Madhya Pradesh News : एक ही सुई से 30 बच्चों को लगा दी कोरोना वैक्सीन, पूछने पर बेहिचक दिया ये जवाब, FIR
मध्य प्रदेश न्यूज : एक ही सुई से 30 बच्चों को लगा दी कोरोना वैक्सीन, पूछने पर बेहिचक दिया ये जवाब, एफआईआर
Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश के सागर ( Sagar ) जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम ( Covid-19 vaccination programe ) के तहत टीका लगाने वाले जितेंद्र नाम के व्यक्ति ने एक ही सिरिंज से 30 छात्रों को वैक्सीन लगा दी। यह घटना दो दिन पहले यानि 27 जुलाई की है। जितेंद्र का दावा है कि अधिकारियों द्वारा केवल एक सिरिंज ( Needles ) भेजी गई थी और उन्हें विभाग प्रमुख द्वारा सभी बच्चों को इसके साथ टीकाकरण ( Corona Vaccination ) करने का आदेश दिया गया था। छात्रों के माता-पिता द्वारा रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो में जितेंद्र ने कहा कि वह उसका नाम नहीं जानता।
यह घटना सागर शहर के जैन पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल में स्कूली बच्चों के लिए बनाए गए एक कोविड टीकाकरण ( Corona vaccination ) शिविर की है। एक ही सिरिंज से बच्चों को टीका लगाने के मामले की माता-पिता ने शिकायत की थी। शिकायत के आधार पर प्रभारी कलेक्टर क्षितिज सिंघल ने तत्काल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निरीक्षण करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान जितेंद्र मौजूद नहीं थे। घटना के सामने आने के बाद से जितेंद्र का फोन भी स्विच ऑफ है।
वजह पूछने पर दिया ये जवाब
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें पता है कि एक सिरिंज का इस्तेमाल कई लोगों को इंजेक्शन लगाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इस पर जितेंद्र ने कहा कि मुझे यह पता है। यही वजह है कि मैंने अपने अधिकारियों से पूछा कि क्या मुझे सिर्फ एक सिरिंज का इस्तेमाल करना है। उन्होंने कहा - हां, इसलिए यह मेरी गलती नहीं है। मैंने वही किया जो मुझसे करने के लिए कहा गया था।
मामले की जांच शुरू
एमपी के सागर जिला प्रशासन ने जितेंद्र के खिलाफ लापरवाही और केंद्र सरकार की वन निडिल, वन सिरिंज और वन टाइम प्रतिज्ञा का खुले तौर पर उल्लंघन करने के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई है। एफआईआर के बाद आईओ ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में सुबह वैक्सीन व अन्य आवश्यक सामग्री भेजने के प्रभारी जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. राकेश रोशन के खिलाफ भी विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
Madhya Pradesh News : बता दें कि डिस्पोजेबल सीरिंज जो कि सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल की जाती है। 1990 के दशक से ही एचआईवी फैलने के बाद से डिस्पोजेबल सीरिंज यूज किया जाने लगा था। एक ही सीरिंज से सभी को टीका लगाने से चिंतित माता-पिता द्वारा बनाए गए एक वीडियो में जितेंद्र को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि जिस व्यक्ति ने सामग्री वितरित की, उसने केवल एक सिरिंज दी।