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कोविड -19

कोरोना काल के बीच बिहार के अररिया में टूटे मानवीय रिश्ते, सरकारी अफसरों ने लाश का भी किया सौदा

Janjwar Desk
17 May 2021 3:48 PM IST
कोरोना काल के बीच बिहार के अररिया में टूटे मानवीय रिश्ते, सरकारी अफसरों ने लाश का भी किया सौदा
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सरकारी आंकड़ों में ही अब तक कोरोना से 4 लाख 26 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं

मृतका के एक रिश्तेदार की माने तो अंतिम संस्कार करने आए नगर परिषद के कर्मियों ने पंद्रह हजार रुपये लिए। वहीं परिजन ब्रजेश कुमार ने बताया कि कर्मियों ने शव का अंतिम संस्कार करने के एवज में 30 हजार रुपये की मांग घरवालों से की थी....

जनज्वार ब्यूरो/पटना। कोरोना महामारी के समय मानवीय और सामाजिक रिश्ते लगातार टूट रहे हैं। अपनों की मौत पर भी परिवार और स्वजनों के मुंह मोड़ने की घटना लगातार सामने आ रही हैं। खून के रिश्ते तक खत्म होते दिख रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ आपदा में अवसर बनाने वालों की भी कमी नहीं है।

ऐसा ही कुछ मामला बिहार के अररिया स्थित फारबिसगंज में सामने आया है, यहां स्टेशन चौक निवासी अशोक भगत कोरोना संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती हो गए। बेटे के अस्पताल में भर्ती होने के एक दिन बाद ही वियोग में मां ने दम तोड़ दिया।

बुजुर्ग महिला की मौत के बाद एक दिन तक उसका शव घर में पड़ा रहा। समाज के लोगों के साथ स्वजनों ने भी कोरोना के डर से अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। बाद में नगर परिषद प्रशासन ने पहल की और मौत के दूसरे दिन सुभाष चौक श्मशान घाट पर महिला का अंतिम संस्कार करवाया। लेकिन आपदा को अवसर मान रहे नगर परिषद के कर्मचारियों ने अंतिम संस्कार का ही सौदा कर डाला।

मृतका के एक रिश्तेदार की माने तो अंतिम संस्कार करने आए नगर परिषद के कर्मियों ने पंद्रह हजार रुपये लिए। वहीं परिजन ब्रजेश कुमार ने बताया कि कर्मियों ने शव का अंतिम संस्कार करने के एवज में 30 हजार रुपये की मांग घरवालों से की थी, लेकिन बाद में 15 हजार रुपये लेकर शव का अंतिम संस्कार किया गया।

85 साल की मृतक महिला बिंदा देवी, पति विश्वनाथ भगत का इकलौता पुत्र अशोक भगत बुधवार 12 मई को कोरोना संक्रमित हो गए। सांस लेने में तकलीफ और कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे अनुमंडल अस्पताल के डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घर में दो छोटे पोता और बहू ने वृद्ध मां को पुत्र के संक्रमित होने की जानकारी नहीं दी। बावजूद इसके वृद्ध मां अपने पुत्र को खोज रही थी और फिर बेटे के वियोग में अगले दिन दम तोड़ दिया था।

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जयराम प्रसाद ने इस मामले पर कहा कि नगर परिषद के कर्मियों पर रुपये लेकर अंतिम संस्कार करने का जो आरोप लगा है, उसकी जांच कराएंगे। जांच में अगर बात सही साबित होती है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

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