कोरोना से मौत के बाद 4 दिन तक पति और बेटे की लाश के साथ अकेली रही विकलांग महिला
थाने में फंदे से लटका मिला युवक
जनज्वार। कोरोना ने न जाने कितने घरों को तबाह कर दिया है। परिवार के परिवार खत्म हो चुके हैं। हालांकि हमारे पीएम मोदी आश्वस्त करते हैं कि समुचित इलाज मिल रहा है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सरेआम इलाज और आक्सीजन के अभाव में होने वाली सैकड़ों मौतों को झुठलाते हैं, मगर कोरोना का कहर है कि थमने का नाम नहीं रहे रहा।
ऐसे में एक दिल दहलाने वाली खबर लखनऊ के कृष्णानगर से सामने आ रही हैं। यहां एलडीए कालोनी में शनिवार 1 मई की रात कोरोना संक्रमित 60 वर्षीय अरविंद गोयल और उनके 25 वर्षीय बेटे आशीष गोयल की लाशें घर से बरामद की गयीं। ये दोनों बाप-बेटे कोविड पॉजिटिव आने के बाद होम आइसोलेशन में रह रहे थे।
पुलिस को मृतक अरविंद गोयल की पत्नी रंजना गम्भीर हालत में घर में पड़ी मिली। विकलांग महिला रंजना को अब पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक होम आइसोलेशन में रहने के दौरान पिता-पुत्र की मौत हुई है। विकलांग रंजना चार दिन से पति और बेटे की लाश के साथ घर में रह रही थी।
इस मामले में जांच कर रहे इंस्पेक्टर महेश दुबे का कहना है कि एलडीए कॉलोनी के मकान नम्बर 215 में अरविंद गोयल का परिवार रहता था। कल शनिवार 1 मई की शाम के वक्त स्थानीय लोगों ने अरविंद गोयल के घर से भयंकर दुर्गंध आने के बाद पुलिस को सूचित किया था।
पुलिस ने वहां पहुंचकर दरवाजा तोड़ा और घर के अंदर दाखिल हुई। दोनों बाप-बेटों अरविंद और आशीष की लाशें अलग-अलग कमरों में पड़ी हुयी थीं। अरविंद की विकलांग पत्नी रंजना भी घर में थीं।
शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने बताया रंजना चलने फिरने में असमर्थ है। वह घर में ही थीं, उनके सामने पति की लाश पड़ी थी। विकलांग रंजना भी कोरोना संक्रमित थीं। उनकी तबीयत भी काफी खराब थी।
पुलिस को रंजना ने बताया कि पति और बेटे की मौत का पता चलने के बाद उसने मदद के लिए कई बार आवाज दी, लेकिन उनकी चीख हर बार घर के अंदर ही दब कर रह गई। पुलिस ने रंजना को हर तरह की मदद का भरोसा दिलाकर किसी तरह अस्पताल में भर्ती कराया।
पुलिस को पड़ोसियों ने बताया कि कोरोना संक्रमित होने के बाद से अरविंद गोयल का पूरा परिवार होम आइसोलेशन में था। अक्सर आशीष और अरविंद ही घर से बाहर आते थे, मगर चार दिन से वह दोनों भी किसी को भी नजर नहीं आए थे। पड़ोसियों के मुताबिक अरविंद की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। आशियाना में रहने वाली अरविंद की मां हर महीने इस परिवार को कुछ पैसे दे जाती थी, मगर पिछले काफी समय से वह भी इस परिवार के पास नहीं आयी थी।