संसदीय समिति की बैठक में भाजपाई सांसदों ने खूब काटा बवाल, हर सही सवाल पर किया वाकआउट
पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश ने भाजपा सांसदों के मीटिंग टालने की मांग को किया सिरे से खारिज और कहा कि स्थायी समिति की बैठक आम सहमति के आधार पर होती है
जनज्वार। कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीन एक बड़ा हथियार है, लेकिन एक ओर जहां कोरोना वैक्सीन को लेकर देश में सियासत खूब हो रही है। वहीं दूसरी ओर वैक्सीन के विकास को लेकर हुए संसदीय समिति की बैठक में जोरदार हंगामा हुआ। बुधवार 23 जून को हुई इस बैठक में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला, जहां विरोध में बीजेपी सांसदों ने वॉकआउट तक कर दिया।
दरअसल, वैक्सीन नीति पर मंथन के लिए बुधवार को 23 जून को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़ी संसदीय समिति की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश कर रहे थे। बैठक का उद्देश्य कोविड-19 के टीका के विकास, कोरोना वायरस और उसके वेरिएंट की जीनोम सीक्वेंसिंग था। इस बैठक में सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन, आईसीएमआर के डीजी वीके भार्गव और बायोटेक्नोलॉजी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप समेत अन्य लोग शामिल हुए।
लेकिन बैठक में बीजेपी सांसदों ने अच्छा खासा हंगामा किया। जानकारी के मुताबिक मंथन के दौरान विपक्ष के सांसदों ने कोरोना वैक्सीन की खरीद, उसकी कीमत और दो टीकों के बीच बढ़ाए गए अंतराल को लेकर सवाल उठाने की इच्छा जताई, जिस पर भाजपा सांसदों ने विरोध शुरू कर दिया।
सत्ता पक्ष के सांसदों का कहना था कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय केवल शोध और विकास का काम करता है। वैक्सीन की खरीद, कीमत या टीकाकरण उसके अंतर्गत नहीं आता। बीजेपी सांसदों का कहना है कि देश में वैक्सीनेशन ड्राइव चल रहा है और ये सही समय नहीं है इस मुद्दे को उठाने का। इससे टीकाकरण प्रक्रिया को नुकसान हो सकता है।
This is completely, totally, absolutely FALSE.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 23, 2021
PM-CARES was not mentioned even once in 150 minutes of today's Standing Committee meeting. Report news. Don't peddle LIES. https://t.co/28qAoPnRtX
इस दौरान कुछ भाजपा सांसदों ने मीटिंग को टालने की मांग की और इस पर मतदान कराना चाहते थे। लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश ने इसे सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि स्थायी समिति की बैठक आम सहमति के आधार पर होती है।
सूत्रों की मानें तो जयराम रमेश का मानना था कि अगर अध्यक्ष के रूप में यह उनकी अंतिम बैठक भी होती तब भी वोटिंग नहीं होगी, जिसके बाद विरोध दर्ज कराते हुए बीजेपी के कुछ सांसद मीटिंग से वॉकआउट कर गए। ये पूरा ड्रामा करीब एक घंटे चला। हालांकि बाद में सभी सांसद वापस आ गए।
खबर है कि संसदीय समिति ने वैक्सीन के रिसर्च और विकास को लेकर मंत्रालय तथा वैज्ञानिक समुदाय की भूमिका की सराहना भी की।
हालांकि बाद में ऐसी खबरें आय़ीं कि संसदीय समिति की बैठक में पीएम केयर फंड का जिक्र हुआ और बैठक की अध्यक्षता कर रहे कांग्रेस सांसद ने पीएम केयर फंड के तहत हुए निवेश और इस फंड से मिले मेडिकल इक्यूपमेंट के बारे में जानना चाहा, जिस पर बीजेपी सांसदों ने ये कहते हुए विरोध जताया कि ये मीटिंग का एजेंडा नहीं था, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इन खबरों का गलत बताते हुए ट्वीट किया। उन्होंने दावा किया कि 150 मिनट तक चली मीटिंग में पीएम केयर का एक बार जिक्र तक नहीं हुआ।