कई ग्रामीण उत्पादों को चिन्हित किया। यह देखने में आया कि महिलाएं सिलाई-बुनाई, कढ़ाई और क्रोशिया सभी में बहुत अच्छा काम करती हैं। थोड़े डिज़ाइन इनपुट, वित्तीय मदद और मार्केट के सपोर्ट से बहुत प्रोडक्टस गाँव से सीधे शहर पहुंच सकते हैं।

ऑनलाइन सेल के लिए पूरा सपोर्ट आईआईटी कानपुर के ही पूर्व छात्र संदीप सक्सेना जी ने जिम्मा उठाया और धीरे धीरे सभी प्रोडक्टस को www.aranyaani.in पर उपलब्ध करने और ग्रामीण लोगों को ट्रेंड करने की विस्तृत योजना बना ली है जिसका क्रियान्व्न उन्नत भारत अभियान के साथ होगा।

इस सामाजिक प्रयोग में आईआईटी के साथ तामाम पूर्व छात्र और छात्राएँ भी आगे आ रहे है। शुरुआत नितिन त्यागी और राजनाथ के डोनेशन और उनकी दी हुई सिलाई मशीन से हुई।

योजना है कि गाँव में ही एक सिलाई प्रशिक्षण और उत्पादन केंद्र बनाने की जिससे और ग्रामीण महिलाएं भी अपनी आजीविका सहित अच्छा मुनाफा भी कमाए।

प्रोफेसर अभय करंडीकर ने कहा 'मुझे बहुत खुशी है कि हमारी टीम ने ऐसे मास्क तैयार किए हैं जिन्हे बार बार धोकर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह उन्नत मास्क 4 ply के बने हैं और अच्छी गुणवक्ता के साथ बनाए गए है। हम हमेशा गाँव वालों के साथ हैं और इस तरह के प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट देते रहेंगे'। हमारा लक्ष्य 25 सिलाई मशीन वाले ट्रेनिंग केंद्र को बनाना है।

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