श्मशान घाटों की लंबी लाइन के बाद दिल्ली के कब्रिस्तानों में भी नहीं बची लाश दफनाने की जगह, वापस लौट रहीं मयतें
मेरठ के बाले मियां कब्रिस्तान में दो महीनों में दफनाये गये रिकॉर्ड एक हजार से ज्यादा शव (photo : प्रतीकात्मक)
जनज्वार। दिन-ब-दिन कोरोना और ज्यादा भयावह होता जा रहा है और सबसे भयावह है कोरोना से होती मौतों का आंकड़ा। अस्पतालों में इलाज और आक्सीजन के अभाव में होने वाली मौतें डराने वाली हैं। ऐसे में अब श्मशान घाटों की चिमनियां तक 24 घंटे लाशें जलाने के कारण पिघल रही है, अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है, लकड़ियां तक कम पड़ रही हैं। ऐसे में अब कब्रिस्तानों में भी लाशों को दफनाने की जगह नहीं बचे होने की खबर सामने आ रही है।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक दिल्ली के प्रमुख कब्रिस्तान में कोरोना संक्रमित लाशों को दफनाने की जगह ही नहीं बची है, जिसके बाद शवों को कब्रिस्तान से लौटाया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक कब्रिस्तानों में लाशों को दफनाने की जगह नहीं बची होने के कारण के कब्रिस्तान कमेटियों ने कोरोना से होने वाली मौतों के अंतिम संस्कार के लिए प्रवेश देना बंद कर दिया है।
दिल्ली के शास्त्री पार्क क्रबिस्तान में कोरोना संक्रमित शवों की मयतों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है। रोक लगाने के बाद शुक्रवार 23 अप्रैल को 3 मयतें वापस लौटा दी गयी थीं।
हिंदुस्तान में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक कमेटी के सदस्य सुलेमान का कहना है कि इस महीने 100 से अधिक कोरोना संक्रमित शव कब्रिस्तान में दफनाए गए हैं। अब कब्रिस्तान में जगह ही नहीं बची है। इसीलिए कोरोना संक्रमित शवों की मयत के प्रवेश को बंद कर दिया गया है। शुक्रवार 23 अप्रैल को शास्त्री पार्क क्रबिस्तान में एक भी कोरोना संक्रमित का शव नहीं दफनाया गया, कोरोना से मरने वाले 3 लोगों की मयत वापस लौटा दी गयी थी।
न सिर्फ शास्त्री पार्क कब्रिस्तान बल्कि आईटीओ जदीद कब्रिस्तान में पहुंची 4 मयतों को भी 23 अप्रैल को जगह न होने के कारण वापस लौटा दिया गया। कब्रिस्तान कमेटी के मुताबिक यहां दफनाने के लिए जगह ना होने के चलते गेट से ही 4 मयतों को वापस लौटना पड़ा।
जदीद कब्रिस्तान कमेटी के सदस्य शमीम ने हिंदुस्तान को दिये बयान में कहा, 14 कोरोना शव कल शुक्रवार को कब्रिस्तान में दफनाए गए हैं और वहीं 4 मयतों को वापस लौटाया गया है। कब्रिस्तान में जगह कम बचे होने की वजह से दूसरी क्षेत्रों की मयतों को वापस लौटाने का फैसला लिया गया है। अब कब्रिस्तान में 40 से 50 मयतों को दफनाने की जगह ही बची है, जिसमें सिर्फ इस क्षेत्र से आने वाले कोरोना संक्रमित शवों को ही दफनाये जाने का निर्णय लिया गया है।