मोदी सरकार ने सीरम को ऑर्डर की आबादी की सिर्फ 4 फीसदी वैक्सीन, फिर कैसे कंट्रोल होगा कोरोना?
जनज्वार डेस्क। कोरोना महामारी की दूसरी लहर की मार ने देश में हाहाकार मचाया हुआ है। वहीं सरकार की ओर से वैक्सीनेशनल अभियान तेज करने की बातें हो रही हैं। वैक्सीन डिप्लोमेसी के नाम पर केंद्र की मोदी सरकार ने दुनिया के अनेक देशों तक वैक्सीन पहुंचाई लेकिन अब अपने ही देश में उसे वैक्सीन शॉर्टेज का सामना करना पड़ रहा है।
इस मामले के जानकार बताते हैं कि सरकार ने बीते साल 2020 के दिसंबर से लेकरर अभी तक केवल 11 करोड़ वैक्सीन की डो का ऑर्डर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को दिया है। जो भारत की 130 करोड़ से अधिक की आबादी का मात्र 4 फीसदी तक है। सीरम भारत में कोविशिल्ड वैक्सीन का प्रोडक्शन कर रहा है। यह दुनिया की सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनियों में से एक मानी जाती है।
बता दें कि देशभर में प्रतिदिन कोरोना के तीन लाख से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। एक दिन में चार लाख से ज्यादा नए मामले का आंकड़ा भी टूूट चुका है। इसके साथ ही कोरोना से देश में दो लाख से ज्यादा लोग अपनी जान से हाथ धो चुके हैं। सरकारें मौत के जो आंकड़े बता रही है वो श्मशानों और कब्रिस्तानों से मेल नहीं खा रहे हैं।
इन सबके बीच सरकार ने वैक्सीनेशन के तीसरे चरण को मंजूरी दी है। जिसमें 18 साल से ऊपर के हर उम्र के व्यक्ति को वैक्सीन लगायी जाएगी लेकिन समस्या वैक्सीन के प्रोडक्शन की हो गयी। वैक्सीन न मिलने के चलते यह अभियान बेहद धीमा चल रहा है।
सीरम देश में वैक्सीन सप्लाई का मुख्य सप्लायर है। केंद्र और राज्य सरकारें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से बड़ी संख्या में वैक्सीन की डिमांड कर रही हैं। सीरम इंस्टीट्यूट की क्षमता अभी एक महीने में सिर्फ छह से सात करोड़ तक की डोज बनाने की है, जिसे जुलाई तक दस करोड़ डोज तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।
वैक्सीन की कमी और 18 साल से ऊपर के लोगों का वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने की वजह से केंद्र और राज्य सरकारों में एक-दूसरे से भिड़ंत भी देखी गई है। इतना ही नहीं, हाल में सीरम के मुखिया अदार पूनावाला ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उन्हें भारत के कई प्रमुख प्रभावशाली लोगों से धमकियां मिल रही हैं। वे अपनी बेटी और पत्नी के साथ ब्रिटेन भी चले गए।
फाइनेंशियल टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में पूनावाला ने बताया कि देश में जुलाई तक वैक्सीन की कमी रहने की संभावना है। हालांकि, सीरम ने प्रोडक्शन की गति तेज जरूर की है। उन्होंने कहा, ''हमने कभी नहीं सोचा था कि हमें एक साल में सौ करोड़ से अधिक डोज बनाने की जरूरत होगी।'' हालांकि, सीरम इंस्टीट्यूट के प्रवक्ता ने कोविड वैक्सीन के ऑर्डर पर कोई बयान देने से इनकार कर दिया।