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कोविड -19

चीन में कोरोना से भयावह हालातों को देख अलर्ट मोड पर मोदी सरकार, IMA ने कहा- लॉकडाउन की जरूरत नहीं

Janjwar Desk
24 Dec 2022 6:43 PM IST
Coronavirus Deaths: कोरोना में सरकारी आंकड़ों से 10 गुना ज्यादा 47 लाख लोगों की हुई भारत में मौत - WHO का दावा (file photo)
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Coronavirus Deaths: कोरोना में सरकारी आंकड़ों से 10 गुना ज्यादा 47 लाख लोगों की हुई भारत में मौत - WHO का दावा (file photo) 

Corona virus : देश में कोरोना की दूसरी लहर ने भयावह हालात पैदा किये थे, जिन्होंने अपनों को खोया है, वह इस त्रासदी को शायद ही कभी भूल पायेंगे। दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में इतने लोगों को भर्ती कराया गया कि बेड और आक्सीजन कम पड़ गया था...

Corona Virus : कोरोना वायरल की दहशत फैलाने वाली खबरें एक बार ​मीडिया में आने लगी हैं। चीन के बारे में दावा किया जा रहा है कि वहां हर रोज अनगिनत केस आ रहे हैं और मौतों का आंकड़ा इतना ज्यादा है कि शवों के अंतिम संस्कार के लिए 20 दिन की वेटिंग लेनी पड़ रही है। स्कूलों को कोरोना केंद्र में तब्दील कर दिया गया है।

ऐसे हालातों में हमारे देश में भी कोरोना के सेकेंड फेज में हुई अनगिनत मौतों के बाद लोग डरे हुए हैं, चेहरों पर मास्क फिर एक बार नजर आने लगे हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने भी कोरोना के खतरे को भांपते हुए एहतियात बरतने की हिदायत दी है।

रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि चीन में इस समय कोरोना के BF.7 सब-वैरिएंट से हर दिन 5 हजार मौतें हो रही हैं। राहत की बात यह है कि यह वैरिएंट भारत में सितंबर में आ गया था। देश में इसके केवल 4 केस हैं। इनमें 3 गुजरात और 1 केस ओडिशा में है। बिना लक्षण के ये मरीज अब स्वस्थ हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों को पत्र भेजकर कहा है कि हालांकि हमारे देश में कोरोना की रफ्तार धीमी है, मगर आने वाली चुनौती के लिए पहले से ही तैयारी कर लेनी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देशित किया है कि ऑक्सीजन की सप्लाई में कमी नहीं आनी चाहिए, न ही वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सप्लाई की मशीनें खराब हों।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया कह चुके हैं, 'चीन, जापान, साउथ कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड से आने वाले यात्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट जरूरी होगा। यदि इन देशों के किसी भी यात्री में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं या टेस्ट पॉजिटिव पाया जाता है तो इन लोगों को क्वारैंटाइन किया जाएगा।'

वहीं इस बीच राहत की खबर यह है​ कि भारत में इस बार कोरोना के नये वेरिएंट BF.7 के खतरे को विशेषज्ञ भी हल्के में ले रहे हैं। कथित तौर पर चीन में बढ़ते कोरोना वैरिएंट BF.7 के खतरे के बीच AIIMS के पूर्व डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि भारत में कोरोना की नई लहर आने का खतरा नहीं है, क्योंकि यहां के लोगों में हाइब्रिड इम्युनिटी है। भारत में फिलहाल हालात ठीक हैं और यहां इंटरनेशनल ट्रैवल पर प्रतिबंध लगाने की भी जरूरत नहीं है, क्योंकि पिछले अनुभव भी बताते हैं कि इन्फेक्शन का संक्रमण रोकने में फ्लाइट्स को बैन किया जाना कारगर नहीं हो पाया था।

डॉ गुलेरिया के मुताबिक, कोरोना के गंभीर मामले सामने आने और अस्पताल में लोगों को भर्ती किए जाने की संभावना बहुत कम है, क्योंकि भारत के लोगों में नेचुरल इन्फेक्शन और वैक्सीनेशन कवरेज अच्छा होने की वजह से हाइब्रिड इम्युनिटी है। उन्होंने कहा कि भारत में ओमिक्रॉन का BF.7 सब-वैरिएंट काफी समय पहले से हैं इसलिए इसका नया ब्रेकआउट होने की आशंका न के बराबर है।

वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के डॉक्टर अनिल गोयल ने भी कहा है कि भारत में लॉकडाउन की जरूरत नहीं पड़ेगी। IMA का दावा है कि चीन की तुलना में भारत के लोगों की इम्यूनिटी ज्यादा स्ट्रॉन्ग है। भारत की 95% आबादी में कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी बनी है, ऐसे में देश में लॉकडाउन नहीं लगेगा।

गौरतलब है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर ने भयावह हालात पैदा किये थे, जिन्होंने अपनों को खोया है, वह इस त्रासदी को शायद ही कभी भूल पायेंगे। दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में इतने लोगों को भर्ती कराया गया कि बेड और आक्सीजन कम पड़ गया था।

जहां तक हमारे देश में कोरोना केसों का सवाल है तो पिछले 24 घंटों में 201 नए कोरोना केस सामने आए हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने आज जारी जानकारी में बताया कि भारत में एक्टिव मामले 3,397 हैं, जो कुल मामलों का 0.01% है। रिकवरी रेट फिलहाल 98.8% है। पिछले 24 घंटों में 183 लोग ठीक हुए हैं, जिससे ठीक होने वालों की कुल संख्या 4,41,42,791 हो गई है।

कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर भी स्वास्थ्य मंत्रालय की ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें जानकारी दी गयी है कि देश में 75% लोगों ने कोविड का बूस्टर डोज नहीं लगवाया है। एक भी राज्य में बूस्टर डोज का कवरेज 50% तक नहीं पहुंचा है। वहीं तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा में 40% से ज्यादा लोगों ने बूस्टर डोज लगवा ली है।

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